बांग्लादेश की आजादी का वह नायक जिसकी एक आवाज पर 10 लाख लोग पहुंचे थे ढाका के रेसकोर्स मैदान। यहीं से लिखी गई थी भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश की आजादी की कहानी।