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बारूदी सुरंगों से अफगान के लोगों की जान को खतरा

काबुल, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। अफगानिस्तान में बारूदी सुरंगों से हर महीने लगभग 120 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा देते हैं या विकलांग बन जाते हैं। स्टेट मिनिस्ट्री फॉर डिजास्टर मैनेजमेंट एंड ह्यूमैनिटेरियन अफेयर्स के नूरुद्दीन रुस्तमखिल ने इंटरनेशनल डे फॉर माइन अवेयरनेस एंड असिस्टेंस इन माइन एक्शन के एक कार्यक्रम में कहा, बारूदी सुरंगों और युद्ध के विस्फोटक अवशेष हर महीने 120 से अधिक अफगानों को मारते हैं या विकलांग बना देते हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यह दिवस हर साल चार अप्रैल को मनाया जाता है। मंत्रालय के माइन एक्शन कोऑर्डिनेशन के प्रमुख रुस्तमखिल ने कहा, हम खान जागरूकता और खदान कार्रवाई में सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मना रहे हैं। इस विशेष दिन को चिह्न्ति करने से हमें कार्यक्रम से पहले सभी चुनौतियों और समस्याओं का अध्ययन और निरीक्षण करने का अवसर मिलता है। अधिकारी ने कहा कि अफगान कार्यवाहक सरकार ने देश को खदानों से मुक्त करने के अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि अंतरराष्ट्रीय समर्थन के बिना अफगानिस्तान को खानों से मुक्त करना असंभव था। पिछले चार दशकों के युद्ध के दौरान, अफगानिस्तान में बनीं लाखों खानों से देश दूषित हो गया है। पिछले 30 वर्षों के दौरान, लाखों खानों और युद्ध के विस्फोटक अवशेषों से लगभग 3,323 वर्ग किमी भूमि को साफ किया गया है। हालांकि, लगभग 606 वर्ग किमी अफगान भूमि अभी भी बारूदी सुरंगों से दूषित है। अधिकारी ने कहा कि पहाड़ी देश को खदानों से पूरी तरह मुक्त होने में सात से आठ साल लगेंगे। रुस्तमखिल के अनुसार, अफगानिस्तान के माइन एक्शन प्रोग्राम ने पिछले साल अगस्त से देश के 34 प्रांतों में से 21 में बारूदी सुरंगों और विस्फोटक आयुधों से लगभग 26 वर्ग किलोमीटर की सफाई की है। --आईएएनएस एचएमए/एएनएम

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