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मध्य पूर्व: जायज़ राजनैतिक प्रक्रिया का कोई विकल्प नहीं, सुरक्षा परिषद में यूएन दूत

मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिये यूएन के विशेष समन्वयक टॉर वैनेसलैण्ड ने कहा है कि राजनैतिक समाधान के अभाव में क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े में ख़राब होते हालात अस्थिरता की ओर बढ़ रहे हैं. इसके मद्देनज़र, उन्होंने सचेत किया है कि टकराव को बढ़ावा देने वाले मूल मुद्दों के निपटारे के लिये एक जायज़ राजनैतिक प्रक्रिया का कोई विकल्प नहीं है. टॉर वैनेसलैण्ड ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को हालात से अवगत कराते हुए मज़बूत क़दम उठाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया है, ताकि इसराइल और फ़लस्तीन फिर से अर्थपूर्ण वार्ता के रास्ते पर आगे बढ़ सकें. विशेष समन्वयक ने कहा कि टकराव को बढ़ावा देने वाले मूल मुद्दों के निपटारे के लिये एक जायज़ राजनैतिक प्रक्रिया का कोई विकल्प नहीं है. 1/ @TWennesland: I commend the #Palestine|ian Government’s efforts to plan & implement its vaccination campaign. #UN agencies, in particular @WHOoPt, @UNICEFpalestine, @UNRWA & their partners will continue to support vaccination efforts. #SCR2334 #SecurityCouncil #COVID19 — UNSCO (@UNSCO_MEPP) March 25, 2021 उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में ऐसे चिन्ताजनक रुझान देखने को मिले हैं जिनसे पश्चिमी तट क्षेत्र खण्डित हो रहा है, फ़लस्तीनी प्राधिकरण कमज़ोर हो रहा है और शान्ति के लिये सम्भावनाओं को झटका पहुँचा है. यूएन दूत ने कहा कि पश्चिमी तट पर दैनिक हिंसा जारी है, पूर्व येरुशलम में तनाव है, शरणार्थी शिविर बढ़ रहे हैं और बस्तियों के बाशिन्दों की हिंसा गहरी चिन्ता का कारण है. “ध्वस्तीकरण और बेदख़ल किये जाने के साथ-साथ, ग़ैरक़ानूनी बस्तियाँ और योजना प्रक्रियाएं आगे बढ़ रही हैं, येरुशलम में और उसके इर्द-गिर्द.” उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा पट्टी पर हमास का नियंत्रण, फ़लस्तीनियों में विभाजन और मौजूदा इसराइली घेराबन्दी व्यवस्था के कारण एक ऐसी पीढ़ी बड़ी हो रही है, जिसने अनेक युद्धों व मानवीय संकटों का अनुभव किया है. यूएन दूत ने इसराइल से वहाँ सामान व सेवाओं की आवाजाही पर पाबन्दियों में ढिलाई देने का आग्रह किया है. हिंसक घटनाएं टॉर वैनेसलैण्ड ने क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े में हिंसा पर जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कुछ हफ़्तों में इसराइली सुरक्षा बलों के हाथों, छह फ़लस्तीनियों की मौत हुई है, जिनमें दो बच्चे हैं. ये मौतें विरोध प्रदर्शनों, झड़पों, तलाशी व गिरफ़्तारी अभियान, हमलों और इसराइलियों के विरुद्ध कथित हमलों के दौरान हुई हैं. इन घटनाओं में 205 फ़लस्तीनी घायल हुए हैं जिनमें 25 बच्चे हैं. इसी अवधि के दौरान एक महिला व दो बच्चों समेत नौ इसराइली नागरिक और आठ इसराइली सुरक्षाकर्मी भी झड़पों, गोलीबारी, चाकूबाज़ी, पथराव समेत अन्य घटनाओं में घायल हुए हैं. बस्तियाँ व ध्वस्तीकरण टॉर वैनेसलैण्ड ने कहा कि बस्तियों के बाशिन्दों से सम्बन्धित हिंसा अब भी चिन्ता की एक वजह है, मगर हाल के दिनों में इसराइल ने ऐसी घटनाओं में कमी लाने के प्रयास किये हैं. उन्होंने क़ाबिज़ पूर्वी येरूशलम और पश्चिमी तट के एक इलाक़े में नए आवास निर्माण की योजनाओं का उल्लेख करते हुए सचेत किया कि ये सभी बस्तियाँ, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अन्तर्गत ग़ैरक़ानूनी और शान्ति प्रयासों में रोड़ा हैं. हाल के दिनों में इसराइली प्रशासन ने फ़लस्तीनी स्वामित्व वाले 79 ढाँचों को ध्वस्त किया है. उन्होंने उन अनेक परिवारों के लिये चिन्ता जताई जोकि लम्बे समय से शेख़ जर्राह और सिल्वान में अपने घरों में रह रहे थे, मगर अब बेदख़ल किये जा सकते हैं. © UNRWA/Kazem abu Khalaf येरुशलम के शेख़ जर्राह इलाक़े के प्रवेश द्वार पर इसराइली पुलिसकर्मी. राजकोषीय संकट विशेष दूत ने कहा कि वित्तीय संकट से जूझ रहे फ़लस्तीनी प्राधिकरण की राजकोषीय विफलता को टालने के लिये तत्काल क़दम उठाये जाने होंगे. बताया गया है कि ज़रूरी ख़र्चों के अनुरूप राजस्व में वृद्धि नहीं हुई है, जिससे कर्ज़ बढ़ रहा है और स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढाँचे और अन्य अहम सैक्टरों में निवेश समाप्त हो रहा है. टॉर वैनेसलैण्ड ने मौजूदा राजकोषीय संकट से उबरने के लिये आर्थिक व राजनैतिक सुधारों को लागू किया जाना, पहला महत्वपूर्ण क़दम होगा. विशेष समन्वयक ने कहा कि हाल के दिनों में इसराइल और फ़लस्तीन के बीच उच्च-स्तरीय सम्वाद में कुछ संकल्प और आर्थिक क़दम लिये गए हैं, लेकिन इन प्रयासों को दीर्घकालिक उपलब्धियों में तब्दील किया जाना ज़रूरी है. उन्होंने राजनैतिक नेतृत्व की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए इसराइल, फ़लस्तीन, क्षेत्रीय देशों और वृहद अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से मज़बूत उपाय किये जाने का आग्रह किया है, ताकि सभी पक्षों को वार्ता की मेज़ पर लाया जा सके. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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