यूरोपियन यूनियन ने 5 वर्षों में 400 भारतीय प्रोडक्ट को दिखाई लाल झंडी, पाए गए धातु और कीटनाशक

चौदह 'निर्यात गुणवत्ता' वाले उत्पादों में मरकरी धातु पाई गई। मीडिया रिपोर्ट बोली अन्य उत्पादों के अलावा मछली में मरकरी और कैडमियम जैसी अन्य धातुएं भी पाई गईं।
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। 2019 से 2024 से बीच 400 से ज्यादा भारत से आयात किए जा रहे खाद्य प्रोडक्ट्स पर यूरोपियन यूनियन ने प्रतिबंध लगाया। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन खाद्य पदार्थों में कंटेनमेंट मिलने की वजह से प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही यह भी बताया गया कि कैंसर करने वाला इथाइलीन ऑकसाइड केमिकल करीब 527 प्रोडक्ट्स में पाया गया है।

शरीर के विभिन्न अंगो होते हैं प्रभावित

बताया जा रहा है कि इन प्रोडक्ट्स में से 14 प्रोडक्ट शरीर के विभिन्न अंगो को डेमेज करते हैं। तो वहीं सी फूड में मरकरी और कैदमियम जैसे धातु पाएं गए हैं। ऑक्टोपस और स्किविड में कैडमियम पाया गया। कैदमियम किडनी और कार्डियोवास्कुलर बीमारियो का बड़ा कारण है।

पाए गए कीटनाशक

तो वहीं रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि 59 प्रोडक्ट में कार्सिनोजैनिक कैमिकल पाया गया। चावल, मसालो और हर्ब्स में ट्राइसाइक्लाजोल पाया गया है। बता दें कि यह कैमिकल यूरोपियन यूनियन द्वारा बैन किया गया हुआ है। वहीं 52 प्रोडक्ट में एक से ज्यादा कीटनाशक पाए गए, तो वहीं कुछ में 5 से ज्यादा कीटनाशक पाए गए।

यूएस ने एमडीएच मसालों को दिखाई लाल झंडी

हाल ही में, फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉर्टी ऑफ इंडिया ने कीटनाशकों की मात्रा को 10 गुना तक की अनुमति दे दी है। इस कीटनाशक को अधिक्तम अवशेष सीमा के रूप में जाना जाता है। अप्रैल के महीने में खबर आई थी कि एमडीएच प्राइवेट लिमिटेड और एवरेस्ट के मसालों को सिंगापुर और हांग-कांग में बैन कर दिया गया है। साथ यूनाइटिड स्टेट कस्टम अथॉरिटी ने एमडीएच की 31 प्रतिशत मसालों से जुड़ी शिपमेंट को लाल झंडी दे दी है। इसके पीछे पिछले छह महीनों में सेलमोनैला कनटेमिनेशन बताया गया है।

उठाए जा रहे जरूरी कदम

फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉर्टी ऑफ इंडिया ने बताया कि वह सुरक्षा के लिहाज से खाद्य पदार्थो के निर्यात के लिए सभी जरूरी कमद उठा रही है। जिससे भारत का निर्यात कम ना हो।

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