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यूक्रेन: जान बचाकर भाग रहे लोगों के साथ 'भेदभाव, हिंसा, नस्लभेद' की निन्दा

शरणार्थी मामलों के लिये संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNHCR) के उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैण्डी ने यूक्रेन में हिंसा से जान बचाने के लिये पड़ोसी देशों में शरण लेने वाले, अन्य देशों के नागरिकों के साथ नस्लवाद और भेदभाव पर क्षोभ प्रकट किया है. उन्होंने सोमवार, 21 मार्च, को ‘नस्लीय भेदभाव के उन्मूलन के लिये अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ पर जारी अपने वक्तव्य में सभी शरणार्थियों के लिये करुणा व एकजुटता के साथ पेश आने का आग्रह किया है. उच्चायुक्त ग्रैण्डी ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की शुरुआत से अब तक 30 लाख से अधिक यूक्रेनी शरणार्थियों को जिस तरह अन्य समुदायों ने समर्थन दिया है, वह बेहद भावुक कर देने वाला है. मगर, अनेक अल्पसंख्यकों, अक्सर वहाँ शिक्षा प्राप्त करने वाले विदेशी छात्रों या कार्य कर रहे विदेशी कामगारों ने अपना एक अलग अनुभव बयान किया है. For refugees. For stateless people. For internally displaced people. For asylum seekers. Racism is a serious threat to life, dignity and human rights. We all have a responsibility to #FightRacism. pic.twitter.com/awRO4NPBIa — UNHCR, the UN Refugee Agency (@Refugees) March 21, 2022 उन्होंने कहा कि हमने कटु वास्तविकता भी देखी है कि यूक्रेन, और अन्य युद्धों व हिंसक संघर्षों में जान बचाकर जा रहे विभिन्न रंग व नस्ल के लोगों साथ, यूक्रेनी शरणार्थियों जैसा बर्ताव नहीं हुआ है. यूएन शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख ने बताया कि अन्य देशों के नागरिकों ने अपने साथ भेदभाव, हिंसा व नस्लभेद की घटनाओं की जानकारी दी, जोकि परेशानी भरी बात है. “हम अपने अनेक माध्यमों और संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि सभी लोगों की समानतापूर्ण ढंग से रक्षा सुनिश्चित हो सके.” उन्होंने बताया कि शरणार्थी अनुभव सार्वभौमिक है, पीड़ा व दुख के साथ, कुछ खो जाने की भावना और क्षोभ के साथ, एक अनिश्चित भविष्य के प्रति घबराहट व सुरक्षा मिलने के इत्मीनान के साथ, जोकि जान बचाकर भाग रहे सभी लोग महसूस करते हैं. फ़िलिपो ग्रैण्डी ने ध्यान दिलाया कि वे सभी हमारी करुणा, सहानुभूति और समर्थन के हक़दार हैं, उनके साथ एकजुटता व्यक्त की जानी होगी और भेदभाव व पूर्वाग्रह कृत्यों की निन्दा भी की जानी होगी. यूएन एजेंसी प्रमुख के मुताबिक़ उनका संगठन जान बचाकर भागने के लिये मजबूर हुए लोगों की रक्षा करने के लिये ही है, मगर यह भी समझना होगा कि कुछ ने विषमता और बहिष्करण का अनुभव किया है. असन्तुलन व विरोधाभास उन्होंने कहा कि दुनिया में एक समानान्तर असन्तुलन के प्रत्यक्षदर्शी बनते हुए हमें अन्दरूनी विरोधाभासों को स्वीकारना होगा. “यूक्रेन में युद्ध और उसकी वजह से उपजे विनाशकारी मानवीय संकट से, नस्लवाद और भेदभाव के विरुद्ध लड़ाई में संकल्प व लगन की चुनौतियाँ और अवसर भी पैदा हुए हैं.” उन्होंने दोहराया कि पोलैण्ड, हंगरी, मोल्दोवा, स्लोवाकिया और रोमानिया समेत अन्य पड़ोसी देशों के अनेक नागरिकों ने स्वागत व करुणा का प्रदर्शन करते हुए अपने दिलों व घरों को यूक्रेनी लोगों के लिये खोल दिया है. “समर्थन की एक वैश्विक लहर ने हमें, हमारी साझा मानवता और एकजुटता की शक्ति का ध्यान दिलाया है.” “जबकि मैं और UNHCR में मेरे सहकर्मी हर दिन देखते हैं कि दुनिया भर में किस तरह मेज़बान समुदाय व परिवार, ऐसी एकजुटता व्यक्त करते हैं, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि साझा किये जाने का वैश्विक दायित्व सभी शरणार्थियों के लिये मज़बूत बनाया जाए, भले ही उनकी पृष्ठभूमि कोई भी हो.” © UNHCR/Valerio Muscella यूक्रेन से आने वाले शरणार्थी पोलैण्ड में प्रवेश करने के बाद अलाव जलाकर निवाच ले रहे हैं. नस्लवाद का सक्रिय विरोध फ़िलिपो ग्रैण्डी ने कहा कि नस्लवाद के विरोध का अर्थ है, नस्लभेद और नस्लीय भेदभाव की सक्रियता से शिनाख़्त और उसका विरोध. “आज और हर दिन, मैं आप सभी से बहिष्करण करने वाली नीतियों, प्रथाओं और व्यवहारों के विरुद्ध आवाज़ उठाने का आहवान करता हूँ.” इस अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर अपने सन्देश में यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, नस्लीय भेदभाव से मुक्त दुनिया की कल्पना को साकार करने की पुकार लगाई है. उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये हर दिन, हर स्तर पर, हर समाज में प्रयास किये जाने होंगे. महासचिव गुटेरेश ने लोगों व समुदायों से, साझा मानवता के लिये एकजुट होने और सर्वजन के लिये समानता, न्याय व गरिमा सुनिश्चित किये जाने की पुकार लगाई है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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