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यूक्रेन संकट, सम्पूर्ण अन्तरराष्ट्रीय प्रणाली की परीक्षा – यूएन प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र के शीर्षतम अधिकारी एंतोनियो गुटेरेश ने यूक्रेन में नवीनतम घटनाक्रम पर गहरी चिन्ता जताई है और मौजूदा संकट को सम्पूर्ण अन्तरराष्ट्रीय व्यवस्था की एक परीक्षा क़रार दिया है. उन्होंने सम्वाद को बढ़ावा देने व तनाव में कमी लाने पर ज़ोर देते हुए कहा है कि दुनिया को इस परीक्षा में खरा उतरना होगा. यूएन प्रमुख ने मंगलवार को न्यूयॉर्क मुख्यालय में पत्रकारों को बताया कि, “रूसी महासंघ का दोनेत्स्क और लूहान्स्क क्षेत्रों के कुछ हिस्सों की कथित स्वतंत्रता को मान्यता देने का निर्णय, यूक्रेन की क्षेत्रीय अखण्डता व सम्प्रभुता का हनन है.” This is high time for de-escalation. This is high time to return to dialogue and negotiation. I think the present crisis will be in the end terribly detrimental both to Ukraine and to the Russian Federation - @antonioguterres's full remarks to the press: https://t.co/2kKRCy9KO4 pic.twitter.com/Vg5TRrcX9k — UN Spokesperson (@UN_Spokesperson) February 22, 2022 यूएन प्रमुख ने इस अहम क्षण में तत्काल युद्धविराम और क़ानून के राज को फिर से स्थापित किये जाने का आहवान किया है. यूक्रेन संकट के मद्देनज़र, संयुक्त राष्ट्र महासचिव अफ़्रीकी देशों की एक अहम बैठक बीच में ही छोड़कर यूएन मुख्यालय वापिस आए हैं. बताया गया है कि सम्पर्क रेखा पर युद्धविराम उल्लंघन की घटनाएँ बढ़ी हैं और ज़मीन पर हालात और ख़राब होने की आशंका है. महासचिव ने कहा कि हमारी दुनिया हाल के वर्षों में वैश्विक शान्ति व सुरक्षा के सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है. “निश्चित रूप से महासचिव के तौर पर मेरे कार्यकाल के दौरान.” “संयुक्त राष्ट्र और सम्पूर्ण अन्तरराष्ट्रीय प्रणाली की परीक्षा ली जा रही है, और हमें इस परीक्षा में खरा उतरना है.” यूएन चार्टर के विरुद्ध महासचिव के मुताबिक़ इस तरह का एकतरफ़ा क़दम, यूएन चार्टर के सिद्धान्तों के भी विरुद्ध है और महासभा के मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध घोषणापत्र की भावना के भी विपरीत है. उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा परिषद द्वारा समर्थित मिन्स्क समझौतों पर घातक चोट है. यूएन प्रमुख ने सभी पक्षों से ऐसी कार्रवाई व बयानों से परहेज़ बरतने का आग्रह किया है जिनसे हालात और बिगड़ सकते हैं. “यह सही समय है जब सम्वाद व बातचीत के रास्ते पर वापिस लौटा जाए.” उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धान्तों को मनमर्ज़ी से इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता है. “सदस्य देशों ने उन सभी को स्वीकार किया है और उन्हें सभी को ही अमल में लाना होगा.” महासचिव गुटेरेश ने शान्तिरक्षा के सिद्धान्त को भी तोड़-मरोड़ कर पेश किये जाने पर चिन्ता जताई. © UNICEF/Ashley Gilbertson यूक्रेन के दोनेत्स्क के अवदीवका में एक ध्वस्त इमारत. “यूएन शान्तिरक्षा अभियानों की उपलब्धियों पर मुझे गर्व है, जिनमें बड़ी संख्या में ब्लू हैलमेट्स ने आम लोगों की रक्षा के लिये अपने प्राण न्यौछावर किये हैं.” “जब किसी एक देश की सैन्य टुकड़ियाँ, किसी अन्य देश के क्षेत्र में बिना उसकी अनुमति के प्रवेश करती हैं, तो वे निष्पक्ष शान्तिरक्षक नहीं हैं.” “वे शान्तिरक्षक बिलकुल भी नहीं हैं.” सम्प्रभुता का समर्थन महासचिव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, सुरक्षा परिषद और महासभा के प्रासंगिक प्रस्तावों के अनुरूप, यूक्रेन की सम्प्रभुता, राजनैतिक स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता के समर्थन में साथ खड़ा है. “हम यूक्रेन के लोगों का हमारे मानवीय अभियानों व मानवाधिकार प्रयासों के ज़रिये समर्थन करना जारी रखे हुए हैं.” “हमें संयम और तर्क की आवश्यकता है. हमें अभी तनाव में कमी लाने की ज़रूरत है.” महासचिव गुटेरेश ने आमजन की सलामती और कल्याण के प्रति चिन्ता व्यक्त की है और ध्यान दिलाया है कि स्थानीय आबादी पहले से ही मौत, विध्वंस और विस्थापन की पीड़ा झेल रही है. यूएन प्रमुख ने कहा कि शान्ति व यूक्रेन की जनता की रक्षा के लिये और युद्ध के दंश से बचने के लिये इस चुनौती का सामना, साथ मिलकर किया जाना होगा. उन्होंने बिना रक्तपात के इस संकट को सुलझाने के लिये हरसम्भव प्रयास करने का संकल्प व्यक्त किया है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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