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कोविड-19: सार्वभौमिक टीकाकरण के लिये, वैश्विक एकजुटता की अपील

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने दुनिया भर में, कोविड-19 वैक्सीन का टीकाकरण करवाने के लिये, शुक्रवार को और ज़्यादा वैश्विक एकजुटता की अपील की है. अब्दुल्ला शाहिद ने, सार्वभौमिक टीकाकरण पर एक उच्चस्तरीय चर्चा बैठक को सम्बोधित करते हुए, इन जीवनरक्षक औषधियों की उपलब्धता में मौजूद विषमता और हर एक को बीमारी से संरक्षा मुहैया कराने में, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की नाकामी को रेखांकित किया. At the high-level meeting on #Vaccines that I have convened today, participating dignitaries - @antonioguterres, @MaEllenSirleaf, @HellenClarkNZ have conveyed a singular message - vaccines must be declared a global public good to which the world must have equitable access. pic.twitter.com/8bF6MLmZlU — UN GA President (@UN_PGA) February 25, 2022 अनैतिक और अव्यावहारिक उन्होंने न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में स्थित शानदार महासभागार से अपने सम्बोधन में कहा, “मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूँ: वैक्सीन विषमता अनैतिक है, और ये अव्यावहारिक भी है.” विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, शुक्रवार तक, दुनिया भर में कोविड-19 संक्रमण के लगभग 42 करोड़ 85 लाख मामले दर्ज किये गए थे, 59 लाख लोगों की मौत भी हो चुकी है. यूएन महासभा अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि वैसे तो दुनिया भर में अभी तक कोविड-19 वैक्सीन के 10 अरब टीके लगाए जा चुके हैं, जोकि पृथ्वी पर मौजूद हर एक व्यक्ति का टीकाकरण करने के लिये काफ़ी हैं, मगर अफ़्रीकी संघ की 83 प्रतिशत आबादी को अभी पहला टीका भी नहीं लगा है. उन्होंने कहा, “ये कैसे सही ठहराया जा सकता है कि 27 देशों में अभी 10 प्रतिशत आबादी को ही टीके लगे हैं, जबकि अन्य देश अपनी आबादियों को तीसरे टीके – बूस्टर लग रहे हैं, या प्रतिबन्ध भी पूरी तरह से हटा रहे हैं.” एकजुटता में शक्ति अब्दुल्ला शाहिद ने, दुनिया भर में हर किसी के लिये टीकाकरण सुनिश्चित करने की ख़ातिर सक्रियता बढ़ाने के लिये, ये दिन भर की चर्चा आयोजित की थी, जिसमें विश्व भर के नेताओं, यूएन पदाधिकारियों, सिविल सोसायटी, ग़ैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों, निजी सैक्टर के हितधारकों, अग्रिम मोर्चों पर काम करने वाले लोगों व कुछ लोकप्रिय हस्तियों ने भी शिरकत की. उन्होंने कहा, “अगर महामारी ने हमें कुछ दिखाया है तो वो है, सामूहिक कार्रवाई की महत्ता – ये कि हमारी ताक़त, हमारी एकजुटता में निहित है.” यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने भी इस बैठक को, वीडियो सन्देश भेजा जिसमें उन्होंने वैक्सीन विषमता को, हमारे दौर का एक नैतिक कलंक क़रार दिया, क्योंकि इसके कारण ज़िन्दगियाँ ख़त्म होती हैं, अर्थव्यवस्थाएँ तबाह होती हैं, और वायरस को संक्रमण फैलाने व अपने रूप बदलने का मौक़ा मिलता है. कोवैक्स कार्यक्रम को प्राथमिकता दें यूएन प्रमुख की नज़र में, टीकाकरण के लिये सक्रियता बढ़ाने का मतलब है कि सभी देश वैक्सीन के टीके और दानराशियाँ, कोवैक्स एकजुटता व्यवस्था के साथ साझा करें. उन्होंने कहा, “इसका मतलब है कि वैक्सीन निर्माता कोवैक्स के साथ हुए वैक्सीन समझौतों की पूर्ति को प्राथमिकता पर रखें, मासिक उत्पादन पर पूर्ण पारदर्शिता बरती जाए, और परीक्षण, वैक्सीन और उपचार उपकरणों के स्थानीय व क्षेत्रीय उत्पादन के लिये भी अनुकूल परिस्थितियाँ बनाई जाएँ.” इसके साथ ही, औषधि निर्माता कम्पनियों को, तमाम क्षेत्रों में वैक्सीन उत्पादन को सहारा देने के लिये, लाइसेंस, ज्ञान और टैक्नॉलॉजी भी साझा करने होंगे. दानदाताओं और अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से भी, दानराशि में बढ़ोत्तरी करनी होगी, साथ ही वैक्सीन के बारे में भ्रामक, झूठी व ग़लत जानकारी फैलाने की “बीमारी” का मुक़ाबला करने में भी तेज़ी लानी होगी. एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “हमने आपूर्ति सुनिश्चित व प्रत्याशित होने पर आशाजनक प्रगति देखी है... जब दीर्घ जीवन वाले टीके भरपूर मात्रा में दान किये जाते हैं... और जब इस बारे में एक गहरी समझ होती है कि किसी देश को टीकाकरण बढ़ाने के लिये क्या-क्या दरकार है.” --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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