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नाव हादसे में 17 रोहिंज्या लोगों की मौत की आशंका, यूएन ने जताया शोक

शरणार्थी मामलों के लिये संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNHCR) ने म्यांमार के तट के नज़दीक समुद्री क्षेत्र में, बच्चों समेत कम से कम 17 रोहिंज्या लोगों की मौत होने के समाचार पर स्तब्धता जताते हुए गहरा शोक व्यक्त किया है. आरम्भिक रिपोर्टों के अनुसार, म्याँमार के राखीन प्रान्त में स्थित सित्तवे से, 19 मई को एक नाव रवाना हुई थी. We are shocked and saddened by reports that more than a dozen Rohingya – including children – have perished off the coast of Myanmar. UNHCR is urgently seeking more information on survivors that have arrived on shore in order to assess their situation.https://t.co/DpGgv7ovg3 — UNHCR, the UN Refugee Agency (@Refugees) May 23, 2022 मगर, जल क्षेत्र में ख़राब मौसम के कारण शनिवार, 21 मई, को पाथेयन टाउनशिप के तट के पास यह नाव डूब गई. इस हादसे में कम से कम 17 रोहिंज्याओं की मौत होने की ख़बर है. तटीय किनारे पर मिले शवों को स्थानीय समुदाय द्वारा दफ़नाया गया है. एशिया व प्रशान्त क्षेत्र के लिये यूएन शरणार्थी एजेंसी के निदेशक इन्द्रिका रैटवट्टे ने कहा कि यह त्रासदी एक बार फिर से दर्शाती है कि रोहिंज्या समुदाय, म्याँमार और क्षेत्र में कितनी हताशा महसूस कर रहा है. “यह स्तब्धकारी है कि इन ख़तरनाक यात्राओं पर जाने वाले और अन्तत: अपनी जान गंवाने वाले बच्चों, महिलाओं व पुरुषों की संख्या बढ़ रही है.” संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने म्याँमार में, हादसे में जीवित बचे लोगों के सम्बन्ध में तत्काल जानकारी प्रदान किये जाने का अनुरोध किया है, ताकि उनकी तात्कालिक आवश्यकताओं का आकलन किया जा सके. पिछले एक दशक में, रोहिंज्या समुदाय के हज़ारों लोगों ने बेहतर जीवन की तलाश में बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार में शरणार्थी शिविरों और म्याँमार के राखीन प्रान्त से समुद्र का रुख़ किया है. यूएन प्रतिनिधि के अनुसार, “इन जानलेवा यात्राओं की बुनियादी वजहों से निपटा जाने की ज़रूरत है.” रोकथाम उपाय ज़रूरी इन्द्रिका रैटवट्टे ने ज़ोर देकर कहा है कि क्षेत्र में स्थित सभी देशों को एक साथ मिलकर, समुद्री यात्रा के दौरान ख़तरों का सामना करने वाले लोगों को बचाने और उन्हें तट पर सुरक्षित उतारे जाने के प्रयास करने होंगे. यूएन एजेंसी ने दोहराया है कि उचित उपायों को अपनाने में विफल रहने के घातक व त्रासदीपूर्ण नतीजे होंगे. साथ ही, नाज़ुक हालात का सामना कर रहे लोगों को अपना शिकार बनाने वाले अपराधियों और तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई को भी अनिवार्य बताया गया है. यूएन शरणार्थी एजेंसी अपने साझीदार संगठनों के साथ, शरणार्थियों और मेज़बान समुदाय के साथ सम्पर्क व सम्वाद स्थापित करने में जुटी है, ताकि इन घातक यात्राओं के लिये ज़िम्मेदार अपराधियों से बचने के लिये लोगों को जागरूक बनाया जा सके. इस वर्ष जनवरी से मई महीने के दौरान, बंगाल की खाड़ी में रोहिंज्या समुदाय के क़रीब 630 लोगों ने समुद्र के रास्ते यात्रा पर जाने का प्रयास किया है. इन ख़तरनाक यात्राओं पर जाने वाले लोगों में क़रीब 40 फ़ीसदी बच्चे और महिलाएँ हैं, और लम्बी यात्राओं के दौरान, अपराधियों व तस्करों के हाथों दुर्व्यवहार का शिकार होने का जोखिम बढ़ जाता है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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