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यूक्रेन संकट: ज़रूरतमन्दों तक खाद्य सहायता पहुँचाने के लिये प्रयासों में तेज़ी

हिंसक संघर्ष की आँच में झुलस रहे यूक्रेनी इलाक़ों में खाद्य सामग्री की आपूर्ति डांवाडोल हो गई है, जिसके मद्देनज़र, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने अपने सहायता अभियान का दायरा व स्तर बढ़ाने के प्रयास शुरू कर दिये हैं. यूएन एजेंसी ने आगाह किया है कि मौजूदा टकराव के नतीजे, यूक्रेन से इतर अन्य क्षेत्रों में दिखाई देने की सम्भावना है. यूक्रेन को लम्बे समय से योरोपीय देशों के लिये अनाज के भण्डार के रूप में देखा जाता रहा है, मगर फ़िलहाल वहाँ जारी लड़ाई के कारण वैश्विक स्तर पर गेहूँ व्यापार में व्यवधान आने की आशंका है. इसकी वजह से, खाद्य क़ीमतों और खाद्य सुरक्षा पर असर होने की चिन्ता जताई गई है. #HappeningNow for the people of #Ukraine: massive @WFP scale-up in action. When you're ramping up to feed 3-5 million people, it takes LOTS of food being purchased inside/outside the country, LOTS of convoys rolling & LOTS of cash assistance given to families who need it! 🇺🇦 pic.twitter.com/qGcl2N4NyK — David Beasley (@WFPChief) March 4, 2022 विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रमुख डेविड बीज़ली ने पोलैण्ड-यूक्रेन की सीमा पर स्थित एक केंद्र की यात्रा के दौरान कहा, “यूक्रेन में गोलियों और बमों से वैश्विक भूख संकट, ऐसे स्तर पर पहुँच सकता है, जैसाकि हमने पहले कभी नहीं देखा हो.” यूएन एजेंसी ऐसे केंद्र स्थापित करने में जुटी है, जिनसे यूक्रेन में खाद्य सहायता वितरित की जा सके और पड़ोसी देशों में पहुँचने वाले शरणार्थियों को भी मदद मुहैया कराई जा सके. बताया गया है कि आठ दिन पहले, यूक्रेन संकट की शुरुआत से अब तक 20 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं. इनमें से लगभग आधी संख्या में लोगों ने देश छोड़ा है, जिनमें पाँच लाख बच्चे हैं. यूक्रेन की एक शरणार्थी ल्युडमिला ने WFP को बताया, “मैं अपने घर लौटना चाहती हूँ, मैं हर जगह शान्ति चाहती हूँ, और मैं इस युद्ध को जारी नहीं देखना चाहती.” यूएन एजेंसी के लिये तात्कालिक प्राथमिकता, यूक्रेन में सर्वाधिक ज़रूरतों वाले इलाक़ों में ‘खाद्य जीवनरेखा’ (Food lifeline) स्थापित करने की है, जैसेकि राजधानी कीएफ़ में. सहायता प्रयास ख़बरों के अनुसार, कीएफ़ और पूर्वोत्तर में स्थित ख़ारकीफ़ शहर में भोजन व जल की गम्भीर क़िल्लत महसूस की जा रही है. यूएन एजेंसी के कर्मचारी पहले से तैयार रखी गई खाद्य सामग्री को जल्द से जल्द उन इलाक़ों में भेजना चाहते हैं, जहाँ लड़ाई भड़कने की आशंका है. विश्व खाद्य कार्यक्रम, यूक्रेन में साझीदार संगठनों को चिन्हित करने के लिये प्रयासरत है, ताकि सहायता वितरित की जा सके. इस क्रम में, पड़ोसी देशों में खाद्य सामग्री का प्रबन्ध करने के इरादे से विक्रेताओं की पहचान की जा रही है. नक़दी की क़िल्लत के बीच, यूएन एजेंसी परिवारों को खाद्य वितरण, नक़दी, भोजन के लिये वाउचर के रूप में सहायता मुहैया करा रही है. खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) का नवीनतम इण्डेक्स दर्शाता है कि पिछले महीने, वैश्विक खाद्य क़ीमतें दस वर्षों के अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गईं. रूसी महासंघ और यूक्रेन, विश्व भर में क़रीब 30 फ़ीसदी गेहूँ व्यापार के लिये ज़िम्मेदार हैं. विश्व खाद्य कार्यक्रम ने चिन्ता जताई है कि उत्पादन व निर्यात में गम्भीर व्यवधान आने से खाद्य क़ीमतों में तेज़ उछाल दर्ज किया जा सकता है, जिससे लाखों लोग प्रभावित होंगे. सम्भावित वैश्विक असर यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा, “यह केवल यूक्रेन के भीतर संकट नहीं है. यह आपूर्ति श्रृंखलाओं, और विशेष रूप से खाद्य क़ीमतों को प्रभावित करने वाला है.” हिंसक संघर्ष से पहले, WFP द्वारा क़रीब 50 फ़ीसदी गेहूँ यूक्रेन से ख़रीदा जा रहा ताकि यमन, इथियोपिया और सीरिया समेत अन्य देशों में भूख की मार झेल रहे देशों तक सहायता पहुँचाई जा सके. यूएन एजेंसी ने कहा कि मौजूदा घटनाक्रम के मद्देनज़र संचालन क़ीमतों में प्रति माह, लगभग छह से साढ़े सात करोड़ डॉलर की वृद्धि होने की सम्भावना है. इसका अर्थ है कि कम संख्या में ही लोगों को भोजन मिल पाएगा, और भूखे पेट सोने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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