इजराइल हमास युद्ध में कूदा दक्षिण अफ्रीका! जानें क्या है इंटरनेशनल कोर्ट? जो इजराइल पर लगाएगा लगाम

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस अगले 2 दिन तक फलिस्तीनियों के नरसंहार मामले की सुनवाई करेगा। इस मामले में दक्षिण अफ्रीका ने भी दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी है। वो इजराइल के खिलाफ खड़ा नजर आ रहा है।
Israil and hamas war international court
Israil and hamas war international court Social media

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। इजराइल और हमास के बीच की जंग इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस यानी ICJ तक जा पहुंची है। यहां इजरायल की तरफ फलिस्तीनियों पर हो रहे नरसंहार का मामला सुना जा रहा है। इजरायल के खिलाफ यह केस  लेकर दक्षिण अफ्रीका अंतरराष्ट्रीय कोर्ट गया है। कोर्ट के बाहर  बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया। जहां उन्होंने इजरायली सैन्य कार्रवाई बंद करने की मांग दोहराई। जब उधर इस केस की सुनवाई चल रही थी। तब भी इसराइल ने गाजा पर बमबारी जारी रखी थी। गुरुवार को अकेले 100 लोगों की जान गई। जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए। यह जंग 7 अक्टूबर को शुरू हुई थी, जब हमास ने इजराइल पर हमला किया था, इसके बाद से ही इजराइल की गाजा पट्टी पर हमले कर रहा है। आपको बता दें कि गाजा पर भयंकर बमबारी में से कम से कम 23000 फिलिस्तीन मारे जा चुके हैं।

क्या है नरसंहार के मायने?

इंटरनेशनल लॉ इसे अलग तरह से भी देखता है।  इसके मुताबिक अगर कोई देश या संस्था किसी भी जाति, धर्म, देश या नस्ल के लोगों को पूरी तरह से खत्म करने के लिए या उसकी पहचान बदलने की कोशिश करे तो वह नरसंहार कहलाता है। जैसे चीन पर अक्सर आरोप लगता रहा है वह उईगर मुसलमानों पर  नरसंहार कर रहा है  क्योंकि वह सीधी मारपीट के अलावा कथित तौर पर उइगर बच्चों को उनके धर्म से दूर कर रहा है। और धर्म परिवर्तन भी करा रहा है।

कब बना इंटरनेशनल कोर्ट?

ICJ यूनाइटेड नेशंस की न्यायिक शाखा है।  इसमें दुनियाभर के देश अपने यहां हो रहे जुल्म के लिए इस कोर्ट का रुख करते हैं। जून 1945 में सैन फ्रांसिस्को में युद्ध अपराधों को लेकर जो बैठक हुई थी। इस दौरान इसकी नींव पड़ गई थी।  यह नीदरलैंड के हेग शहर में स्थित है।

दक्षिण अफ्रीका क्यों उठा रहा मामला?

दक्षिण अफ्रीका का तर्क है कि वह मानवाधिकार मामले की तरह इस केस को देख रहा है और युद्ध नियमों को तोड़ने को लेकर कोई भी देश कोर्ट तक जा सकता है। वह यही कर रहा है।

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