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इराक़: हवाई हमलों में 4 लोगों की मौत, बातचीत का सहारा लेने की पुकार

इराक़ में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNAMI) ने देश के निनेवा शहर में, बुधवार को हवाई हमलों के दौरान आम लोगों के हताहत होने की ख़बरों के बीच कहा है कि इराक़ की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखण्डता का, किसी भी क़ीमत पर, हर समय सम्मान किया जाना होगा. ख़बरों के अनुसार, तुर्की के युद्धक विमानों ने, इराक़ और सीरिया के भीतर, सन्दिग्ध कुर्दिश विद्रोहियों के ठिकानों पर बुधवार को हमले किये हैं, जिनमें कम से कम चार लोगों के मारे जाने की ख़बर है. Following airstrikes in Ninewa with civilian casualties reported, we reiterate that Iraqi sovereignty and territorial integrity must be respected at all times. Local populations must be protected, disputes should be addressed through dialogue and cooperation. — UNAMI (@UNIraq) February 2, 2022 तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने, एक वक्तव्य में कहा कि इन ताज़ा हवाई हमलों का मक़सद, “आतंकवादी ख़तरों” से, तुर्की की सीमाओं की रक्षा सुनिश्चित करना था. इराक़ में यूएन मिशन ने एक ट्विटर सन्देश में दोहराया है कि “स्थानीय आबादी की हिफ़ाज़त सुनिश्चित की जानी होगी” और “विवादों का निपटारा बातचीत व सहयोग के ज़रिये किया जाना चाहिये.” ज़मीन पर विस्फोटक इस बीच, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने बुधवार को कहा है कि लड़ाकों द्वारा ज़मीन पर विस्फोटक सामग्री पीछे छोड़ दिये जाने के कारण, पिछले सप्ताह चार बच्चों की मौत हुई है और दो अपंग हो गए हैं. मारे गए बच्चों में तीन लड़के और एक लड़की थे. इस तरह की घटनाएँ, बाबेल प्रान्त और राजधानी बग़दाद में हुई हैं, जब बच्चे, सामान्य दैनिक गतिविधियों में व्यस्त थे, मसलन लकड़ियाँ इकट्ठा करना वग़ैरा. एजेसी के अनुसार, ये कोई अलग-थलग घटनाएँ नहीं हैं. पिछले वर्ष के दौरान, युद्धक सामग्री लावारिस छोड़ दिये जाने के कारण, उसमें विस्फोट होने से 125 बच्चे हताहत हुए. इनमें 52 को अपनी जान से हाथ धोड़ना पड़ा और 73 गम्भीर रूप से घायल हुए. यूनीसेफ़ का कहना है कि इस तरह की विस्फोटक सामग्री से होने वाले भारी नुक़सान को रोकने के लिये, ठोस प्रयास करने की ज़रूरत है, विशेष रूप से उत्सुक बच्चों की हिफ़ाज़त सुनिश्चित करने के लिये, क्योंकि उससे पिछले वर्ष की तुलना में, बाल हताहतों की संख्या में 67 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई. और अधिक प्रयास इराक़ में यूनीसेफ़ की प्रतिनिधि शीमा सेन गुप्ता ने एक वक्तव्य में सभी हितधारकों का ध्यान आकर्षित किया है कि बाल सुरक्षा, सदैव ही प्राथमिकता होनी चाहिये. यूनीसेफ़ ने देश की राष्ट्रीय सरकार और दानदाताओं से, युद्धक सामग्री के अवशेषों से सुरक्षा मुहैया कराने का आग्रह किया है, ताकि संघर्ष से प्रभावित इलाक़ों में, बच्चों और समुदाय के सदस्यों को उनसे बचाव के लिये ठोस जानकारी उपलब्ध हो सके. © UNICEF/Anmar इराक़ में युद्ध में ध्वस्त हुए एक घर का दृश्य. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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