ukraine-37-lakh-people-left-the-country-aid-efforts-for-the-needy
ukraine-37-lakh-people-left-the-country-aid-efforts-for-the-needy

यूक्रेन: 37 लाख लोगों ने छोड़ा देश, ज़रूरतमन्दों के लिये सहायता प्रयास

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण और पिछले एक महीने से जारी युद्ध के कारण एक करोड़ से अधिक लोग, जान बचाने के लिये अपना घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं. 37 लाख से अधिक लोगों ने अन्य देशों में शरण ली है, और 65 लाख घरेलू विस्थापन का शिकार हुए हैं. यूएन एजेंसियाँ, लगातार हो रही हिंसा और बढ़ती मानवीय आवश्यकताओं के बीच, सर्वाधिक ज़रूरतमन्दों तक राहत पहुँचाने के लिये प्रयासरत हैं. यूएन शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के लिये यूक्रेन में प्रतिनिधि कैरोलिना लिण्डहॉम बिलिंग ने शुक्रवार को बताया कि अब तक 37 लाख से अधिक लोग देश छोड़कर जा चुके हैं. क़रीब एक करोड़ 30 लाख लोग अब भी प्रभावित इलाक़ों में फँसे हुए हैं या फिर सुरक्षा जोखिमों, ध्वस्त सड़कों व पुलों के कारण वहाँ से निकलने में असमर्थ हैं. One month in, 3.7 million people have been forced to flee Ukraine, making this the fastest-growing refugee crisis since World War II. An additional 6.5 million people have been displaced within Ukraine’s borders. pic.twitter.com/yeEgSFVF0R — UNHCR, the UN Refugee Agency (@Refugees) March 24, 2022 इसके अतिरिक्त, लोगों के पास सुरक्षित व आश्रय स्थलों के सम्बन्ध में भी जानकारी नहीं है. यूएन एजेंसी की प्रतिनिधि ने लिविफ़ से बताया कि लाखों यूक्रेनी नागरिक, अंधाधुंध बमबारी के बीच निरन्तर भय में जी रहे हैं. शहरों, नगरों, अस्पतालों और आश्रय स्थलों पर व्यवस्थित ढँग से की जा रही बमबारी के कारण, उन्हें दिन-रात बंकरों में छिपने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है. यूएन एजेंसी की शीर्ष अधिकारी ने बताया कि उनकी प्राथमिकता जान बचाकर भाग रहे लोगों को तत्काल राहत प्रदान करना, और उनके संरक्षण, आश्रय, आपात नक़दी और अन्य प्रकार की मदद का प्रबन्ध करना है. बताया गया है कि सीमा चौकियों और आगन्तुक केंद्रों पर यूएन शरणार्थी एजेंसी की टीम और स्थानीय साझीदारों को तैनात किया गया है. जोखिम भरे हालात यूएन एजेंसी अधिकारी ने बताया कि पूर्वी यूक्रेन के ख़ारकीफ़, दोनेत्स्क, लुहान्स्क ओबलास्ट के साथ-साथ, खेरसोन और कीयेफ़ में भी सर्वाधिक जोखिम झेल रही आबादी तक पहुँचने के प्रयास जारी हैं. “वे इन इलाक़ों में फँसे हुए हैं, जिनकी घेराबन्दी की गई हैं, या फिर जहाँ पर बारूदी सुरंगों, या उदाहरणस्वरूप, जले हुए वाहनों के कारण सड़कें सुलभ नहीं हैं.” “यह उन वजहों में से एक है जिनकी वजह से मारियूपोल से निकलना बेहद मुश्किल साबित हुआ है.” विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के प्रवक्ता टॉमसन फिरी ने जिनीवा में शुक्रवार को पत्रकारों का जानकारी देते हुए बताया कि देश में खाद्य आपूर्ति श्रृंखला टूट चुकी है. उन्होंने कहा कि