मानवाधिकार परिषद की बैठक, यूक्रेन में हुए अत्याचारों पर चिन्ता

human-rights-council-meeting-concern-over-atrocities-in-ukraine
human-rights-council-meeting-concern-over-atrocities-in-ukraine

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (Human Rights Council) की गुरूवार को एक विशेष सत्र में बैठक हुई है, जिसे 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से, आमजन के विरुद्ध कथित रूप से किये गए अत्याचारों से उपजी चिन्ता को ध्यान में रखते हुए बुलाया गया. यूक्रेन में उन इलाक़ों में युद्ध अपराधों को अंजाम दिये जाने की आशंका जताई गई है, जो कुछ समय पहले तक रूसी सैन्य बलों के नियंत्रण में थे. यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने इस पृष्ठभूमि में कहा कि घनी आबादी वाले इलाक़ों में व्यापक क्षेत्र को प्रभावित करने वाले विस्फोटक हथियारों - भीषण गोलाबारी, मल्टी-लाँच रॉकेट, मिसाइल और हवाई हमलों - का इस्तेमाल किया गया है. #HumanRights situation in 🇺🇦#Ukraine –@mbachelet updates the @UN_HRC Watch her video message⬇️⬇️⬇️ pic.twitter.com/PcnVW5ZrvN — UN Human Rights (@UNHumanRights) May 12, 2022 उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में हताहतों के लिये रूसी सैन्य बल के ज़िम्मेदार होने की सम्भावना है, मगर कुछ हद तक यूक्रेनी सैन्य बल भी इसके घेरे में हैं. मानवाधिकार प्रमुख ने कीयेफ़ और चेरनिहीफ़ में यूएन जाँचकर्ताओं की पड़ताल का उल्लेख करते हुए कहा कि केवल कीयेफ़ क्षेत्र में एक हज़ार से अधिक आम लोगों के शव मिले हैं. कुछ लोगों की मौत, हिंसक टकराव के दौरान हुई मगर ऐसा प्रतीत होता है कि अन्य को बिना किसी सुनवाई के जान से मार दिया गया है. “आम नागरिकों को जाने से मारने की ये घटनाएँ, जानबूझकर की गई प्रतीत होती हैं, जिन्हें छिपकर गोली चलाने वाले निशानेबाज़ों व सैनिकों ने अंजाम दिया.” “आमजन तब मारे गए जब वे सड़क पार कर रहे था, या अपने शरण स्थलों से बाहर आकर पानी और भोजन खोज रहे थे.”कुछ लोगों की मौत जान बचाकर भागने के लिये अपने वाहनों में जाते समय हुई. जोखिम में जीवन उच्चायुक्त बाशेलेट ने बताया कि हिंसा व टकराव के कारण सेहत के लिये उपजे दबाव और चिकित्सा सहायता के अभाव की वजह से भी कई लोगों की मौत हुई है. भीषण बमबारी के बीच, अनेक लोगों को भूमिगत स्थलों में हफ़्तों तक रहने के लिये मजबूर होना पड़ा, चूँकि रूसी सैन्य बलों ने कथित रूप से उन्हें छोड़कर जाने की कोशिश करने पर “दुर्व्यवहार या मौत” की धमकी दी थी. मानवाधिकार उच्चायुक्त के सम्बोधन के बाद, मानवाधिकार परिषद के अध्यक्ष फ़ेदेरिको वियेगास ने रूसी महासंघ के कक्ष में उपस्थित ना होने की जानकारी दी. इसके बाद, यूक्रेन प्रथम उप विदेश मंत्री को आमंत्रित किया गया. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पिछले महीने, मानवाधिकार परिषद से रूस को निलम्बित कर दिया था. इसके बावजूद, सम्बद्ध पक्ष होने के नाते रूस के पास प्रक्रिया में हिस्सा लेने का अवसर उपलब्ध था. बैठक के दौरान एक प्रस्ताव का मसौदा, सदस्य देशों के ध्यानार्थ लाया गया, जिसमें युद्ध का अन्त किये जाने, पीड़ितों के लिये जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु अन्तरराष्ट्रीय समर्थन प्रदान करने का आहवान किया गया है. इनमें से बहुत से लोगों को अब भी गम्भीर मानवीय आपात स्थिति से जूझना पड़ रहा है. बलात्कार पर क्षोभ यूक्रेनी प्रतिनिधि ने बताया कि उनके देश में आम लोगों को पिछले 10 हफ़्तों से भयावह हालात का सामना करना पड़ रहा है. “हर यूक्रेनी परिवार के लिये, बिना किसी अपवाद के दस हफ़्तों की गहरी पीड़ा.” ऐमिने ड्झेप्पर ने कीयेफ़ से मानवाधिकार परिषद को सम्बोधित करते हुए आरोप लगाया कि माँओं के सामने ही बच्चों बलात्कार किया गया. उन्होंने एक 11 वर्षीय लड़के का उल्लेख किया, जिसका माँ के सामने बलात्कार किया गया, और जिसके बाद उस लड़के के बोलने की क्षमता चली गई. यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत के बाद से, संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने, यूएन चार्टर, अन्तरारष्ट्रीय मानव कल्याण और मानवाधिकार क़ानूनों के हनन पर गहरी चिन्ता जताई है. इनमें यूक्रेन में बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों और विदेशी नागरिकों के साथ हुए बुरे बर्ताव की घटनाएँ भी हैं. © UNDP/Yevhenii Zavhorodnii यूक्रेन के बूचा इलाक़े में बड़े पैमाने पर जानमाल की हानि हुई है. भेदभावपूर्ण बर्ताव विशेष प्रक्रियाओं की समन्वय समिति के प्रमुख विक्टर मैड्रिगल-बोरलोज़ ने बताया कि अफ़्रीकी मूल के लोगों और नस्लीय व जातीय अल्पसंख्कों को, यूक्रेन छोड़कर जाते समय, भेदभावपूर्ण बर्ताव का सामना करना पड़ा. हिंसक संघर्ष ने उन क्षेत्रों को भी प्रभावित किया है, जहाँ विभिन्न जातीय समूहों के लोग वर्षों से एक साथ रहते आए हैं. साथ ही, युद्ध की रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों के लिये भी बड़ा जोखिम है, जिसे ध्यान में रखते हुए, यूएन विशेषज्ञों ने एक ऐलर्ट जारी किया है. समन्वय समिति के प्रमुख ने अनेक रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि पत्रकारों को लक्षित ढँग से निशाना बनाया जा रहा है, उन्हें यातनाएँ दिये जाने, अगवा किये जाने, हमला व जान से मार दिये जाने और घेराबन्दी वाले इलाक़ों से जाने के लिये सुरक्षित रास्ता ना मिलने की घटनाएँ हुई हैं. जाँच कार्य आरम्भ मानवाधिकार परिषद के विशेष सत्र के दौरान, यूक्रेन में दुर्व्यवहार की घटनाओं की जाँच के सिलसिले में भी एक अपडेट दिया गया. परिषद के अधिकाँश सदस्य देशों के अनुरोध पर इस जाँच टीम का गठन किया गया था. यूक्रेन पर स्वतंत्र, अन्तरराष्ट्रीय जाँच आयोग के प्रमुख एरिक मोसे ने बताया कि कमीशन का एक मुख्य कार्य, उन व्यक्तियों व संस्थाओं की शिनाख़्त करना है, जोकि मानवाधिकार, अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण क़ानून के हनन, दुर्व्यवहार और अन्य सम्बन्धित मामलों के लिये ज़िम्मेदार हैं. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in