नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। अगर आप भी अपने बच्चों को फूड सप्लीमेंट के रूप में सेरेलेक्स(cerelac) दे रहे हैं तो आपको सावधान होने की जरुरत है। इस खबर में हम सेरेलेक्स से जुड़ी बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी बताने जा रहे हैं। सेरेलेक दुनिया की सबसे बड़ी एफएमसी और बेबी फार्मूला मैन्युफैक्चरर है। जो भारत के साथ साथ अन्य एशियाई देशों और अफ्रीकी देशों में अपने उत्पाद बेचता है। जब भी हमारे मन में शिशुओं को दूध पिलाने का विचार आता है तो हम सबसे पहले नेस्ले के बेबी मिल्क का ही चयन करते हैं। लेकिन इसको लेकर स्विस इन्वेस्टीगेटिव आर्गेनाइजेशन Public Eye ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट का खुलासा किया है।
बेबी फूड के उत्पादों के नमूने परीक्षण के लिए बेल्जियम की एक प्रयोगशाला में भेजे थे
दरअसल जांच करने वाले संगठन ने एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में बेचे जाने वाले नेस्ले के बेबी फूड के उत्पादों के नमूने परीक्षण के लिए बेल्जियम की एक प्रयोगशाला में भेजे थे। जहां जांच में पाया गया कि नेस्ले के सेरेलेक बेबी सेरिल्स में औसतन हर खुराक में 3 ग्राम के करीब ज्यादा चीनी पाई गई। यह जांच भारत के नेस्ले के सेरेलेक बेबी सेरिल्स के नमूनों की है। इसी प्रकार दक्षिण अफ्रीका में भी सेरेलेक बेबी सेरिल्स के नमूने लिए गए। जहां जांच में पाया गया कि नेस्ले के सेरेलेक बेबी सेरिल्स में औसतन हर खुराक में चार ग्राम या उससे ज्यादा चीनी है।
नाइजीरिया में इन नमूनों की जांच में 6.8 ग्राम तक ज्यादा चीनी पाई गई थी
ब्राजील नेस्ले का सबसे बड़ा दूसरा बाजार है। यहां सेरेलक को म्यूसिलॉन के नाम से जाना जाता है। ब्राजील से लिए गए आठ म्यूसिलॉन के उत्पादों में से दो नमूने बिल्कुल ठीक पाए गए, लेकिन अन्य 6 उत्पादों में 4 ग्राम ज्यादा चीनी पाई गई। वहीं नाइजीरिया में इन नमूनों की जांच में 6.8 ग्राम तक ज्यादा चीनी पाई गई थी। फिलीपींस ऐसा देश है जहां बच्चों के इन उत्पादों में चीनी की ज्यादा मात्रा नहीं होती है। हालांकि इंडोनेशिया में डैनको के नाम से बिकने वाले बेबी फूड में प्रति 100 ग्राम में 2 ग्राम ज्यादा चीनी होती है।
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