Market Update: भारत ने अमेरिका और चीन को पछाड़ा, IPO से पैसे जुटाने में टॉप पर

Global Data: भारत ने अमेरिका और चीन को आर्थिक मामले में पीछे छोड़ दिया है। आईपीओ (IPO) के माध्यम से पैसे जुटाने में तमाम देशों में गिरावट आई है, वहीं भारत पैसे इकट्ठा करने में सबसे आगे रहा है।
IPO से पैसे जुटाने में भारत टॉप पर।
IPO से पैसे जुटाने में भारत टॉप पर।रफ़्तार

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। भारत ने अमेरिका और चीन को आर्थिक मामले में पीछे छोड़ दिया है। आईपीओ (IPO) के माध्यम से पैसे जुटाने में तमाम देशों में गिरावट आई है, वहीं भारत पैसे इकट्ठा करने में सबसे आगे रहा है। आईपीओ से पैसे जुटाने में भारत पहले नंबर पर है, जबकि अमेरिका दूसरे और चीन तीसरे नंबर पर है। बता दें IPO के जरिए फंडरेजिंग यानी फंड जुटाने में 52.2 फीसदी की कमी आई है। यह घटकर 147.2 अरब डॉलर पहुंची है।

किन देशों ने IPO से जुटाई सबसे ज्यादा रकम

ग्लोबल डेटा की रिपोर्ट के अनुसार देश लेवल पर भारत 3.8 अरब डॉलर के 152 ट्रॉन्जैक्शन के साथ लिस्ट में पहले पायदान पर है। भारत के अव्वल रहने की मुख्य वजह SME IPO की ज्यादा संख्या है। IPO से फंडरेजिंग मामले में भारत के बाद अमेरिका का दूसरा नंबर है। अमेरिका 16 अरब डॉलर के 99 डील्स हैं। चीन ने 32.3 अरब डॉलर के 88 ट्रॉन्जैक्शन कर तीसरे नंबर पर है।

ग्लोबल डेटा के आंकड़े क्या कह रहे

ग्लोबल डेटा के अनुसार दुनिया भर के स्टॉक एक्सचेंजों पर इस साल के पहले आठ महीनों में 147.2 अरब डॉलर की टोटल डील वैल्यू के साथ 750 IPO लिस्टिंग रजिस्टर्ड थीं। 2022 में 138.6 अरब डॉलर की डील वैल्यू के साथ 1570 लिस्टिंग के मुकाबले 52.2 प्रतिशत की तेज गिरावट थी।

ट्रॉन्जेक्शन में Asia-Pacific क्षेत्र सबसे आगे

एशिया-प्रशांत क्षेत्र (Asia-Pacific region) में 491 ट्रॉन्जेक्शन हुए। यह अन्य क्षेत्रों के मुकाबले सबसे अधिक संख्या है। इन ट्रॉन्जेक्शन की वैल्यू 44.4 अरब डॉलर थी। उत्तरी अमेरिका का भी ऐसा ही हाल है। यहां से हुए ट्रॉन्जैक्शन्स लगभग एशिया-प्रशांत के करीब थे। नॉर्थ अमेरिका में 17 अरब डॉलर वैल्यू के 139 सौदे हुए।

IPO से कम फंडरेजिंग की मुख्य वजह?

Global Data में कंपनी प्रोफाइल एनॉलिस्ट मूर्ति ग्रांधी ने कहा है कि ग्लोबल लेवल पर इस महत्वपूर्ण गिरावट के पीछे मुख्य वजहों में से एक को दुनिया भर में आर्थिक विकास में मंदी, कड़े मौद्रिक उपायों और बढ़ते भू-राजनीतिक संघर्षों को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं। अमेरिकी एसपीएसी (US SPAC) बाजार को चुनौतियों का सामना करना पड़ा। क्योंकि, नेगोशिएशन कठिन हो गया था। बड़ी संख्या में SPAC हैं, जिन्होंने योजनाओं का खुलासा नहीं किया है। इससे आगामी महीनों में उनकी समाप्ति की समय सीमा नजदीक आने से उन्हें लिक्विडेशन का खतरा है।

टेक्नोलॉजी और कम्युनिकेशन क्षेत्र आगे

ग्लोबल डेटा के अनुसार इस साल अब तक IPO एक्टिविटी में अग्रणी क्षेत्र टेक्नोलॉजी और कम्युनिकेशन थे। इनमें 75.9 अरब डॉलर की टोटल वैल्यू के साथ 145 ट्रॉन्जैक्शन हुए थे। इसके बाद 82 डील्स (6.05 अरब डॉलर) के साथ फाइनेंशियल सर्विसेज, 73 ट्रॉन्जेक्शन (3.9 अरब डॉलर) के साथ फार्मास्यूटिकल्स और हेल्थकेयर और 57 ट्रॉन्जेक्शन (2.9 अरब डॉलर) के साथ इंडस्ट्रियल गुड्स और मशीनरी का नंबर था।

आगे का रास्ता और उपाय क्या

अधिकतर एनॉलिस्ट को उम्मीद है कि मजबूत अर्थव्यवस्था और वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति रुख को आसान बनाने के कारण फाइनेुशियल मार्केट में तेजी आएगी। इस बीच आने वाले महीनों में प्राइमरी बाजार एक्टिविटी में तेजी दिखेगी।

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