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आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में मानवाधिकारों को रखना होगा - आगे और केन्द्र में.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यूएन समर्थित एक आतंकवाद निरोधक सम्मेलन में कहा है कि आतंकवाद का सामना करने की कार्रवाइयों की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने में क़ानून का शासन, मानवाधिकार, और लैंगिक समानता को आगे रखना होगा. दो दिन का ये सम्मेलन स्पेन के मलागा में मंगलवार को शुरू हुआ. यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने मानवाधिकार, सिविल सोसायटी और आतंकवाद निरोधक कार्रवाई पर उच्च स्तरीय अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन को वीडियो सन्देश में कहा, “एक नैतिक कर्तव्य के रूप में, एक क़ानूनी ज़िम्मेदारी के रूप में, और एक रणनैतिक अनिवार्यता के रूप में, आइये, हम मानवाधिकारों को वो जगह दें जिसकी उन्हें ज़रूरत है: आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में, आग्रिम मोर्चे पर और केन्द्र में.” USG @UN_OCT Voronkov & @SpainMFA 🇪🇸 @jmalbares met at #UNMalaga2022 and agreed on the centrality of #humanrights and #civilsociety to prevent & counter #terrorism. They welcomed the excellent cooperation between UNOCT & #Spain, and the upcoming opening of a UNOCT Office in Madrid pic.twitter.com/KupHXOnKAq — United Nations Office of Counter-Terrorism (@UN_OCT) May 10, 2022 दो दिन का ये सम्मेलन दुनिया भर में आतंकवाद के बढ़ते ख़तरे, और उसके परिणामस्वरूप सम्बन्धित क़ानूनों व नीतियों में बढ़ोत्तरी की पृष्ठभूमि में आयोजित हुआ है. मानवाधिकारों पर हमले इस सम्मेलन में, सरकारें, अन्तरराष्ट्रीय संगठन, सिविल सोसायटी और मानवाधिकार पैरोकार आतंकवाद का मुक़ाबला करने के ऐसे तरीक़ों की जाँच-पड़ताल करेंगे जो मानवाधिकारों, क़ानून के शासन की कसौटी पर भी खरे उतरें और आतंकवाद का मुक़ाबला करने के प्रयासों में सिविल सोसायटी की सार्थक भागीदारी सुनिश्चित करें. यूएन महासचिव ने कहा, “इस सम्मेलन में एक केन्द्रीय सत्य झलकता है. आतंकवाद केवल निर्दोष लोगों पर ही एक हमला नहीं है. इसमें मानवाधिकारों पर एक चौतरफ़ा हमला छुपा हुआ है.” उन्होंने अफ़्रीका में दाएश व अलक़ायदा के फैलाव और अफ़ग़ानिस्तान में आतंकवाद के फिर से सिर उठाने के उदाहरण देते हुए कहा कि ये ख़तरा वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है. यूएन प्रमुख ने बताया कि अतिवादी गुट किस तरह से लिंग आधारित हिंसा में महिलाओं और लड़कियों को निशाना बना रहे हैं, जिसमें यौन हिंसा भी शामिल है. साथ ही आतंकवादी, एक बटन दबाकर अपना झूठ, नफ़रत और विभाजन फैलाने के लिये, किस तरह टैक्नॉलॉजी का प्रयोग कर रहे हैं. इस बीच, ख़ुद से भिन्न लोगों से नफ़रत करना (xenophobia), नस्लभेद और सांस्कृतिक व धार्मिक असहिष्णुता भी बढ़ रहे हैं. मूल सिद्धान्तों की पुनः पुष्टि एंतोनियो गुटेरेश ने साथ ही आगाह करते हुए ये भी कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ वैश्विक कार्रवाई, चीज़ों को बदतर भी बना सकता है. उन्होंने कहा, “सुरक्षा के नाम पर मानवीय सहायता को रोका जाता है – जिससे इनसानों की तकलीफ़ें बढ़ती हैं. सिविल सोसायटी और मानवाधिकारों के पैरोकार ख़ामोश हैं - विशेष रूप में महिलाएँ. साथ ही, आतंकवाद और हिंसा के पीड़ितों को सहायता व सहारे और न्याय व्यवस्था के बिना ही छोड़ दिया जाता है जिनकी उन्हें अपनी ज़िन्दगियाँ आगे बढ़ाने की लिये ज़रूरत होती है.” यूएन महासचिव ने बुनियादी मूल्यों में प्रतिबद्धता फिर से पुष्ट करने की पुकार लगाई, जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, संरक्षण, लैंगिक समानता, और न्याय प्रणालियों में संसाधन निवेश करना शामिल है जो तमाम लोगों को उपलब्ध हों. इनमें, मानवीय सहायता कार्रवाइयों की हिफ़ाज़त सुनिश्चित करना, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का सम्मान करना और आतंकवाद निरोधक प्रयासों में सार्थक भागीदारी के लिये, सिविल सोसायटी, विशेष रूप में महिलाओं के लिये दरवाज़े खोलना भी शामिल है. दीर्घकालीन प्रयास इस उच्चस्तरीय सम्मेलन का आयोजन संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोधक कार्यालय (UNOCT) और स्पेन ने मिलकर किया. आतंकवाद निरोधक कार्यों के लिये संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव व्लादिमीर वोरोन्कोव ने अपने उदघाटन भाषण में कहा कि आतंकवाद का मुक़ाबला करने से मानवाधिकार संरक्षण में मदद मिलती है, मगर तभी जब आतंकवाद का सामना करते समय मानवाधिकारों का सम्मान किया जाए. उन्होंने कहा कि उससे भी ज़्यादा अहम बात ये है कि मानवाधिकारों का उल्लंघन व दुर्व्यवहार करने से, आतंकवादियों के हाथ मज़बूत होते हैं क्योंकि वो सुरक्षा बलों द्वारा होने वाले अत्याचारों और अन्धाधुन्ध कार्रवाइयों के नाम पर भड़काते और उन्हें भुनाते हैं. व्लादिमीर वोरोन्कोव ने कहा कि आतंकवादी लोग व गुट, देशों द्वारा अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की योग्यता में आम लोगों का भरोसा कमज़ोर करने के उद्देश्य से ऐसा करते हैं. “जबकि इसके उलट, आतंकवाद का मुक़ाबला करने के लिये, प्रभावशाली, दीर्घकालीन और टिकाऊ प्रयास सुनिश्चित करना बेहद ज़रूरी है.” यह सम्मेलन आयोजित होने से पहले, वर्ष 2022 में, मानवाधिकार संरक्षण के लिये सक्रिय सिविल सोसायटी और साझीदारों के बीच वर्चुअल सम्वाद आयोजित हुआ था जिसका आयोजन यूएन आतंकवाद निरोधक कार्यालय और स्पेन ने किया था. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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