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हान और तिब्बती, जाति के बीच मित्रता का प्रतीक

बीजिंग, 1 मार्च (आईएएनएस)। चीन के हान और तिब्बती जाति के बीच मित्रता का लंबा इतिहास है। थांग राजवंश में राजकुमारी वनछंग ने सम्राट के आदेश पर तिब्बत जाकर तत्कालीन राजा सोंगत्सेन गम्पो के साथ शादी की। इससे थांग शासन और तिब्बत परराष्ट्र के बीच मित्रता का तेज विकास होने लगा। बताया जाता है कि राजकुमारी वनछंग काफी जानकार थी। शादी करने के बाद उन्होंने हान जाति की संस्कृति को तिब्बत तक पहुंचाया। राजकुमारी वनछंग ने न सिर्फ तिब्बत में लिखित शब्दों का सृजन किया, कैलेंडर व्यवस्था स्थापित की, बल्कि हान जातीय संगीत और उत्पादन तकनीक का प्रचार-प्रसार भी किया। राजकुमारी वनछंग बौद्ध धर्म में विश्वास करती थीं। उनके प्रभाव में राजा सोंगत्सेन गम्पो ने तिब्बत में बौद्ध धर्म का विकास बढ़ाया और पोताला महल, जोखांग मंदिर व रामोचे मंदिर आदि कई मंदिरों का निर्माण किया। राजकुमारी वनछंग और सोंगत्सेन गम्पो की कहानी हजार सालों तक लोकप्रिय रही। उन दोनों के विवाह से जातीय एकता मजबूत हुई, विशेषकर तिब्बत के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में इसकी सक्रिय भूमिका है। राजकुमारी वनछंग तिब्बत में 40 साल तक रही। हान और तिब्बती जातीय लोगों के बीच मित्रता बढ़ाने और तिब्बत के आर्थिक व सामाजिक विकास में उन्होंने बड़ा योगदान दिया। राजकुमारी वनछंग की याद करने के लिए तिब्बती लोगों ने दो त्योहार स्थापित किए। एक है तिब्बती पंचांग के अनुसार 15 अप्रैल को, जिस दिन राजकुमारी वनछंग तिब्बत पहुंची थीं। और दूसरा है राजकुमारी का जन्म दिन, यानी तिब्बती पंचांग के अनुसार 15 अक्तूबर को। जब भी हान और तिब्बती जाति के बीच मित्रता का उल्लेख होता है, लोग राजकुमारी वनछंग को याद करते हैं। राजकुमारी वनछंग एक प्रतीक बन गई हैं। आज भी चाहे तिब्बत में हो या चीन के अन्य क्षेत्रों में हान और तिब्बती जातीय लोग सामंजस्यपूर्ण ढंग से रहते हैं, एक-दूसरे की सहायता करते हैं और एक-दूसरे को प्यार करते हैं। चीनी नेता हमेशा तिब्बत के विकास पर ध्यान रखते हैं। चीन सरकार ने तिब्बत की सहायता योजना बनाई, जिसके तहत पिछले दशकों में तिब्बत के समर्थन में कई परियोजनाएं लागू की गईं, हजारों कर्मचारी तिब्बत में काम करने गए। छिंगहाई-तिब्बत रेलवे पर यातायात शुरू होने के बाद तिब्बत को और ज्यादा अवसर मिले हैं। (साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग) --आईएएनएस एएनएम

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