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लिथियम की कम डोज किडनी के लिये वरदान : शोध

न्यूयॉर्क, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। बाइपोलर डिस्ऑर्डर के उपचार में इस्तेमाल किया जाने वाला लिथियम किडनी के ठीक से काम करने में भी मददगार साबित हो सकता है। अब तक लैब परीक्षणों से यह पता चला है कि लिथियम से फ्रूट फ्लाइज और राउंडवॉर्म की आयु बढ़ी। कुछ शोध में पाया गया कि प्राकृतिक रूप से जिस पानी में लिथियम घुला हो, उसे पीने से भी इंसानों की आयु बढ़ सकती है। अब अमेरिका के ओहायो स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टोलेडो के शोधकर्ताओं ने पाया है कि कम डोज में दिया गया लिथियम किडनी के लिये एंटी ऐजिंग एजेंट साबित हो सकता है। उनका यह शोध जर्नल ऑफ क्लिनिकल इन्वेस्टिगेशन में प्रकाशित हुआ है। उन्होंने पाया कि लिथियम जीएसके3 बीटा इंजाइम को ब्लॉक कर देता है। यह इंजाइम किडनी की कोशिकाओं की आयु से संबंधित है और इसके कारण ही किडनी के फंक्शन में गिरावट आती है। शोधकर्ताओं ने पशुओं पर इसका सफल परीक्षण किया। शोधकर्ताओं ने इसके लिये लिथियम क्लोराइड का भी इस्तेमाल किया, जिसका परिणाम भी समान ही आया। यूनिवर्सिटी में मेडिसीन के प्रोफेसर डॉ रूजुन गॉंग ने कहा कि आयु बढ़ने की गति धीमी करने में लिथियम का प्रभाव हॉट टॉपिक है और इसके बारे में हाल के वर्षो में कई दिलचस्प शोध किये गये हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की आयु बढ़ रही है तो अब यह ज्यादा जरूरी हो गया है कि किडनी की कार्यक्षमता को बरकरार रखने के तरीकों को ढूंढा जाये। हमारे शोध से पता चला है कि लिथियम ऐसा कर सकता है। अगर किसी व्यक्ति में किडनी संबंधी बीमारी का पता न भी चले तो भी आयु के साथ-साथ किडनी की कार्यक्षमता घटती जाती है और कई मामलों में यह 50 फीसदी घट जाती है, जिससे उम्रदराज रोगियों में किडनी फेल होने का चांस बढ़ जाता है। शोध में चूहों को लिथियम की कम डोज दी गयी, जिसमें पाया गया कि उनकी किडनी की आयु बढ़ने की गति धीमी हुई। शोधकर्ताओं ने मनोरोगियों पर भी इसका परीक्षण किया। उन्होंने पाया कि जिन मनोरोगियों को लंबे समय तक दिमागी बीमारी के उपचार के लिये लिथियम कार्बोनेट दिया गया था, उनकी किडनी अन्य रोगियों की तुलना में बेहतर काम कर रही थी, जिन्हें उपचार के रूप में लिथियम को डोज नहीं दिया गया था। गॉन्ग ने कहा कि लिथियम महंगा नहीं है और आसानी से उपलब्ध है लेकिन यह जहरीला होने के कारण अधिक कुख्यात है और यह सच भी है कि अगर इसे अधिक मात्रा में लिया जाये तो यह किडनी के लिये भी नुकसानदायक है। --आईएएनएस एकेएस/एएनएम

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