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पाक में विपक्ष बना रहा अविश्वास प्रस्ताव विफल होने के बाद की वैकल्पिक रणनीति

इस्लामाबाद, 21 मार्च (आईएएनएस)। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान सरकार को हटाने की मुहिम में जुटा संयुक्त विपक्षी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) प्रस्ताव विफल हो जाने की स्थिति में प्रधानमंत्री के खिलाफ राजनीतिक हमले जारी रखने के लिए विभिन्न रणनीतियां बना रहा है। सूत्रों का कहना है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव का शुरुआती प्लान-ए विफल हो जाता है, तब की स्थिति में पीडीएम अलग-अलग विकल्प, यानी प्लान-बी और सी के जरिए सरकार को घेरेगा। प्लान-ए के अनुसार, विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव पारित करने पर जोर दे रहे हैं, जो 25 मार्च को नेशनल असेंबली में पेश किया जाना है। विपक्षी गठबंधन ने 172 से अधिक वोट हासिल करने का दावा किया है, क्योंकि सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के लगभग दो दर्जन सहयोगियों ने इमरान खान के खिलाफ मतदान करने का संकल्प लेते हुए दलबदल कर विपक्षी गठबंधन में शामिल हो गए हैं। अगर प्लान-ए विफल हो जाता है और सरकार अविश्वास प्रस्ताव को हरा देती है, तब विपक्षी दल प्लान-बी को अमल में लाते हुए इमरान खान को तुरंत संसद से विश्वास मत हासिल करने की मांग करेंगे। विपक्षी दल दलबदल करने वाले सदस्यों और अन्य लोगों के साथ फिर से जुड़ने के लिए समय का सदुपयोग करेंगे और इमरान खान के खिलाफ वोट हासिल करने में उनका समर्थन हासिल करने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा, अगर प्लान-ए और बी, दोनों विफल हो जाते हैं, तब विपक्ष प्लान-सी को अमल में लाते हुए संसद की कार्यवाही को सर्वोच्च न्यायालय या चुनाव आयोग में चुनौती देगा। कार्यवाही की कानूनी स्थिति को संयुक्त राष्ट्र में भी चुनौती दी जाएगी। विपक्ष अपनी योजना को सरकार विरोधी रैलियों के साथ भी जोड़ेगा, जिसका उद्देश्य सरकार पर जल्दी चुनाव कराने का दबाव डालना है। पीडीएम की आगामी सरकार विरोधी रैली के विवरण के अनुसार, रैली 24 मार्च को लाहौर से शुरू होगी। इसका पहला पड़ाव गुजरांवाला शहर में होगा, जहां से यह झेलम की ओर आगे बढ़ेगा, मध्य पंजाब को पार करेगा और समर्थकों की संख्या बढ़ाएगा। पीडीएम के मार्च का दूसरा पड़ाव झेलम में होगा। 26 मार्च को पीडीएम का लंबा मार्च रावलपिंडी की ओर निकलेगा और रातभर वहीं रुकेगा। पीडीएम का मार्च 27 मार्च को इस्लामाबाद की ओर बढ़ेगा, जहां यह इमरान खान सरकार के विरोध में 20 लाख से अधिक लोगों को लाने का दावा करता है। दूसरी ओर, इमरान खान ने 27 मार्च को इस्लामाबाद में एक जनसभा बुलाने का भी आह्वान किया है। उनका दावा है कि जनसभा में उनके 10 लाख से अधिक समर्थक मौजूद रहेंगे। पाकिस्तान का राजनीतिक परिदृश्य हाल के दिनों में अशांत रहा है, जिसमें सत्तारूढ़ दल के सांसदों के दलबदल ने प्रधानमंत्री की चिंता बढ़ा दी है। विपक्षी दलों को भरोसा है कि ये इमरान खान के प्रधानमंत्री के रूप में अंतिम दिन होंगे, जबकि सत्तापक्ष, विपक्ष पर अपने इमरान विरोधी एजेंडे को हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर रिश्वत और राजनीतिक छल का उपयोग करने का आरोप लगा रहा है। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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