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महामारी का ख़ात्मा करने के लिये वैश्विक कार्यक्रम को अब भी, अरबों डॉलर की ज़रूरत

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गुरूवार को एक नई रणनीति घोषित की है जिसमें कोविड-19 महामारी से बचाने वाली वैक्सीन्स, टैस्ट, जाँच और उपचार की उपलब्धता में मौजूद असमानता का मुक़ाबला करने के लिये, क़रीब 2 अरब 34 करोड़ डॉलर की रक़म का प्रबन्ध किये जाने की पुकार लगाई गई है. ग़ौरतलब है कि दुनिया भर में इस महामारी के मामलों में, पिछले दो महीनों में पहली बार बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि कोविड-19 महामारी का ख़ात्मा करने के लिये, संयुक्त राष्ट्र के समर्थन से चलाए जा रहे वैश्विक कार्यक्रम – एसीटी ऐक्सैलेरेटर (The Access to COVID Tools (ACT) Accelerator), दुनिया भर में, सम्भावित 50 लाख मौतों और लगभग 5.3 ट्रिलियन डॉलर के बराबर वैश्विक आर्थिक नुक़सान को रोकने के लिये बहुत महत्वपूर्ण है. "This weekend, the leaders of the @g20org countries will meet in Rome. Together, these countries have the ability to make the political and financial commitments that are needed to end this pandemic, and to prevent future crises"-@DrTedros #ACTogether — World Health Organization (WHO) (@WHO) October 28, 2021 संगठन द्वारा गुरूवार को, इस कार्यक्रम के लिये जारी रणनैतिक योजना और बजट के ज़रिये, ऐसे देशों की मदद की जाएगी जो अत्यधिक जोखिम का सामना कर रहे. इसके तहत अब से लेकर सितम्बर 2022 तक, कोविड-19 महामारी का मुक़ाबला व ख़ात्मा करने के उपकरण और संसाधन तैनात किये जाएंगे. ध्यान रहे कि कोरोनावायरस का मुक़ाबला करने के लिये एसीटी ऐक्सैलेरेटर कार्यक्रम, प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ मिलकर, अप्रैल 2020 में शुरू किया गया था. अपूर्ण सम्भावना विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि एसीटी ऐक्सैलेरेटर कार्यक्रम ने, अपनी वैक्सीन उपलब्धता पहल - ‘कोवैक्स’ के ज़रिये, अभी तक 144 देशों में, साढ़े 42 करोड़ से ज़्यादा ख़ुराकें उपलब्ध कराई हैं. साथ ही, लगभग 13 करोड़ टैस्ट किटें, और ऑक्सीजन की बढ़ी हुई आपूर्ति, निजी बचाव उपकरण (पीपीई) और उपचार किटें भी मुहैया कराई गई हैं. उन्होंने जिनीवा में, नियमित प्रैस वार्ता के दौरान कहा, “मगर एसीटी ऐक्सैलेरेटर कार्यक्रम, आपूर्ति में गम्भीर रुकावटें और वित्तीय व्यवधानों के कारण, अभी तक अपनी पूरी सामर्थ्य और क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर पाया है.” उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि जब तक इस महामारी पर सभी स्थानों पर, क़ाबू नहीं पाया जाता है, तब तक ये वायरस अपने रूप बदलता रहेगा और हर जगह फैलना जारी रखेगा. योरोप में मामलों में बढ़ोत्तरी यूएन स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि कोविड-19 महामारी के मामलों में, दुनिया भर में उछाल आना, ये याद दिलाता है कि महामारी ख़त्म होने से अभी बहुत दूर है. पिछले दो महीनों के दौरान, पहली बार इस महामारी के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी गई है, और ऐसा मुख्य रूप से योरोप में मामलों में आए उछाल के कारण हो रहा है, जबकि अन्य स्थानों पर कमी देखी गई है. डॉक्टर टैड्रॉस ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी, मुख्य रूप से इसलिये बनी हुई है क्योंकि इससे मुक़ाबला करने वाले उपकरणों व संसाधनों की उपलब्धता में भी विषमता बरक़रार है. गुरूवार तक, दुनिया भर में, कोरोनावायरस के संक्रमण के 24 करोड़ 48 लाख मामलों की पुष्टि हुई थी और 49 लाख लोगों की मौत हुई है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, “अगर, अभी तक दिये गए छह अरब 80 करोड़ टीकों का समान वितरण होता तो, हर देश में, टीकाकरण किये गए लोगों की संख्या 40 प्रतिशत तक पहुँचाने का लक्ष्य हासिल कर लिया गया होता.” जी20 देशों से अपील डॉक्टर टैड्रॉस ने, आगामी सप्ताहान्त रोम में होने वाली जी20 देशों की बैठक के सम्बन्ध में, विश्व के अग्रणी औद्योगिक देशों से अपील करते हुए कहा कि इस महामारी का ख़ात्मा करने और भविष्य में इस तरह के संकट पहले से ही रोकने के लिये जिस तरह के राजनैतिक और वित्तीय संकल्पों की ज़रूरत है, उनकी सामर्थ्य इन देशों के पास मौजूद है. उन्होंने जी20 देशों के नेताओं से, एसीटी ऐक्सैलेरेटर को पूर्ण समर्थन व सहायता देने का आग्रह किया. उन्होंने साथ ही इन देशों से, महामारी की रोकथाम के लिये पूर्व तैयारी और फैलाव के बाद उसका मुक़ाबला करने के लिये क़ानूनी रूप से बाध्य, एक वैश्विक सन्धि वजूद में लाने के प्रयासों को समर्थन देने का भी आग्रह किया. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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