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कोविड-19: योरोप बना संक्रमण का नया केंद्र, सतर्कता में कोताही ना बरतने की सलाह

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने चेतावनी भरे अन्दाज़ में कहा है कि योरोपीय क्षेत्र, कोविड-19 महामारी के फैलाव का नया केंद्र बन गया है, मगर ये ध्यान रखना होगा कि कोई भी देश या क्षेत्र अभी इस चुनौती से पूरी तरह नहीं निपट पाया है. उन्होंने कुछ देशों में टीकाकरण के बाद, महामारी का अन्त होने और 'झूठी सुरक्षा' का भाव पनपने पर चिन्ता जताई है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी प्रमुख ने जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि सभी देशों को अभी, अपनी क्षमताओं को मज़बूती प्रदान करनी होगी, ताकि संक्रमण की भावी लहरों की रोकथाम के लिये समुचित तैयारी की जा सके. संगठन के महानिदेशक ने कहा कि पिछले सप्ताह, कुल संक्रमण मामलों व मृतक संख्या का 60 फ़ीसदी से अधिक, योरोपीय देशों में दर्ज किया गया. Media briefing on #COVID19 with @DrTedros https://t.co/YeGyqGK92s — World Health Organization (WHO) (@WHO) November 24, 2021 उन्होंने चिन्ता जताई कि इतनी बड़ी संख्या में मामलों की वजह से स्वास्थ्य प्रणालियों पर भीषण बोझ है और स्वास्थ्यकर्मी पस्त हो चुके हैं. वहीं, कुछ देशों में लोग मान कर चल रहे हैं कि महामारी का ख़तरा टल चुका है. “अनेक देशों व समुदायों में, एक झूठी सुरक्षा के एहसास के प्रति हम चिन्तित हैं, कि वैक्सीन ने महामारी का अन्त कर दिया है, और कि जिन लोगों का टीकाकरण हो चुका है, उन्हें कोई अन्य सावधानी बरतने की आवश्यकता नहीं है.” महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि टीकों से ज़िन्दगियों की रक्षा होती है, मगर वे पूर्ण रूप से संचारण की रोकथाम नहीं करते हैं. आँकड़े दर्शाते हैं कि डेल्टा वैरिएंट के फैलाव से पहले, वैक्सीन की मदद से वायरस संचारण में 60 प्रतिशत तक की कमी लाने में मदद मिली थी. डेल्टा के लिये, यह घटकर 40 प्रतिशत तक रह गया है. उन्होंने ध्यान दिलाया कि टीकाकरण होने की स्थिति में, गम्भीर रूप से बीमार होने और मौत होने का जोखिम कम है, मगर स्वयं के संक्रमित होने और दूसरों को संक्रमित करने का जोखिम बना रहता है. इसलिये, कोरोनावायरस से बचाव के लिये टीके लगवाने के बाद भी, सतर्कता बरती जानी ज़रूरी है. “इसका अर्थ है, मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बरतना, भीड़भाड़ से दूर रहना और सम्भव हो तो अन्य लोगों से घर के बाहर, या घर के भीतर हवादार जगह पर मिलना.” कोविड-19 की चपेट में योरोप यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने महामारी विज्ञान पर अपने साप्ताहिक अपडेट में बताया है कि योरोप में संक्रमण मामलों में, वैश्विक औसत की लगभग दोगुनी वृद्धि हुई है. इससे पहले, यूएन एजेंसी ने मंगलवार को चिन्ता जताई थी कि अगले वर्ष, मार्च महीने से पहले कोरोनावायरस के कारण होने वाली मौतों की संख्या 20 लाख के आँकड़े को छू सकती है. योरोपीय क्षेत्र के 53 देशों में, कोविड-19 की वजह से मृतक संख्या 15 लाख से अधिक हो गई है. पश्चिमी प्रशान्त और अमेरिका क्षेत्र में, मृतक संख्या में क्रमश: 29 व 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके विपरीत, अफ़्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया में पिछले सप्ताह संक्रमण मामलों में गिरावट आई है. अमेरिका में सबसे अधिक संक्रमणों का सामने आना जारी है, लेकिन जर्मनी में संक्रमणों में 31 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है, जबकि ब्रिटेन में 11 फ़ीसदी वृद्धि दर्ज की गई है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, कोरोनावायरस के अब तक 25 करोड़ 60 लाख से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है और विश्व भर में 51 लाख मौतें हुई हैं. बच्चों का टीकाकरण यूएन एजेंसी के अनुसार, बच्चों को कोरोनावायरस से बचाव के लिये, टीके लगाये जाने की आवश्यकता के सम्बन्ध में तथ्यों की समीक्षा की जा रही है. संगठन ने अब तक कोविड-19 के आठ टीकों को आपात इस्तेमाल सूची के तहत स्वीकृति दी है. अमेरिका सहित कुछ देशों में बच्चों को mRNA कोविड-19 टीके (फ़ाइज़र, मोडर्ना कम्पनियों द्वारा तैयार) लगाने की शुरुआत हो गई है. पिछले सप्ताह, यूएन एजेंसी के एक आयोग ने दोहराया था कि सभी आयु वर्गों के लिये, टीकों से होने वाले फ़ायदे, उनमें निहित जोखिमों से कहीं अधिक हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बच्चों को टीके लगाये जाने का फ़ैसला, देशों पर छोड़ दिया है, और आगाह किया है कि अनेक विकासशील देशों में कोविड-19 वैक्सीन की किल्लत व्याप्त है. बच्चों को फ़िलहाल टीकाकरण के लिये प्राथमिकता समूह के तौर पर नहीं देखा जाता है, और आम तौर पर उन्हें, संक्रमण के कारण गम्भीर रूप से बीमार होने का जोखिम भी अपेक्षाकृत कम है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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