सूमी से निकाले गए छात्र, शुक्रवार को भारत लौटेंगे : जयशंकर
नई दिल्ली, 11 मार्च (आईएएनएस)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि फंसे हुए भारतीय छात्र, जिन्हें यूक्रेन के सूमी शहर से निकाला गया था, वो शुक्रवार को भारत लौट रहे हैं। जयशंकर ने ट्विटर पर कहा कि सूमी से छात्रों को निकालना विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने कहा, ऑपरेशन गंगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में किया गया, नेतृत्व और प्रतिबद्धता दोनों के कारण हुआ है। मंत्री ने कहा, हम उन सभी लोगों के आभारी हैं जिन्होंने इसके उद्देश्यों को पूरा किया। यूक्रेन और रूस के अधिकारियों के साथ-साथ रेड क्रॉस को निकासी सहायता के लिए हमारा विशेष आभार। जयशंकर ने राष्ट्रों को धन्यवाद देते हुए कहा, यूक्रेन के पड़ोसी देशों- रोमानिया, हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और मोल्दोवा ने निकासी के दौरान हमें असाधारण समर्थन दिया। हम गैर सरकारी संगठनों, व्यक्तिगत स्वयंसेवकों, कॉरपोरेट्स, हमारी एयरलाइंस और भारतीय वायु सेना के आभारी हैं जिन्होंने इस अभ्यास में अथक परिश्रम किया। जयशंकर ने अपने चार मंत्रिस्तरीय सहयोगियों, ज्योतिरादित्य एम सिंधिया, किरेन रिजिजू, हरदीप सिंह पुरी और जनरल (सेवानिवृत्त) वी.के. सिंह के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी जमीन पर उपस्थिति ने एक बड़ा अंतर बनाया। मंत्री ने यूक्रेन में भारतीय दूतावास और टीम एमईए (विदेश मंत्रालय) के कठिन संघर्ष की स्थिति में उनके समर्पित प्रयासों के लिए प्रयासों की भी सराहना की। मंगलवार को, सूमी से भारतीय छात्रों को निकाला गया और मानवीय गलियारे के माध्यम से पोल्टावा ले जाया गया। अगले दिन, उन्हें ल्वीव भेजा गया और वहां से वे बुधवार और गुरुवार को पोलैंड में चले गए। वे भारतीय वायु सेना के सी-17 ग्लोबमास्टर सहित तीन उड़ानों में सवार होकर भारत पहुंचेंगे। उत्तरपूर्वी यूक्रेन का एक शहर सूमी, रूस द्वारा भारी गोलाबारी और बमबारी की चपेट में आ गया है, जिसने 24 फरवरी को कीव पर अपना सैन्य आक्रमण शुरू किया था। रूसी हमलों के बीच शहर में लगभग 700 भारतीय छात्र फंस गए थे। मंगलवार को रूस और यूक्रेन ने संघर्ष विराम की घोषणा की और एक मानवीय गलियारा प्रदान किया। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों से बात की थी और उनसे शेष भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए एक सुरक्षित मार्ग प्रदान करने का अनुरोध किया था। --आईएएनएस एसकेके/आरजेएस