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डब्ल्यूएचए में थाइवान की भागीदारी के समर्थक खुद को अपमानित करना बंद करें

बीजिंग, 24 मई (आईएएनएस)। 23 मई को 75वीं विश्व स्वास्थ्य सभा (डब्ल्यूएचए) ने कुछेक देशों द्वारा प्रस्तुत पर्यवेक्षक के रूप में विश्व स्वास्थ्य सभा में भाग लेने के लिए थाइवान का निमंत्रण करने के प्रस्ताव से इनकार करने का फैसला किया। यह लगातार छठा वर्ष है जब डब्ल्यूएचए ने थाइवान से संबंधित प्रस्तावों को खारिज कर दिया है। यह पूरी तरह से प्रदर्शित करता है कि एक-चीन का सिद्धांत अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आम सहमति है और इसे चुनौती नहीं दी जा सकती है। डब्ल्यूएचए में थाइवान की भागीदारी का समर्थन करने वाले लोगों को खुद को अपमानित करना बंद करना चाहिए। सम्मेलन की पूर्व संध्या पर, महामारी से लड़ने में विफल रहा दुनिया का नंबर एक देश ने डब्ल्यूएचए में थाइवान की भागीदारी का समर्थन करने की पुरानी चाल चली है और कुछ पश्चिमी देशों जैसे ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, और जापान ने इसका अनुसरण किया है। स्वास्थ्य के मुद्दों का राजनीतिकरण करने और अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य हितों का त्याग करने के इस हेरफेर का असली उद्देश्य थाइवान के जरिए चीन को नियंत्रित करना है। थाइवान स्वतंत्रता की शक्ति बाहरी ताकतों से चिपके रहने और महामारी के माध्यम से स्वतंत्रता की तलाश करने की असंभव कल्पना कर रही है। लेकिन यह पता चला कि यह सिर्फ एक सपना था। थाइवान चीन का एक हिस्सा है, और विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित अंतरराष्ट्रीय संगठनों में थाइवान की भागीदारी का एक-चीन सिद्धांत के अनुसार निपटारा किया जाना चाहिए। साल 2009 से 2016 तक थाइवान क्षेत्र ने चीनी थाइपे के नाम से और पर्यवेक्षक के रूप में डब्ल्यूएचए में भाग लिया था। यह एक-चीन सिद्धांत और 1992 की आम सहमति के आधार पर जलडमरूमध्य के दोनों तटों के बीच परामर्श के माध्यम से की गई एक विशेष व्यवस्था है। जब थाइवान की मिनचिन पार्टी 2016 में सत्ता में आई, उसने 1992 की आम सहमति से इनकार कर दिया और थाइवान स्वतंत्रता का हठपूर्वक अनुसरण किया, तब से डब्ल्यूएचए में थाइवान की भागीदारी का राजनीतिक आधार मौजूद नहीं रहा। इसलिए, वर्तमान डब्ल्यूएचए के उद्घाटन की पूर्व संध्या पर, लगभग 90 देशों ने डब्ल्यूएचओ को पत्र भेजकर एक-चीन सिद्धांत का पालन करने का अपना रवैया स्पष्ट किया और डब्ल्यूएचए में थाइवान की भागीदारी का विरोध किया। अमेरिका-थाइवान के संयुक्त राजनीतिक हेरफेर का दुनिया में न्याय के पक्षधर देशों द्वारा सर्वसम्मति से विरोध किया जाता है। साल 2017 से आज तक डब्ल्यूएचए में थाइवान की भागीदारी का समर्थन करने का राजनीतिक स्वांग बार-बार विफल रहा, और अमेरिका व कुछेक पश्चिमी देशों को इस पर विचार करना चाहिए। एक-चीन सिद्धांत को चुनौती नहीं दी जा सकती है और स्वास्थ्य के मुद्दों का राजनीतिकरण करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। (साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग) --आईएएनएस एएनएम

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