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मारियुपोल: स्टील प्लांट से आमजन की सुरक्षित निकासी, 101 लोग पहुँचे आगमन केंद्र

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि मारियुपोल के ऐज़ोवस्टाल स्टील प्लांट में फँसे आमजन की सुरक्षित निकासी प्रयासों को मूर्त रूप दिये जाने के बाद, लोगों का राहत काफ़िले के ज़रिये आगमन केंद्रों पर पहुँचना शुरू हो गया है. यूएन मानवीय राहतकर्मियों ने भरोसा दिलाया है कि वहाँ फँसे अन्य लोगों की सहायता और उन्हें वहाँ से सुरक्षित बाहर निकाले जाने के लिये हरसम्भव प्रयास किये जाएंगे. 101 महिलाओं, पुरुषों, बच्चों व बुज़ुर्गों को ऐज़ोवस्टाल स्टील प्लांट में बंकरों से बाहर निकालने और सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने में सफलता मिली है. इसके अलावा, 58 अन्य लोग मारियुपोल के बाहरी इलाक़े में स्थित मानहुश नगर से, काफ़िले में शामिल हुए. कुल मिलाकर, राहतकर्मियों ने 127 लोगों को ज़ैपोरिझिझिया तक पहुँचाया गया है, जबकि शेष अन्य काफ़िले के साथ वहाँ नहीं जाने का निर्णय लिया. I'm relieved to confirm that the safe passage operation from Mariupol has been successful. The people I travelled with told me heartbreaking stories of the hell they went through. I'm thinking about the people who remain trapped. We will do all we can to assist them. pic.twitter.com/mEqTTKZKA8 — Osnat Lubrani (@OsnatLubrani) May 3, 2022 यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष सहायता अधिकारी ओसनात लुब्रानी ने अपने एक ट्वीट सन्देश में बताया कि, “मुझे यह पुष्टि करते हुए राहत महसूस हो रही है कि मारियुपोल से सुरक्षित गुज़रने का अभियान सफल रहा है.” “मैंने जिन लोगों के साथ यात्रा की, उन्होंने मेरे साथ अपनी हृदयविदारक नारकीय व्यथा को साझा किया है.” यूएन अधिकारी के अनुसार अब तक स्टील प्लांट और मारियुपोल के अन्य इलाक़ों से 101 आम नागरिकों की सुरक्षित निकासी सम्भव हो पाई है. यूएन महासचिव ने हाल ही में रूस और यूक्रेन का दौरा किया, जिसमें वहाँ फँसे लोगों को बाहर निकालने के लिये संकल्प लिये गए थे. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र और अन्तरराष्ट्रीय रैड क्रॉस समिति के समन्वय में इस अभियान को पिछले शुक्रवार को शुरू किया गया. महासचिव गुटेरेश ने अपने एक वक्तव्य में कहा है कि सुरक्षित निकासी के समाचार को पाकर वह प्रसन्न हैं. “मुझे आशा है कि कीयेफ़ और मॉस्को के बीच समन्वय जारी रहने से और मानवीय राहत ठहराव आएंगे, जिससे आम नागरिकों को लड़ाई से निकलने के लिये सुरक्षित रास्ता मिलेगा, और सर्वाधिक ज़रूरतमन्दों तक राहत पहुँचाई जा सकेगी.” सुरक्षित निकासी प्रयास संयुक्त राष्ट्र के सहायता समन्वय कार्यालय ने अपने एक ट्वीट सन्देश में कहा है कि ज़ैपोरिज़िज़िया में आगमन केंद्र पर लोगों का पहुँचना शुरू हो गया है. यह मारियुपोल से क़रीब 300 किलोमीटर दूर स्थित है. इस बीच, यूक्रेन में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में घटना प्रबन्धक डॉक्टर डॉरिट निज़ान के अनुसार पश्चिमी मारियुपोल के बाहरी इलाक़ों में स्थित गाँवों व नगरों से अन्य आम नागरिक भी काफ़िले में आए हैं. उन्होंने कहा कि यहाँ पहले से ही लोगों का आना शुरू हो गया है, जिनमें मुख्य रूप से मारियुपोल व नज़दीकी इलाक़ों से महिलाएँ और उनके बच्चे हैं. स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं के साथ लोग यहाँ कारों में पहुँच रहे हैं, जोकि उन्हें सम्पर्क रेखा से यहाँ तक ला रहे हैं. 24 फ़रवरी को रूसी आक्रमण से पहले, मारियुपोल की जनसंख्या क़रीब पाँच लाख थी. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी अधिकारी ने बताया कि बमबारी से तबाह हुए शहर में अब भी एक लाख लोग मौजूद हैं. देखभाल व सहायता आगमन केंद्रों पर पहुँचाने वाले अधिकाँश लोगों को केवल मामूली चोटे हैं, जिसके लिये स्वास्थ देखभाल की ज़रूरत होगी. इसके समानान्तर, युद्ध के सदमे और मानसिक स्वास्थ्य भी एक बड़ा मुद्दा है, जिसके लिये दीर्घकालीन देखभाल व समर्थन की आवश्यकता होगी. युद्ध की शुरुआत से अब तक, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने यूक्रेन में 382 टन मेडिकल सामग्री पहुँचाई गई है, जिसमें से 291 टन को लाभान्वितों में वितरित किया जा चुका है. इस क्रम में, यूएन एजेंसी ने लिविफ़, कीयेफ़, ड्निप्रो, दोनेत्स्क और लुहान्स्क में केंद्रों की स्थापना की है. संगठन के नवीनतम आँकड़े दर्शाते हैं कि 24 फ़रवरी से अब तक यूक्रेन में स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों पर 186 हमले हुए हैं. इनमें 73 लोगों की मौत हुई है, 52 घायल हुए हैं, और अधिकाँश लोगों के हताहत होने की वजह भारी हथियारों की जद में आना बताया गया है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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