नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। पिछले कई महीनों की उठापटक, बढ़ते आतंकी हमले और कमजोर आर्थिक स्थिति के बीच पाकिस्तान में आज आम चुनाव के लिए मतदान शुरू हो चुका है। पाकिस्तान की आवाम बढ़ चढ़कर मतदान करने के लिए पोलिंग बूथ में पहुंच रही है। पाकिस्तान के वजीरे ए आजम की रेस में पाकिस्तान की सियासत के तीन प्रमुख नाम शामिल है। इसमें मुस्लिम लीग के नवाज शरीफ, पीपल्स पार्टी के बिलावल भुट्टो और तहरीक ए इंसाफ के नेता वा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान हैं। आवाम किसे अपना वजीर ए आज़म चुनेगी। यह तो वक्त बताएगा। वहीं भारत के लिए भी पाकिस्तान के आम चुनाव कई मायनों में खास है। क्योंकि समय-समय पर पाकिस्तान के सियासत दान भारत के खिलाफ जहर उगलने का काम करते हैं। जिसकी वजह से भारत और पाकिस्तान की रिश्तो में तल्ख़ियां बनी रहती हैं।
भारत को लेकर शीर्ष नेताओं की अलग-अलग राय क्या है?
पाकिस्तान में जब भी आम चुनाव होते हैं तो स्थानीय मुद्दों के साथ साथ कश्मीर मुद्दा सबसे अहम होता है। हर बार चुनावी एजेंडा में कश्मीर को चुनाव में शामिल करने को लेकर सियासत दान कसीदे जरूर पढ़ते हैं। इतना ही नहीं भारत खिलाफ बिना जहर उगले पाकिस्तान की सियासत अधूरी मानी जाती है। अगर पाकिस्तान के शीर्ष नेताओं की बात करें तो भारत से संबधों को लेकर सभी की राय अलग-अलग रही है। पीएमएल पार्टी के नेता नवाज शरीफ अपनी चुनावी घोषणा में वादा कर चुके हैं। कि वो भारत के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा है कि अगर भारत सरकार कश्मीर से 370 को दोबारा लागू करें तो हम उसके साथ शांति स्थापित करेंगे।
बिलावल भुट्टो के तीखे वार
वहीं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो भी कई बार भारत के खिलाफ जहर उगल चुके हैं। पिछली सरकार में बिलावल भुट्टो तो पाकिस्तान की सियासत में विदेश मंत्री थे और उन्होंने 2023 में कश्मीर में भारत के एक पर्यटक कार्यक्रम की मेजबानी की आलोचना की थी। साथ ही उन्होंने जी-20 की अध्यक्षता का दुरुपयोग करने का आरोप भारत पर लगाया था। बिलावल भुट्टो अपनी चुनावी सभा में भारत से संबंध सुधारने की बात भले ही कर चुके हो। लेकिन भारत - कनाडा के राजनायिक विवाद में बिलावल जहर उगल चुके हैं। इसी तरह साल 2022 में बिलावल भुट्टो ने पीएम मोदी के लिए अपशब्द भी कहे थे। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह पाकिस्तान की सियासत का हिस्सा है कि वह भारत और भारत के प्रधानमंत्री की बुराई करने से परहेज नहीं करते हैं।
क्या होगी इमरान खान की वापसी?
पाकिस्तान की सियासत में एक और नाम है। जो सत्ता की रेस में शामिल है। वो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान है। जो मुख्य दावेदार माने जा रहे हैं। लेकिन इमरान खान तोषखाना मामले में आरोपी हैं। इसके अलावा उन पर और भी कई गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप है। जिसकी वजह से वह जेल में है। और वह चुनाव नहीं लड़ सकते। लेकिन उनकी पार्टी चुनावी मैदान में हैं। ऐसे में उन्हें सहानुभूति कितनी मिलती है। यह तो वक्त बताएगा। इमरान खान भी भारत के साथ अच्छे संबंध बनाने की बात कह चुके हैं। आपको बता दें कि साल 2019 में इमरान खान पीएम मोदी को शांति के लिए एक और मौका देने की बात कही थी। इमरान ने कहा था कि पुलवामा हमले की योग्य खुफिया जानकारी अगर भारत सरकार प्रदान करती है तो हम निश्चित तौर पर कार्रवाई करेंगे।
चुनाव में किसका पलड़ा है भारी
पाकिस्तान में हो रहे आम चुनाव में नवाज शरीफ की पार्टी PMLM सबसे मजबूत मानी जा रही है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में 266 सीटों में से नवाज शरीफ की पार्टी 118 से 135 सीटे जीत सकती है। वहीं अगर महिलाओ और अल्पसंख्यकों की सीटों को एक साथ जोड़ दिया जाए तो PMLM अकेले दम पाकिस्तान में सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। वहीं दूसरे नंबर पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी बिलावल भुट्टो की पार्टी का 35 से 40 सीट जीतने का अनुमान है। जबकि इमरान खान की पटी को 30 से 31 सीटे मिलने का अनुमान है।
कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू
पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले कई आतंकी गतिविधियां घटी हैं। मतदान के दौरान कोई आतंकी गतिविधि ना घटे इसके लिए पाकिस्तान इलेक्शन कमीशन ने कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए हैं। पाकिस्तान में 266 सीटों के लिए 51 21 उम्मीदवार मैदान पर हैं। जो अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। पाकिस्तान में सुरक्षा की बात करें तो लगभग 6.5लाख सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए पाकिस्तान ने ईरान और अफगानिस्तान की सीमा को सील कर दिया है। पाकिस्तान में वोटिंग शाम पांच बजे तक होगी।
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