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इसराइली और फ़लस्तीनी वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बैठक पर उत्साह

मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिये संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत टॉर वैनेसलैण्ड ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को बताया है कि वो ये देखकर “प्रोत्साहित” महसूस कर रहे हैं कि हाल ही में वरिष्ठ इसराइली और फ़लस्तीनी अधिकारियों के बीच सम्पर्क स्थापित हुआ है. उन्होंने अलबत्ता, मध्य पूर्व में चिन्ताजनक ज़मीनी स्थिति का कोई समाधान निकालने के लिये, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से और ज़्यादा प्रयास करने के लिये भी कहा है. The health situation in #Afghanistan is deteriorating 🏥 Access to health care has decreased 📈 Cases of measles and diarrhoea have increased ⬇️ COVID-19 response has declined 🚨 Almost 50% of children are at risk of malnutrition ⬆️ Resurgence of polio is a major risk pic.twitter.com/EZiLejzsDH — WHO Afghanistan (@WHOAfghanistan) September 29, 2021 इनमें इसराइल द्वारा क़ब्ज़ा किये हुए फ़लस्तीनी क्षेत्र में नकारात्मक माहौल और हमास द्वारा शासित ग़ाज़ा पट्टी में नाज़ुक परिस्थितियों के हालात शामिल हैं. विशेष दूत ने कहा, “अब हमें एक ऐसा वैध राजनैतिक क्षितिज स्थापित करने के लिये प्रयासों में फिर से जान फूँकनी होगी जो संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून और दो राष्ट्रों की स्थापना के समाधन के सम्बन्ध में हुए द्विपक्षीय समझौतों के अनुरूप हों.” विशेष दूत टॉर वैनेसलैण्ड, सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव संख्या 2334 (2016) के क्रियान्वयन पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहे थे. इसमें 12 जून से 27 सितम्बर तक की अवधि को शामिल किया गया. यहूदी बस्तियाँ और हिंसा विशेष दूत के अनुसार, इस अवधि के दौरान, फ़लस्तीनी इलाक़ों में, नई यहूदी बस्तियों की कोई नई योजना आगे नहीं बढ़ाई गई, ना ही मंज़ूर की गई और ना ही कोई निविदा सामने आई. मगर पश्चिमी तट में फ़लस्तीनियों के स्वामित्व वाली सम्पत्तियों को ढहाया जाना और उन्हें ज़ब्त किया जाना जारी रहा. इन गतिविधियों से प्रभावित इलाक़ों में पूर्वी येरूशेलम भी शामिल था. रिपोर्ट में, यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि यहूदी बस्तियों के विस्तार में आया यह विराम, स्थाई हो जाना चाहिये. मगर विशेष दूत ने ये सूचित भी किया कि दैनिक हिंसा जारी रही. इसराइली बलों द्वारा 27 फ़लस्तीनी मारे गए और 1445 घायल हुए. फ़लस्तीनियों के हाथों एक इसराइली सैनिक की भी मौत हुई, और 41 इसराइली घायल हुए. एंतोनियो गुटेरेश ने इस रिपोर्ट में कहा है कि वो इसराइल द्वारा क़ब्ज़ा किये हुए फ़लस्तीनी इलाक़ों में, लोगों की ज़िन्दगियाँ ख़त्म होने के इस भारी नुक़सान और लोगों के गम्भीर रूप से घायल होने पर बहुत व्यथित हैं. उन्होंने कहा कि वो ये देखकर भी बहुत हैरान हैं कि बच्चों को भी लगातार हिंसा का निशाना बनाया जा रहा है. इसराइल ने, ग़ाज़ा में उन प्रतिबन्धों में कुछ ढिलाई दी है जो मई के संघर्ष के बाद सीमावर्ती इलाक़ों में लगाए गए थे. मानवीय सहायता सामग्री की आवाजाही की इजाज़त के साथ-साथ व्यावसायिक सामान और अन्तरराष्ट्रीय परियोजनाओं के लिये सामग्री का परिवहन भी आसान बनाया गया है. प्रगति मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिये विशेष दूत ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि 30 अगस्त को, फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और इसराइली रक्षा मंत्री बैनी गैण्ट्ज़ के दरम्यान हुई बैठक, अनेक वर्षों में इस तरह की पहली अहम बैठक है. इस बैठक के दौरान, इसराइल ने कहा है कि वो फ़लस्तीनी प्राधिकरण को क़र्ज़ मुहैया कराएगा और साथ ही, अधिकृत पश्चिमी तट इलाक़े में, ऐसे हज़ारों विदेशी नागरिकों को पहचान पत्र मुहैया कराने की घोषणा भी की, जिनके पास सही दस्तावेज़ नहीं हैं. इसके अलावा, फ़लस्तीनी कामगारों को इसराइल में जाकर कामकाज करने के लिये, 15 हज़ार अतिरिक्त परमिट भी अदा किया जाएंगे. इसराइल ने, पश्चिमी तट के सी इलाक़े में, फ़लस्तीनियों के लिये, एक हज़ार अतिरिक्त इमारतें बनाने के परमिट जारी करने की योजना की भी घोषणा की. मानवीय सहायता मोर्चे पर, 16 अगस्त को, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिये संयुक्त राष्ट्र की सहायता एजेंसी (UNRWA) ने लगभग तीन लाख लड़कियों व लड़कों के लिये स्कूल खोल दिये हैं. मगर एजेंसी को वर्ष के इन अन्तिम महीनों के दौरान, इन स्कूलों के संचालन के लिये, धन की व्यवस्था करने में संघर्ष करना पड़ रहा है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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