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समाजवाद ने चीनी जनता को निराश नहीं किया

बीजिंग, 10 जून (आईएएनएस)। एक जुलाई को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ है। इस अहम क्षण को मनाने के लिए चीन में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। हाल ही में चीनी केंद्रीय टीवी स्टेशन ने सीपीसी की स्थापना के बारे में सुबुद्ध युग नामक टीवी धारावाहिरक प्रस्तुत किये। प्रचार की शुरूआत से ही उस धारावाहिक को देखने वालों की दर प्रथम स्थान पर रहा और चीन की मुख्य वीडियो वेबसाइटों पर वह भी बहुत वायरल रहा। अंत में इस टीवी धारावाहिकों के दर्शकों की संख्या 20 करोड़ से अधिक हो गयी। इस टीवी धारावाहिक ने वर्ष 1916 से 1921 तक चीन के इतिहास में दूरगामी महत्व रखने वाली नयी संस्कृति आंदोलन, चार मई आंदोलन और सीपीसी की स्थापाना तीनों बड़ी घटनाओं का सच्चा प्रतिबिंब किया है और सुबुद्ध युग में विभिन्न रास्ते पर चलने वाले लोगों का जीवन सजीव रूप से दिखाया, खासकर ली ताचाओ, चन तूश्यो और माओ त्सेतुंग जैसे क्रांतिकारी अग्रमामियों के राष्ट्र व जनता के बचाव के लिए जोशपूर्वक संघर्ष का वर्णन किया। इस धारावाहिक में सीपीसी के मुख्य संस्थापकों में से एक ली ताचाओ ने एक बहुत प्रेरणादायक बात कही। उन्होंने पूर्ण विश्वास के साथ कहा कि समाजवाद कतई चीन को निराश नहीं करेगा। इस बात से दर्शक गहराई से प्रभावित और भावुक हुए और यह सीन बहुत वायरल हुआ। अप्रैल 1927 में ली ताचाओ गिरफ्तार होकर शहीद हुए। अब इतिहास ने उस वाक्य को एकदम सही साबित किया है। समाजवाद ने सचमुच चीनी जनता को निराश नहीं किया है। जुलाई 1921 में सीपीसी की पहली राष्ट्रीय कांग्रेस गुप्त रूप से आयोजित हुई, जिसका प्रतीक है कि सीपीसी की स्थापना हुई। कुल 13 प्रतिनिधियों ने इस कांग्रेस में भाग लिया, जिन्होंने देश भर के 50 से अधिक सीपीसी सदस्यों का प्रतिनिधित्व किया। उस समय सीपीसी की शक्ति बहुत कमजोर थी, लेकिन उसने समाजवाद का रास्ता दिखाया और आधे उपनिवेशवाद तथा आधे सामंतवाद में फंसी चीनी जनता को नयी आशा जगायी। इसी कारण स्थापना के बाद सीपीसी का तेज विकास हुआ। 28 सालों के कठोर संघर्ष के बाद सीपीसी जनता का नेतृत्व कर नये चीन की स्थापना में कामयाब रही। वर्ष 1956 में चीन ने समाजवादी सुधार पूरा कर समाजवाद की बुनियादी व्यवस्था स्थापित की और बड़े पैमाने पर समाजवादी निर्माण शुरू किया। बीस से अधिक वर्षों की मशक्कत के बाद चीन ने प्रारंभिक तौर पर स्वतंत्र और अपेक्षाकृत रूप से संपूर्ण औद्योगिक व्यवस्था और राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था स्थापित की। अनुभवों के अभाव के कारण इस दौरान गंभीर गलतियां भी हुईं, जैसे ग्रेट फोर्वर्ड आंदोलन और महान संस्कृति क्रांति। गलतियों से पैदा गंभीर परिणाम के सामने सीपीसी ने आत्म निरीक्षण किया और सुधार व खुलेपन से समाजवादी निर्माण का नया अध्याय जोड़ा। सीपीसी के नेतृत्व में चीन ने अपनी ठोस स्थिति से मेल खाने वाले चीनी विशेषता वाले समाजवाद का रास्ता निकाला, तभी से चीन का विकास तेज पटरी पर चढ़ गया। नवंबर, 2012 यानी सीपीसी की 18वीं कांग्रेस के बाद चीनी विशेषता वाला समाजवाद नये युग में दाखिल हुए। अब सीपीसी के नेतृत्व में चीन अधिक ऊंची मंजिल पर पहुंचने की भरसक कोशिश कर रहा है। योजनानुसार वर्ष 2020 से 2035 तक चीन आम तौर पर समाजवादी आधुनिकीकरण पूरा करेगा और वर्ष 2035 से इस सदी के मध्य तक चीन शक्तिशाली और आधुनिक समाजवादी देश बनेगा और चीनी राष्ट्र के महान पुनरुत्थान का चीनी सपना पूरा करेगा । --आईएएनएस आरएचए (साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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