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भारत, यूएनएससी सुधार सहयोगी टेक्स्ट-आधारित सुधार वार्ता पर जोर देंगे

संयुक्त राष्ट्र, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। सुरक्षा परिषद में सुधार की तलाश में भारत और उसके तीन सहयोगियों ने वार्ता आयोजित करने के लिए एक टेक्स्ट को अपनाने और परिवर्तनों के लिए एक समय-सीमा निर्धारित करने पर जोर दिया है । बुधवार को एक बैठक के बाद जारी उनके संयुक्त बयान के अनुसार, जी 4 समूह के विदेश मंत्रियों ने एक एकल दस्तावेज के आधार पर, महासभा में इसे अपनाने की ²ष्टि से, आईजीएन (इंटरगवर्नमेंटल नेगोशिएशन) में बिना किसी देरी के टेक्स्ट-आधारित वार्ता शुरू करने की दिशा में काम करने के लिए अपना ²ढ़ संकल्प व्यक्त किया। बयान में कहा गया है कि उन्होंने एक निश्चित समय-सीमा में ठोस परिणाम प्राप्त करने के लिए अन्य सुधार वाले देशों और समूहों सहित सभी इच्छुक सदस्य राज्यों के साथ बातचीत तेज करने का भी फैसला किया। अंतरसरकारी वार्ता (आईजीएन) के रूप में जानी जाने वाली सुधार प्रक्रिया एक वार्ता टेक्स्ट को अपनाने में विफल रही है जिस पर चचार्ओं को आधार बनाया जा सके और आगे बढ़ाया जा सके। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस अल्बटरे फ्रेंको फ्रांका, जर्मनी के हेइको मास और जापान के मोतेगी तोशिमित्सु ने सुधारों के लिए वार्ता की प्रगति का मूल्यांकन करने और नक्शा तैयार करने के लिए विधानसभा की उच्च स्तरीय बैठक के मौके पर भविष्य की रणनीति को लेकर मुलाकात की। चार देश सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए एक साथ काम करते हैं और एक सुधारित निकाय में स्थायी सीटों के लिए एक दूसरे का समर्थन करते हैं। यूनाइटेड फॉर कंसेंसस (यूएफसी) के नाम से जाने जाने वाले देशों के एक छोटे समूह ने आईजीएन को बातचीत के टेक्स्ट को अपनाने से रोक दिया है ताकि सुधार प्रक्रिया आगे बढ़ सके। यूएफसी का नेतृत्व इटली करता है और इसमें पाकिस्तान भी शामिल है। सुरक्षा परिषद में पिछली बार 1965 में बदलाव किए गए थे और तब से संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता 117 से बढ़कर 193 हो गई है, जिसमें कई नए सदस्य अफ्रीका से आए हैं, जहां संयुक्त राष्ट्र के पास सबसे अधिक शांति अभियान हैं। चार मंत्रियों ने एजुलविनी सर्वसम्मति और अफ्रीकी संघ की सिर्टे घोषणा में निहित आम अफ्रीकी स्थिति (सीएपी) के लिए अपना मजबूत समर्थन व्यक्त किया है। दस्तावेज अफ्रीकी देशों को दो स्थायी सीटें देने के लिए परिषद का विस्तार करने का आह्वान करते हैं। मंत्रियों ने कहा कि दोनों श्रेणियों, स्थायी और गैर-स्थायी सीटों के विस्तार के माध्यम से सुरक्षा परिषद में सुधार करना आवश्यक था, ताकि सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति के रखरखाव के लिए हमेशा जटिल और उभरती चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपट सके, और इस तरह अपने कर्तव्यों को अधिक प्रभावी ढंग से पूरा कर सके। --आईएएनएस एमएसबी/आरजेएस

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