डब्ल्यूएचओ में थाईवान की भागीदारी वाली साजिश जरूर विफल होगी
बीजिंग, 21 मई (आईएएनएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की 74वीं महासभा आयोजित होने वाली है। अमेरिका समेत कुछेक पश्चिमी देश फिर भी थाईवान कार्ड का उपयोग करने लगे हैं। पहले की ही तरह डब्ल्यूएचओ ने एक बार फिर थाईवान के अधिकारियों को महासभा में भाग लेने के लिए अस्वीकार किया। यह साल 2017 के बाद से थाईवान के अधिकारियों को पांचवीं बार मना किया गया है। अमेरिका समेत कुछेक पश्चिमी देशों की साजिश फिर से विफल हो गई है। लेकिन उन्होंने अभी भी हार नहीं मानी है। विदेश में स्थित थाईवान क्षेत्र की संस्था ने 19 मई को कहा कि उसने तथाकथित मित्र देश से डब्ल्यूएचओ के समक्ष महासभा में थाईवान की भागीदारी वाले प्रस्ताव पेश करने की विनती की। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हाल ही में फिर एक बार डब्ल्यूएचओ से महासभा में थाईवान की भागीदारी की मांग की। चाहे उनकी कार्रवाई कैसी हुई, उनकी डब्ल्यूएचओ महासभा में थाईवान के भाग लेने की साजिश जरूर विफल होगी। क्योंकि यह कार्रवाई एक चीन के सिद्धांत और अंतरराष्ट्रीय आम सहमति का उल्लंघन है। इसके बारे में अमेरिकी राजनयिक बहुत स्पष्ट हैं, लेकिन वे चीन को बाधित करने के किसी भी अवसर को छोड़ना नहीं चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने कोरोना महामारी के फैलने के बाद झूठ गढ़ा, और झूठा दावा किया कि चीन ने थाईवान को डब्ल्यूएचओ की गतिविधियों में भाग लेने से रोका और थाईवान के सामाजिक कल्याण को खतरे में डाल दिया है। उनका उद्देश्य चीन के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप के लिए तथाकथित नैतिक रंग चित्रित करना है। लेकिन वास्तविक स्थिति कैसी है? महामारी का प्रकोप होने के बाद चीन की केंद्र सरकार ने थाईवान जलडमरुमध्य के दोनों तटों के बीच महामारी-रोधी सहयोग के लिए बड़ी कोशिश की। मसलन मुख्यभूमि ने थाईवान के स्वास्थ्य चिकित्सकों को हूपेई प्रांत के वूहान शहर के निरीक्षण दौरे के लिए निमंत्रण किया, 200 से अधिक बार थाईवान क्षेत्र को महामारी से संबंधित स्थिति सूचित की। इसके साथ ही एक चीन के सिद्धांत की पूर्वशर्त पर मुख्यभूमि ने वैश्विक स्वास्थ्य मामलों में थाईवान की भागीदारी को लेकर अच्छी तरह इंतजाम किया। असंपूर्ण आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 के बाद से थाईवान के चिकित्सा प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों ने डब्ल्यूएचओ के 16 तकनीकी कार्यक्रमों में भाग लिया। डब्ल्यूएचओ के साथ बेरोकटोक संपर्क कर सकने की वजह से थाईवान क्षेत्र को ठीक समय पर संपूर्ण रूप से कोरोना रोधी वैक्सीन के बारे में सूचना मिल सकती है और उसने कोवैक्स योजना में भाग लिया। इन तथ्यों से देखा जा सकता है कि अमेरिका के तथाकथित चीन की मुख्यभूमि ने थाईवान को महामारी की रोकथाम में बाधा डालता है, तर्क बिलकुल बकवास है। व्यंग्यात्मक बात यह है कि थाईवान की महामारी की रोकथाम की दुविधा के सामने अपने मुंह पर थाईवान के साथ खड़े होने वाले अमेरिकी राजनयिकों ने कोई व्यावहारिक मदद नहीं दी। थाईवान क्षेत्र के अधिकारी के मुताबिक, 19 मई तक अमेरिका ने थाईवान को कोई वैक्सीन नहीं बेचा। यह स्पष्ट है कि अमेरिकी राजनयिकों की नजर में थाईवान केवल एक राजनीतिक साधन है। पहले की ही तरह अमेरिका समेत कुछेक देश डब्ल्यूएचओ महासभा में थाईवान की भागीदारी से चीन को बाधित करने का राजनीतिक खेल खेलते हैं। लेकिन उनकी कार्रवाई से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में कोई असर नहीं पड़ेगा, उनकी साजिश जरूर एक बार फिर विफल होगी। ( साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग ) --आईएएनएस एएनएम