UN में भारत ने कहा, 'अनंतकाल के लिए नहीं होना चाहिए शांति अभियान'

इस समय जारी 14 में से नौ अभियानों में भारत के 6000 से अधिक शांति रक्षक हैं। कंबोज ने कहा कि आतंकवादी और सशस्त्र समूह आम नागरिकों के साथ शांति रक्षकों को निशाना बनाते हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ
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न्यूयॉर्क, एजेंसी। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में मंगलवार को कहा कि शांति रक्षा अभियान कहीं भी स्थायी न हों। आज शांति रक्षकों का सुरक्षा परिदृश्य अधिक जटिल, हिंसक और जोखिम हो गया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की शांति रक्षा अभियानों की विशेष समिति के सामने भारत का पक्ष रखा।

शांति रक्षा अभियान शुरू और बाहर निकलने की रणनीति तय हो

कंबोज ने कहा कि भारत का मानना है कि संयुक्त राष्ट्र का यह अभियान किसी भी जगह अनंतकाल के लिए नहीं होने चाहिए। शांति रक्षा अभियान शुरू करने के साथ ही बाहर निकलने की रणनीति तय होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए अनावश्यक अभियान जारी रखने पर अन्य महत्वपूर्ण अभियान से आवश्यक संसाधनों को उनमें लगाना पड़ता है। यह सही समय है, जब इस तरह के अभियान को जारी रखने की आवश्यकता की समीक्षा करनी चाहिए।

14 में से नौ अभियानों में भारत के 6,000 से अधिक शांति रक्षक

उन्होंने कहा कि भारत सात दशक से शांति रक्षा अभियान में अग्रणी है। दुनिया के 49 अभियानों में 2,60,000 भारतीयों ने शांति रक्षकों के रूप में सेवा दी है। इस समय जारी 14 में से नौ अभियानों में भारत के 6,000 से अधिक शांति रक्षक हैं। कंबोज ने कहा कि आतंकवादी और सशस्त्र समूह आम नागरिकों के साथ शांति रक्षकों को निशाना बनाते हैं।

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