नई दिल्ली, रफ्तार। भारत में हो रहे लोकसभा चुनावों के बीच पाकिस्तान बौखला गया है। उसने बड़ी प्रतिक्रिया दी है। कहा-भारत में लोकसभा चुनाव के भाषण में वहां के नेता हमारा नाम नहीं लें। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने शुक्रवार को भारतीय राजनेताओं से यह गुजारिश की। उन्होंने कहा कि वे अपने भाषणों में राजनीतिक लाभ के लिए पाकिस्तान को नहीं घसीटा करें। बलूच ने पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर भारत के सभी दावों को भी खारिज कर दिया।
प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय राजनेता चुनावी उद्देश्यों के लिए भारत के लोक लुभावन सार्वजनिक प्रवचन में पाकिस्तान को घसीटने की लापरवाह प्रथा बंद कर दें। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार बलोच ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर पर अनुचित दावे करने वाले हिंदुस्तानी नेताओं के उकसाने वाले बयानों में भारी इजाफा है। पाकिस्तान ऐसे दावों को खारिज करता है-अति-राष्ट्रवाद से प्रेरित, यह भड़काऊ बयानबाजी क्षेत्रीय शांति-संवेदनशीलता के लिए गंभीर खतरा है।
पाकिस्तानी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भारतीय राजनेताओं के दावे निराधार हैं। किसी ऐतिहासिक या कानूनी तथ्यों के विपरीत हैं। उन्होंने कहा कि भारत का विदेश मंत्रालय ने बार-बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से हैं और हमेशा रहेंगे। कहा कि किसी अन्य देश को इस पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।
11 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मध्य प्रदेश की एक रैली में कहा था कि जैसे जम्मू-कश्मीर विकास की ओर बढ़ रहा, मुझे लगता है कि पीओके के लोग सोचते हैं कि उनका विकास केवल पीएम मोदी के हाथों संभव है, न कि पाकिस्तान। वहां के लोग कह सकते हैं कि वे भारत के साथ रहना चाहते हैं। राजनाथ ने यह भी कहा था पीओके हमारा (भारत) हिस्सा था, है और रहेगा।
इसी महीने की शुरुआत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तिरुवनंतपुरम में कहा था कि पीओके एक नेशनल पॉजीशन है, न कि पार्टी की। भारतीय संसद ने एकजुट रुख अपनाया है। देश के हर राजनीतिक दल ने उसका समर्थन किया है। हम यह स्वीकार नहीं करेंगे कि पीओके भारत का हिस्सा नहीं है।
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