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इस्लामाबाद ने शीर्ष पाकिस्तानी तालिबान कमांडरों को अफगान मध्यस्थों को सौंपा

काबुल, 13 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के दो शीर्ष कमांडरों को अफगान तालिबान को सौंप दिया है, जो दोनों पक्षों के बीच शांति वार्ता में मध्यस्थता कर रहा है। आरएफई/आरएल ने मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से बताया कि मुस्लिम खान और महमूद खान को हाल ही में एक सैन्य हिरासत सुविधा से पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी कबायली इलाके में अफगान तालिबान की हिरासत में स्थानांतरित कर दिया गया था। वार्ता की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि यह कदम पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल के नौ मई को टीटीपी नेतृत्व के साथ बातचीत के लिए काबुल पहुंचने के बाद उठाया गया है। टीटीपी नेतृत्व द्वारा जारी किए गए और आरएफई/आरएल द्वारा देखे गए एक डिक्री के अनुसार, विश्वास-निर्माण के उपाय के रूप में, टीटीपी ने 10 से 15 मई तक एक अस्थायी संघर्ष विराम पर सहमति व्यक्त की। आतंकवादी समूह ने रमजान के पवित्र महीने के अंत और ईद की छुट्टी की शुरुआत को चिह्न्ति करने के लिए 29 अप्रैल से 9 मई तक एकतरफा संघर्ष विराम की घोषणा की थी। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल और टीटीपी के बीच वार्ता की मध्यस्थता अफगान तालिबान द्वारा की जा रही है, जिसके टीटीपी के साथ घनिष्ठ वैचारिक और संगठनात्मक संबंध हैं। अफगान आतंकवादी समूह इस्लामाबाद का भी एक लंबे समय से सहयोगी है, जो इसका मुख्य विदेशी प्रायोजक है। आरएफई/आरएल की रिपोर्ट के अनुसार, एक महीने के संघर्ष विराम की अवधि समाप्त होने और दिसंबर में शांति वार्ता विफल होने के बाद से टीटीपी, जिसे पाकिस्तानी तालिबान के रूप में भी जाना जाता है, ने पाकिस्तान में अपने हमलों को तेज कर दिया है। तब से इस्लामाबाद ने पाकिस्तान में टीटीपी के 14 साल के विद्रोह को समाप्त करने के लिए बातचीत के अंत पर बातचीत को फिर से शुरू करने और बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए टीटीपी के साथ बातचीत करने के लिए अफगानिस्तान में गुप्त प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं, जहां हजारों लोग आतंकवादी हमलों और संघर्षो में मारे गए हैं। टीटीपी ने पाकिस्तानी जेलों में बंद 102 कमांडरों और लड़ाकों को रिहा करने की मांग की है। पाकिस्तान ने अधिकांश टीटीपी कैदियों को रिहा कर दिया था, लेकिन मुस्लिम खान और महमूद खान को मुक्त करने के लिए अनिच्छुक था। टीटीपी ने पाकिस्तान के कबायली इलाके में इस्लामी शरिया कानून लागू करने की भी मांग की है, एक ऐसी मांग जिसे पर्यवेक्षकों ने कहा कि सरकार शायद खारिज कर देगी। बातचीत की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि टीटीपी के इस्लामाबाद के साथ स्थायी संघर्ष विराम के लिए सहमत होने के बाद दोनों कमांडरों को अफगान तालिबान की हिरासत से रिहा कर दिया जाएगा। --आईएएनएस एसजीके

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