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अल्पसंख्यक जातियों के अधिकारों के संरक्षण पर विशेषज्ञों ने की चर्चा

बीजिंग, 22 मार्च (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 49वें सत्र के दौरान जनता को केंद्र में रखें, अल्पसंख्यक जातियों के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों का सम्मान करें और उनकी रक्षा करें शीर्षक बैठक 21 मार्च को पेइचिंग स्थित चीनी केंद्रीय मिनजू विश्वविद्यालय में आयोजित हुई। इसका आयोजन ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से हुआ। चीन, कंबोडिया, कनाडा और अन्य देशों के अधिकारियों, विशेषज्ञों और विद्वानों ने संबंधित विषयों पर चर्चा की। चीनी अल्पसंख्यक जातियों के विदेशी आदान-प्रदान संघ के उपाध्यक्ष थ्येन ल्येनकांग ने कहा कि चीन जनता की प्रधानता वाली मानवाधिकार विचारधारा का पालन करता है, जातियों की समानता पर डटा रहता है, और सभी लोगों के विभिन्न अधिकारों की मजबूती का समन्वय करता है। इसका उद्देश्य विभिन्न जातियों के लोगों के सुख और सुरक्षा वाली भावना को लगातार बढ़ावा देना है। चीन के मानवाधिकारों का प्रस्ताव और अभ्यास देश की राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप है और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों व सिद्धांतों का पालन भी करता है। चीनी केंद्रीय मिनजू विश्वविद्यालय में अमेरिकी विशेषज्ञ मार्क लेविन ने कहा कि उन्होंने कैंपस जीवन के सभी पहलुओं से चीनी राष्ट्र की विविधता और एकता को महसूस किया। विभिन्न जातियों के शिक्षक और छात्र एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और एक-दूसरे को समझते हैं। वे एकजुट होते हैं और एक-दूसरे से प्यार करते हैं, जैसा कि वे एक परिवार के सदस्य हैं। वहीं उत्तर-पश्चिमी मिनजू विश्वविद्यालय में कनाडा के विशेषज्ञ ली वेइथ्सान ने कहा कि उन्हें चीन की विविधता पसंद है। इस देश में विभिन्न जातियों के लोग एकता के साथ अपने देश को और बेहतर बनाने के लिए संघर्ष करते रहे हैं। बैठक में चीनी तिब्बती अध्ययन केंद्र में तिब्बती चिकित्सा संस्थान के उप प्रधान लुओपू जाशी ने कहा कि नए युग में तिब्बत में तिब्बती चिकित्सा शास्त्र समेत विभिन्न जातियों की पारंपरिक संस्कृतियों को विरासत के रूप में लेते हुए आगे विकास किया जा रहा है। बैठक में कंबोडिया और म्यांमार के प्रतिनिधियों ने अल्पसंख्यक जातियों के अधिकारों की रक्षा करने और उनका संवर्धन करने के क्षेत्रों में अपने-अपने देश के अनुभव साझा किए और चीन के साथ संबंधित आदान-प्रदान व सहयोग को मजबूत करने की आशा जताई। बैठक में उपस्थित सभी प्रतिनिदियों का मानना है कि चीन में अल्पसंख्यक जातियां पूरी तरह से समानता और स्वतंत्रता के अधिकारों तथा आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक अधिकारों का आनंद लेती हैं। भविष्य में संबंधित अनुभव के आदान-प्रदान और साझाकरण को मजबूत किया जाना चाहिए, ताकि संयुक्त रूप से मानव जाति के साझे भाग्य वाले समुदाय के निर्माण को बढ़ावा दिया जा सके। (साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग) --आईएएनएस एएनएम

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