जिन मौजूदा प्रणालियों से लाखों लोगों तक खाद्य सहायता पहुँचाई जा रही थी, वे दरक रही हैं, ट्रक और ट्रेन ध्वस्त हो चुके हैं, हवाई अड्डों पर बमबारी हुई हैं, सुपरमार्केट ख़ाली हैं और भण्डारण केंद्र ख़त्म हो चुके हैं. © WHO/Anastasia Vlasova यूक्रेन की राजधानी कीयेफ़ में एक व्यक्ति, एक रिहायशी इमारत से मलबा हटाते हुए है. बुनियादी सेवाओं की क़िल्लत यूएन एजेंसी ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि दक्षिण में स्थित मारियूपोल शहर में हालात पहले से कहीं अधिक हताशा भरे हैं, जहाँ रूसी सैन्य बलों ने लगातार गोले दागे हैं. “घेराबन्दी वाले शहर मारियूपोल में भोजन और जल के अन्तिम भण्डार ख़त्म होते जा रहे हैं. 24 फ़रवरी को घेराबन्दी के बाद से शहर में किसी भी मानवीय राहत सहायता की अनुमति नहीं दी गई है.” इस बीच, यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र निगरानी मिशन की प्रमुख माटिल्डा बोगनर ने बताया कि मृतक संख्या लगातार बढ़ रही है. उन्होंने देश के पश्चिम में स्थित उज़होरोड से बताया कि “भीषण क्षति और विध्वंस हथियारों के ज़रिये किया जा रहा है – विस्फोटक हथियार – जिनसे व्यापक क्षेत्र पर असर पड़ता है.” “हर दिन हमले किये जा रहे हैं और नागरिक आबादी इससे ही पीड़ित है, चूँकि इनका इस्तेमाल रिहायशी इलाक़ों में किया जा रहा है.” 24 फ़रवरी को रूसी सैन्य बलों के हमले के बाद से अब तक, एक हज़ार 35 आम लोग मारे गए हैं, और एक हज़ार 650 लोग घायल हुए हैं. फ़रवरी से अब तक संयुक्त राष्ट्र और साझीदार संगठनों ने दो हज़ार 700 टन खाद्य व चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति की है. इसके अलावा, एक हज़ार टन से अधिक जल, साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता सम्बन्धी सामग्री भेजी गई है. © UN/Ukraine यूक्रेन के सूमी शहर में 18 मार्च 2022 को मानवीय राहत भेजी गई. राहत वितरण घर छोड़कर जा रहे लोगों तक ज़रूरी परामर्श को हॉटलाइन के ज़रिये पहुँचाया गया है, और यात्रा मार्ग में साढ़े पाँच हज़ार टन सामग्री वितरित की जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि हिंसा प्रभावित पूर्वी इलाक़ों तक पहुँचना विशेष रूप से प्राथमिकता है और देश के मध्य पूर्व में अभियान क्षमता को मज़बूती प्रदान करने के प्रयास किये जा रहे हैं. इसका उद्देश्य उन लोगों तक राहत पहुँचाना है, जिन्हें जीवनरक्षक मानवीय सहायता की सबसे अधिक ज़रूरत है. संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन में हालात से उपजी विशाल ज़रूरतों को पूरा करने के लिये दो आपात अपील जारी की हैं. यूक्रेन के भीतर 60 लाख प्रभावितों की बढ़ती मानवीय ज़रूरतों को, अगले तीन महीनों तक पूरा करने के लिये एक अरब 10 करोड़ डॉलर की अपील की गई है. इसके तहत अब तक 40 प्रतिशत धनराशि का ही प्रबन्ध हो पाया है. देश से बाहर 55 करोड़ डॉलर की अपील की गई है ताकि यूक्रेन छोड़कर, पोलैण्ड, हंगरी मोल्दोवा समेत अन्य देश में पहुँचे लोगों की सहायता की जा सके. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in