syria-wounded-by-11-years-of-war-more-than-5-million-children-live-in-fear
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सीरिया: 11 वर्ष के युद्ध से ज़ख़्मी, डर में जीते 50 लाख से ज़्यादा बच्चे

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) ने मंगलवार को कहा कि सीरिया में, मार्च 2011 के बाद पैदा हुए 50 लाख से भी ज़्यादा बच्चों ने, संघर्ष व युद्ध के अलावा और कुछ नहीं देखा है; और 11 साल के युद्ध के बाद भी यह संकट उन्हें शारीरिक व मानसिक ज़ख़्म देना जारी रखे हुए है. यूएन बाल एजेंसी के एक वक्तव्य में कहा गया है कि केवल कल यानि सोमवार को ही अलेप्पो शहर में एक विस्फोट में तीन बच्चों के मारे जाने की ख़बरें मिलीं हैं. केवल साल 2021 में ही, सीरिया में लगभग 900 बच्चे हताहत हुए और युद्ध की शुरुआत से लेकर अब तक हताहतों की कुल संख्या 13 हज़ार के क़रीब पहुँच गई. 2021 में बच्चों के हताहत होने का प्रमुख कारणों में, बारूदी सुरंगें, युद्ध के विस्फोटक अवशेष और बिना फटे आयुध शामिल थे, जिनसे अमनेक लोग आजीवन विकलांग हो गए. यूनीसेफ़ ने कहा कि वर्ष 2011 में जब राजनैतिक सुधारों के समर्थन में हुए प्रदर्शनों का दमन करने के लिये क्रूरतापूर्ण बल प्रयोग किया गया, उसके बाद से भड़की लड़ाई, हिंसा, विस्थापन और आवश्यक सेवाओं तक पहुँच की कमी के कारण, बच्चों का जीवन लगातार बाधित हो रहा है. स्थाई निशान यूनीसेफ़ के सीरिया प्रतिनिधि बो विक्टर नायलुण्ड ने कहा, "2011 से सीरिया में लगभग पचास लाख बच्चे पैदा हुए हैं, उन्हें युद्ध और संघर्ष के अलावा कुछ नहीं मालूम है. वे सीरिया के अनेक हिस्सों में, हिंसा, बारूदी सुरंगों और युद्ध के विस्फोटक अवशेषों के डर के माहौल में जी रहे हैं." यूनीसेफ़ ने सीरियाई बच्चों पर युद्ध के बोझ की तरफ़ ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह संकट बच्चों पर मनोवैज्ञानिक ज़ख़्मों के निशान छोड़ रहा है, जिनमें बच्चों में "चिन्ता, उदासी, थकान, या सोने में बार-बार परेशानी होने" जैसे लक्षण नज़र आ रहे हैं. विकलांग बच्चे बो विक्टर नायलुण्ड ने विकलांग बच्चों के बारे में कहा कि सभी युवाओं को "देखभाल व पोषण का अधिकार है" और उन्होंने उन बच्चों को "बिना कलंक के, और देश में कहीं भी बसने की उनकी पसन्द" को यूनीसेफ़ के समर्थन व प्रतिबद्धता को दोहराया. हालाँकि यूनीसेफ़ के पास विकलांग लोगों के सटीक आँकड़े नहीं हैं, लेकिन जब हिंसा, भूख, सुरक्षा और शिक्षा के नुक़सान की बात आती है, तो इन पर आमतौर पर दोहरा बोझ होता है. No child should know war, but for nearly 5 million children born in Syria since 2011, war is the only thing they know. An entire generation of children in Syria needs urgent support. They need protection and safety. And they need peace. https://t.co/etDAQOBofU — Catherine Russell (@unicefchief) March 15, 2022 उन्होंने कहा, "हमें विकलांग बच्चों और युद्ध से प्रभावित अन्य बच्चों की मदद करने के लिये एक लम्बा रास्ता तय करना है, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता का विकास कर सकें और नुक़सान से सुरक्षित रहते हुए, स्वस्थ और शिक्षित हो सकें." सीरिया भर में, और पड़ोसी देशों में अनुमानित 58 लाख बच्चों को सहायता की आवश्यकता है, यूनीसेफ़ और सहयोगी संगठन, संघर्ष के प्रभाव से निपटने में मदद करने के लिये, बच्चों की सुरक्षा के लिये काम जारी रखे हुए हैं. इसमें बच्चों और देखभाल करने वालों को आघात से उबरने में मदद करने के लिये, मनोसामाजिक समर्थन में सुधार करना शामिल है, साथ ही शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से संघर्ष कर रहे बच्चों के लिये, जीवन रक्षक सहायता और सेवाएँ प्रदान करना शामिल है. समावेशी शिक्षा एक 12 वर्षीय विकलांग बच्चे आज़म का कहना है, "मुझे ख़ुशी है कि मैं फिर से स्कूल जा सकता हूँ, अपने दोस्तों के साथ अच्छा समय गुज़ार सकता हूँ और शिक्षा हासिल कर सकता हूँ." आज़म ने, युद्ध में अपना एक अपनी एक टांग गँवा दी और अब राजदानी दमिश्क के ग्रामीण अल-नाशाबीह इलाक़े में, यूनीसेफ़ द्वारा संचालित एक स्कूल में शिक्षा हासिल करता है जिसमें समावेशी शिक्षा को बढ़ावा दिया जाता है. आज़म यूनीसेफ़ के एकीकृत सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम का भी हिस्सा हैं जो उनके साथ-साथ, उनके परिवार की भी सहायता करता है. एकीकृत सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम 2016 में, होम्स गवर्नरेट में विकलांग बच्चों के लिये शुरू हुआ था जो गम्भीर रूप से विकलांग बच्चों को बिना शर्त नियमित व नक़दी तथा अन्य तरह की सहायता मुहैया कराता है. वर्ष 2021 में इस कार्यक्रम के ज़रिये, 11 हज़ार 639 विकलांग बच्चों की मदद की गई. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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