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इसराइल: दण्डमुक्ति के चलन का ख़ात्मा करने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने शनिवार को कहा है कि इसराइली सुरक्षा बलों की कार्रवाइयों की जाँच कराई जानी होगी. उन्होंने साथ ही जवाबदेही निर्धारित किये जाने और दण्डमुक्ति का अन्त करने की भी पुकार लगाई है. मानवाधिकार उच्चायुक्त की ये अपील, फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट में अल जज़ीरा की पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की हत्या के सिलसिले में की गई है. शिरीन अबु अकलेह को बुधवार को उस समय जानलेवा गोली लगी जब वो पश्चिमी तट के जेनिन में इसराइली छापे की रिपोर्टिंग कर रही थीं. प्रख्यात फ़लसस्तीनी-अमेरिकी पत्रकार शिरीन अबु अकलेह को शुक्रवार को पूर्वी येरूशेलम में दफ़नाया गया. उनके जनाज़े में भारी भीड़ शामिल हुई. ताक़त का ‘दहला देने’ वाला प्रयोग मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने एक वक्तव्य जारी करके कहा कि वो इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट (पूर्वी येरूशेलम सहित) में घटनाक्रम पर “गहरी तकलीफ़” के साथ नज़र रखे हुए हैं. उन्होंने कहा, “शुक्रवार, 13 मई को, पूर्वी येरूशेलम में पत्रकार शिरीन अबू अकलेह के जनाज़े में आए शोकाकुल लोगों पर इसराइली पुलिस के हमलों की वीडियो फुटेज, दिल दहला देने वाली है. ख़बरों से पता चलता है कि 33 लोग घायल हुए.” मिशेल बाशेलेट ने कहा कि इसराइली बल प्रयोग, जिसकी वीडियो भी बनाई गईं और उसका लाइव कवरेज हो रहा था, वो अनावश्यक प्रतीत होती है और उसकी त्वरित व पारदर्शी जाँच करानी होगी. उन्होंने कहा, “ना केवल पत्रकार शिरीन अबू अकलेह की दर्दनाक हत्या की जाँच करनी होगी बल्कि क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र में सभी हत्याओं और गम्भीर घायलों के मामलों की भी जाँच होनी होगी.” अन्वेषण की पुकार यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने बताया कि इसराइली सुरक्षा बलों द्वारा इस वर्ष अभी तक 48 फ़लस्तीनियों की मौतें हुई हैं. सबसे ताज़ा घटना शनिवार की है जिसमें एक युवा वलीद अल शरीफ़ की मौत हो गई, जो येरूशेलम में अप्रैल में अल अक़्सा मस्जिद परिसर में हुई झड़पों में घायल हुआ था. मिशेल बाशेलेट ने कहा, “जैसाकि मैं पहले भी अनेक बार पुकार लगा चुकी हूँ, इसराइली सुरक्षा बलों की कार्रवाइयों की उपयुक्त जाँच कराई जानी होगी.” “जो भी ज़िम्मेदार पाए जाएँ उन्हें दण्डित किया जाए और अपराध या हनन की गम्भीरता के अनुरूप उन पर अनुशासनिक प्रतिबन्ध लगाए जाएँ. दण्डमुक्ति का ये चलन, बन्द होना होगा.” सुरक्षा परिषद द्वारा निन्दा पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की हत्या ने पूरी दुनिया में हैरत फैला दी, और यूएन अधिकारियों ने भी जाँच कराए जाने की पुकारों में अपनी आवाज़ शामिल की. पत्रकार शिरीन अबू अकलेह को इसके बावजूद गोली मारी गई जबकि वो एक ऐसी जैकेट पहने हुए थीं जिस पर स्पष्ट और बड़े अक्षरों में “प्रैस” लिखा हुआ था. उनके एक सहयोगी भी इस घटना में घायल हुए. यूएन सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को एक वक्तव्य जारी करके, शिरीन अबू अकलेह की हत्या की कड़े शब्दों में निन्दा की और दोहराया कि पत्रकारों की भी, आम नागरिकों की ही तरह सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी. सुरक्षा परिषद ने पत्रकार शिरीन अबू अकलेह की हत्या की, त्वरित, सम्पूर्ण, पारदर्शी, और न्यायसंगत व निष्पक्ष जाँच कराए जाने की भी मांग की, और जवाबदेही निर्धारित किये जाने पर भी ज़ोर दिया. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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