
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। भरोसे का प्रतीक टाटा देश का सबसे बड़ा आईपीओ लाने वाला है। हाल के वर्षों में सबसे बड़े आईपीओ साबित हुए एलआईसी और पेटीएम से कई गुना बड़ा होगा। टाटा ग्रुप बहुत जल्द 55 हजार करोड़ रुपए का आईपीओ लाने जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक फैसले के कारण टाटा ग्रुप आईपीओ लाने पर विचार कर रहा है।
2018 में टाटा संस एनबीएफसी के रूप में नोटिफाई हुआ
2018 में जब आईएलएंडएफएस (IL&FS) जैसी बड़ी इंवेस्टमेंट कंपनी फेल हुई तो आरबीआई ने 2021 में नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए कड़े नियम बनाए। इस कारण टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस को अपर लेयर एनबीएफसी के तौर पर नोटिफाई हुआ। उसे सितंबर 2022 तक लिस्ट कराने का समय मिला था। इसे बाद में बढ़ाया गया।
सितंबर 2025 तक लिस्ट कराने की समय सीमा
टाटा संस को अपर लेयर एनबीएफसी के तौर क्लासिफाई करने के कारण अब उसे सितंबर 2025 तक खुद को शेयर मार्केट में लिस्ट कराना है। इस तरह वह कई सारे शेयर मार्केट लिस्टिंग नियमों के दायरे में खुद आएगी।
11 लाख करोड़ मार्केट वैल्यू
टाटा संस की मार्केट वैल्यूएशल 11 लाख करोड़ रुपए होने वाला है। इस वजह से कंपनी IPO के रास्ते शेयर बाजार में लिस्ट हो गई और महज 5 प्रतिशत हिस्सेदारी को सार्वजनिक करती है तो भी ये आईपीओ 55 हजार करोड़ रुपए के होंगे। जोकि देश में सबसे बड़ा आईपीओ होगा।
कंपनी के पास क्या कोई ऑप्शन भी है?
आरबीआई ने टाटा ग्रुप की टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेस को अपर लेयर एनबीएफसी में डाला है। ऐसी भारत की 15 कंपनियां हैं। अगर, टाटा संस शेयर बाजार में लिस्ट हुई तो टाटा ग्रुप को टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेस को लिस्ट नहीं कराना होगा, तब ये टाटा संस का हिस्सा होगी। टाटा ग्रुप इस कंपनी को एक और दूसरी कंपनी टाटा कैपिटल के साथ मिलाकर लिस्टिंग-रेडी बनने की तैयारी में हैं।
अपर-लेयर एनबीएफसी में हैं ये कंपनियां
आरबीआई की अपर लेयर एनबीएफसी लिस्ट में टाटा संस के अलावा एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, बजाज फाइनेंस लिमिटेड, एल एंड टी फाइनेंस लिमिटेड, टाटा कैपिटल फाइनेंस सर्विसेस, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड, पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, चोलामंडलम इंवेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेस, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेस, आदित्य बिड़ला फाइनेंस लिमिटेड, मुथूट फाइनेंस लिमिटेड और बजाज हाउसिंग फाइनेंस शामिल हैं।
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