नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जु की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। भारत से तनाव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की तैयारी शुरू हो गई है। खबर है कि विपक्ष राष्ट्रपति को पद से हटाने की पूरी कोशिश में जुटा हुआ है। विपक्ष ने इसके लिए पर्याप्त संख्या में हस्ताक्षर का बहुमत भी जुटा लिया है। जल्दी इस प्रस्ताव को संसद में पेश किया जा सकता है।
पूर्व राष्ट्रपति के पास है बहुमत
राष्ट्रपति मोइज्जु के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी कर रहे पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम सालेह की पार्टी एमडीपी को पूर्ण बहुमत हासिल है। ऐसे में वर्तमान राष्ट्रपति की कुर्सी खतरे में पड़ती नजर आ रही है। एमडीपी का मानना है कि वर्तमान सरकार कुछ ही दिनों की मेहमान है। वही मालदीव के बिजनेस टाइकून और जूमहूरे पार्टी के नेता कासिम इब्राहिम ने कहा है कि चीन की यात्रा से लौटने के बाद मोइज्जू को भारत के खिलाफ अप्रत्यक्ष रूप से जुबानी हमला करने के लिए आवश्यक रूप से भारत से माफी मांगनी चाहिए। तभी जाकर उनकी कुर्सी बच सकती है।
कैसे पास होता है प्रस्ताव
किसी भी राष्ट्रपति के लिए महाभियोग लाने के लिए प्रस्ताव को संसद के स्पीकर के सामने पेश किया जाता है। प्रस्ताव लाने से 2 दिन पहले इसका नोटिस देना होता है। वहीं विपक्ष के साथ प्रस्ताव के समय लगभग एक तिहाई सांसदों का होना जरूरी है। अन्यथा प्रस्ताव मान्य नहीं होगा। प्रस्ताव मिलने के 14 दिन बाद संसद पर इस पर बहस होती है। करीब 3 घंटे की बहस में आधा घंटा समय उस शख्स को दिया जाता है। जिसके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है। इस बीच वह अपनी बात रख सकता है। इसके बाद वोटिंग होती है। जहां दो तिहाई बहुमत हासिल करना जरूरी होता है। फिर इसके बाद 7 मेंबर को यह नोटिस भेजा जाता है। जहां वह इस पर मुहर लगाते हैं। और प्रस्ताव पास हो जाता है। इसके बाद मौजूदा सरकार गिर जाती है।