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सर्वजन के लिये सेहतमन्द आहार पर केन्द्रित नया गठबन्धन

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने सर्वजन के लिये स्वस्थ आहार सुनिश्चित करने, खाद्य प्रणालियों में कायापलट कर देने वाले बदलाव लाने और टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के इरादे से, एक गठबन्धन आधिकारिक रूप से प्रस्तुत किया है. यूएन एजेंसियों का कहना है कि इस पहल के ज़रिये, स्वास्थ्य, पोषण व पर्यावरणीय सततता को मज़बूत किया जाएगा. हर वर्ष, अस्वस्थ आहार के कारण एक करोड़ 10 लाख लोगों की मौत होती है, और असुरक्षित भोजन के सेवन की वजह से चार लाख 20 हज़ार लोगों की मौत होती है. साथ ही, पर्याप्त पोषक आहार ना मिल पाने से बड़ी संख्या में लोग पीड़ित होते हैं, जोकि अक्सर अन्य बीमारियों की वजह बनती है और देशों पर बोझ बढ़ता है. We hope you can attend our Launch event of the Coalition of Action on Healthy Diets from Sustainable Food Systems for Children & All 🗓️ TODAY, 13 May ⏰14:00-15:00 CEST 📌https://t.co/QCjX8YVjZ3#HealthyDiets #FoodSystems pic.twitter.com/kMjbQ4rDgA — FAO Social & Economic Development (@FAOSocioEcon) May 13, 2022 इस चुनौती से निपटने के लिये संयुक्त राष्ट्र की पाँच एजेंसियों – विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF), विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने शुक्रवार को एक गठबन्धन स्थापित करने की आधिकारिक रूप से घोषणा की है. वर्ष 2021 में संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणालियाँ शिखर बैठक के दौरान इस गठबन्धन की घोषणा की गई थी, जिसमें सदस्य देश, यूएन एजेंसियाँ, नागरिक समाज संगठन शैक्षणिक संस्थान और सामाजिक संगठन एकजुट प्रयास करने के लिये साथ आए हैं. इस गठबन्धन का उद्देश्य एक ऐसी दिशा में सामूहिक प्रयासों को संगठित व समर्थन प्रदान करना है, जिससे टिकाऊ खाद्य प्रणालियों के ज़रिये, सर्वजन के लिये सेहतमन्द आहार सुनिश्चित किया जा सके. वर्ष 2021 में संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणालियाँ शिखर बैठक के दौरान स्थापित इस गठबन्धन के तहत, सदस्य देश, यूएन एजेंसियाँ, नागरिक समाज संगठन शैक्षणिक संस्थान और सामाजिक संगठन एकजुट प्रयास करने के लिये साथ आए हैं. स्वस्थ आहार एक अनुमान के अनुसार, तीन अरब लोगों की सेहतमन्द आहार तक पहुँच सम्भव नहीं है. इसके अलावा, विश्व भर में बीमारियों के बोझ के लिये ज़िम्मेदार शीर्ष 10 जोखिमों में से छह कारण, अस्वस्थ आहार की वजह से हैं. गठबन्धन में शामिल यूएन एजेंसियों के अनुसार, कुपोषण का बोझ, भोजन के मानवाधिकार का उल्लंघन है, जिससे स्वास्थ्य व सामाजिक विषमताएँ और गहरी होती हैं. खाद्य प्रणालियों को निर्धारित करने वाले ग़ैर-टिकाऊ तौर-तरीक़ों की वजह से वनों की कटाई, जैवविविधता की हानि, महासागरों को नुक़सान पहुँच रहा है. साथ ही, ये पशुजनित बीमारियों और एण्टी माइक्रोबियिल प्रतिरोधन की भी वजह हैं. संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने चेतावनी जारी की है कि मौजूदा खाद्य प्रणालियाँ, हमें बीमार बना रही हैं. इसकी रोकथाम के उपायों और टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये खाद्य प्रणालियों में रुपान्तरकारी बदलावों की पुकार लगाई गई है. खाद्य प्रणालियों में बदलाव अहम टिकाऊ खाद्य प्रणालियों से प्राप्त स्वस्थ आहार के ज़रिये सेहत को बढ़ावा मिलता है और बीमारियों की रोकथाम होती है. सेहतमन्द आहार से तात्पर्य उपलब्ध, पहुँच के भीतर, सुलभ और सर्वजन को आकर्षित करने वाले आहार से है. स्वस्थ आहार को थाली तक पहुँचाने के लिये, ऐसे उत्पादन व वितरण तौर-तरीक़ों के उपयोग पर बल दिया गया है, जिसमें शिष्ट व उपयुक्त रोज़गार सुनिश्चित किया जाए, और ग्रह, मृदा, जल व जैवविविधता की रक्षा हो सके. यूएन एजेंसियों का मानना है कि खाद्य प्रणालियों में रूपान्तकारी बदलाव लाने के लिये, स्वास्थ्य, पोषण व पर्यावरणीय सततता के बुनियादी स्तम्भों पर कार्रवाई की जानी होगी. इस क्रम में, सुसंगत नीतिगत कार्रवाई, तौर-तरीक़ों, आँकड़ों की उपलब्धता और संसाधन आबण्टन की अहमयित को रेखांकित किया गया है. इस गठबन्धन की कार्ययोजना निम्न तीन बिन्दुओं पर आधारित है: - खाद्य प्रणालियों पर कार्रवाई के लिये मौजूदा विशेषज्ञता व हितधारकों में बेहतर समन्वय व संगठित प्रयास. - देशो के बीच एक दूसरे के अनुभवों से सीखने-समझने पर ज़ोर. - देशों की प्राथमिकताओं के आधार पर पोषण, स्वास्थ्य और सततता के एकीकरण के ज़रिये, विशेष परियोजनाओं का प्रबन्धन. यूएन एजेंसियों के अनुसार, इस पहल के ज़रिये टिकाऊ विकास के 2030 एजेण्डा के अनेक अहम उद्देश्यों, जैसेकि भूख और कुपोषण के सभी रूपों का अन्त करने में मदद मिलेगी. साथ ही, सर्वजन के लिये स्वस्थ जीवन व कल्याण को सुनिश्चित करना, ग़ैर-संचारी व संचारी रोगों में कमी लाना, मातृत्व व बाल स्वास्थ्य में बेहतरी लाना, टिकाऊ खपत व उत्पादन को बढ़ावा देना और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये उपायों को अपनाना सम्भव होगा. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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