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फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में शामिल होने की कोशिश पर तुर्की नाराज

अंकारा, 17 मई (आईएएनएस)। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में शामिल होने पर विरोध जताया है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए, एर्दोगन ने कहा कि तुर्की ने नाटो में शामिल होने के लिए दो स्कैंडिनेवियाई देशों का विरोध किया। उन्होंने स्वीडन को आतंकवादियों का घर बताया। उन्होंने पूछा, इनमें से किसी भी देश ने आतंकवादी संगठन के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की, हम उन पर कैसे भरोसा करें। बीबीसी ने बताया कि तुर्की ने दो नॉर्डिक देशों पर कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के सदस्यों को शरण देने का आरोप लगाया। तुर्की इस पार्टी को एक आतंकवादी संगठन के रूप में देखता है। सोमवार को हेलसिंकी में संसद में बोलते हुए, फिनलैंड के विदेश मंत्री पेक्का हाविस्टो ने कहा कि वह तुर्की के रुख से हैरान हैं, हमारी सरकार को एर्दोगन के किसी भी बयान में कोई दिलचस्पी नहीं है। फिनलैंड ने पिछले हफ्ते औपचारिक रूप से नाटो में शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी। वहीं 14 मई को पड़ोसी देश स्वीडन ने भी नाटो में शामिल होने की मंशा जताई है। स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन ने सोमवार को एक ब्रीफिंग में कहा, नाटो स्वीडन को मजबूत करेगा। हालांकि, एंडरसन ने जोर देकर यह भी कहा कि स्वीडन अपने क्षेत्र पर स्थायी नाटो ठिकाने या परमाणु हथियार नहीं चाहता है। नॉर्वे, डेनमार्क और आइसलैंड, सभी नाटो सदस्यों ने कहा कि वे स्वीडन और फिनलैंड का हर तरह से समर्थन करेंगे। ब्रिटेन, जो नाटो का सदस्य भी है। वह पहले ही स्वीडन और फिनलैंड को सुरक्षा गारंटी दे चुका है। --आईएएनएस पीके/एसकेपी

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