अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी दिवस : स्वयंसेवकों का सम्मान करें!
बीजिंग, 4 दिसम्बर (आईएएनएस)। 17 दिसंबर 1985 को, 40वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित किया, जो साल 1986 से हर साल 5 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य इस दिवस के माध्यम से सभी देशों की सरकारों से अधिक से अधिक लोगों को सामाजिक विकास और आर्थिक निर्माण में स्वयंसेवकों के रूप में शामिल करने के लिए आग्रह करना है। हमारे जीवन में स्वयंसेवकों को हर जगह देखा जा सकता है, विशेष रूप से महामारी की रोकथाम और नियंत्रण, गरीबी उन्मूलन, बड़े पैमाने पर प्रतियोगिताओं में, वे निस्वार्थ रूप से विभिन्न समस्याओं को हल करने में हमारी मदद करते हैं। वर्ष 2019 से कोरोना महामारी पूरी दुनिया में फैल रही है। इस दौरान, स्वयंसेवकों ने पर्यावरण स्वच्छता प्रबंधन, सार्वजनिक क्षेत्रों में कीटाणुशोधन, न्यूक्लिक एसिड परीक्षण में सहायता और दूसरों लोगों के लिए जीवन सामग्री की खरीद में सक्रिय रूप से भाग लिया है और महामारी के खिलाफ लड़ाई में महान योगदान दिया है। चीन में महामारी पर नियंत्रण पाने के साथ वर्तमान में स्वयंसेवक और स्वयंसेवी संगठन महामारी की रोकथाम और नियंत्रण करने आदि सामान्य काम करना जारी रखेंगे। स्वयंसेवक लोगों को बाहर जाते समय मास्क पहनने, न थूकने और बार-बार हाथ धोने की आदत डालने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थलों में नागरिकों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने तथा भीड़-भाड़ न करने के लिए कहते हैं और रोकथाम और नियंत्रण के परिणामों को मजबूत करने के लिए स्वच्छता अभियान को संयुक्त रूप से आयोजित करते हैं। उधर, चीन में गरीबी को पूरी तरह से खत्म करने के दौरान ऐसा समूह मौजूद था, जिसे गरीबी उन्मूलन वाला स्वयंसेवक कहते हैं। गरीब परिवारों की स्थिति को समझने, समस्याओं का पता लगाने और स्थानीय गरीबी उन्मूलन कार्यालय की सहायता के लिए स्वयंसेवक चीन के व्यापक गांवों व कस्बों में गरीब घरों में गए और उनके सामने पेश आने वाली समस्याओं को स्थानीय गरीबी उन्मूलन कार्यालय को बताया और समस्याओं को हल करने के लिए समाधान प्रस्ताव पेश किए। चीन में गरीबी उन्मूलन कार्य में उन्होंने बड़ी मदद दी है। इसके अलावा, दुनिया भर में कोरोना का कहर जारी है। आगामी 2022 पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जो पिछले ओलंपिक खेलों से अलग होगा। इस समय ओलंपिक स्वयंसेवक एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी सेवाओं का क्षेत्र बहुत व्यापक है, जैसे वे रिसेप्शन, अनुवाद, परिवहन, सुरक्षा, चिकित्सा और स्वास्थ्य, मीडिया संचालन, वस्तुओं का वितरण, परामर्श सेवा आदि जि़म्मेदारी निभाते हैं। ये स्वयंसेवक ओलंपिक खेलों की सफलता सुनिश्चित करते हैं। दैनिक जीवन में हर जगह दौड़ते हुए स्वयंसेवकों को देखा जा सकता है। वे ताली, फूल व इनाम आदि की परवाह किए बगैर चुपचाप काम करते हैं। 5 दिसंबर को आप लोगों का दिन है, आप स्वयंसेवकों को दुनिया का आभार ! (साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग) --आईएएनएस एएनएम