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सर्वदलीय मंत्रिमंडल बनाने में विफल रहे राष्ट्रपति राजपक्षे, विपक्ष ने शामिल होने से किया इनकार

कोलंबो, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ सड़कों पर बढ़ते विरोध प्रदर्शन के बीच रविवार रात इस्तीफा देने वाले मंत्रिमंडल के स्थान पर विपक्ष के साथ एक सर्वदलीय कैबिनेट बनाने का प्रयास विफल हो गया है और विपक्षी दलों ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है। दो मुख्य विपक्षी दलों - 54 सांसदों के साथ यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) और तमिल नेशनल एलायंस, जिसमें 14 सांसद उत्तरी और पूर्वी तमिलों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनका भारत के साथ घनिष्ठ संबंध है, ने कैबिनेट में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति के निमंत्रण को ठुकरा दिया है। टीएनए सांसद एम. ए. सुमनथिरन ने आईएएनएस से कहा कि राष्ट्रपति राजपक्षे को लोगों की बात सुननी चाहिए और अपना पद छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग उनसे विपक्षी दलों के साथ कैबिनेट नहीं बनाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सलाह देते हुए कहा, उन्हें लोगों की बात सुननी चाहिए और (राष्ट्रपति का पद) छोड़ जाना चाहिए। साजिथ प्रेमदा के नेतृत्व वाली विपक्षी पार्टी यूपीएफ ने भी राष्ट्रपति के निमंत्रण को ठुकरा दिया है। पार्टी के महासचिव रंजीत मद्दुमा बंडारा ने कहा, हम सरकार में किसी भी पद को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं, जिसमें गोटाबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना पार्टी शामिल है। आर्थिक संकट को लेकर जनता के विरोध का सामना कर रहे मंत्रिमंडल के सदस्यों ने रविवार रात इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, राष्ट्रपति के बड़े भाई और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे अपने पद पर बने रहे। सोमवार की सुबह, राष्ट्रपति राजपक्षे ने विपक्ष सहित सभी राजनीतिक दलों को मंत्री पद स्वीकार करने और देश में मौजूदा संकट को हल करने में मदद करने के लिए आमंत्रित किया। हालांकि, सोमवार को राष्ट्रपति ने तीन पुनर्नियुक्ति के साथ चार मंत्रियों को नामित किया और पूर्व न्याय मंत्री अली साबरी को उनके छोटे भाई बासिल राजपक्षे द्वारा खाली किए गए वित्त मंत्री के पद पर नियुक्त किया। राजपक्षे परिवार के खिलाफ बढ़ते सार्वजनिक विरोध के बीच, कैबिनेट पदों पर रहे राजपक्षे परिवार के चार अन्य प्रमुख सदस्यों ने मंत्री पद नहीं लेने का फैसला किया है। इनमें राष्ट्रपति के छोटे भाई तुलसी, बड़े भाई चमल और उनके बेटे शशिंद्र और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे शामिल हैं। गुरुवार रात से राजनीतिक उथल-पुथल के संकेत मिल गए थे, जब हिंसक प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो में राष्ट्रपति भवन के पास प्रदर्शन किया और काफी लोग राष्ट्रपति पद छोड़ने की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए। राष्ट्रपति राजपक्षे ने रविवार को सोशल मीडिया पर आयोजित व्यापक विरोध प्रदर्शन को विफल करने के लिए कठोर आपातकालीन कानून और कर्फ्यू लगाया और सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को अवरुद्ध कर दिया। कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए लोगों ने घर जाओ के नारे लगाते हुए सड़कों पर प्रदर्शन किया। सोमवार सुबह से राजधानी कोलंबो और देशभर में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने सांसदों के घरों को घेर लिया है। वे राजपक्षे से पद छोड़ने की मांग कर रहे हैं। --आईएएनएस एकेके/एएनएम

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