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समुद्री सैक्टर में महिलाओं की भागीदारी व सशक्तिकरण पर बल

समुद्री समुदाय में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित करने के इरादे से, बुधवार, 18 मई को संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहली बार अन्तरराष्ट्रीय दिवस (International Day for Women in Maritime) मनाया जा रहा है. इस दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के ज़रिये लैंगिक समानता की समीक्षा और उन क्षेत्रों को चिन्हित किया जा रहा है, जहाँ बेहतरी की आवश्यकता है. समुद्री मामलों के लिये यूएन एजेंसी (IMO) के प्रमुख किटैक लिम ने एक वर्चुअल सिम्पोज़ियम को सम्बोधित करते हुए कहा कि समुद्री क्षेत्र प्रशासन में सदस्य देशों के कार्यबल का 20 फ़ीसदी महिलाएँ हैं. "We can – and must – do better" said IMO Secretary-General Kitack Lim, "IMO is committed to gender inclusivity." #WomenInMaritimeDay Join the symposium here: https://t.co/qkCaWAP61I pic.twitter.com/4P3BNvbPPV — IMO (@IMOHQ) May 18, 2022 समुद्री उद्योग के उप-सैक्टरों में उनकी भागीदारी 29 प्रतिशत है, मगर इन आँकड़ों को बेहतर बनाया जाना होगा. यूएन एजेंसी प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि IMO लैंगिक समावेशिता के लिये प्रतिबद्ध है. यूएन एजेंसियों के अनुसार महिलाओं की भागीदारी बढ़ाकर व निवेश के ज़रिये, समुदायों, कम्पनियों और देशों को आगे बढ़ाया जा सकता है और आर्थिक प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है. इस अन्तरराष्ट्रीय दिवस के ज़रिये समुद्री सैक्टर में महिलाओं के रोज़गार, भर्ती, रोज़गार बनाये रखने को बढ़ावा दिया जाता है. सर्वजन के लिये प्रगति समुद्री मामलों के लिये अन्तरराष्ट्रीय संगठन के प्रमुख किटैक लिम ने कहा कि पिछले तीन दशकों से अधिक समय से, यूएन एजेंसी अपने समुद्री कार्यक्रम में लैंगिक असन्तुलन से निपटने के लिये प्रयासरत है. “हम इस महत्वपूर्ण उद्देश्य के लिये संकल्पित हैं और हम इन प्रयासों को फलीभूत होते देख रहे हैं.” उन्होंने कहा कि समुद्री मामलों को एक ज़्यादा टिकाऊ, ज़्यादा विविध, और ज़्यादा समावेशी हरित भविष्य की ओर ले जाने के लिये सृजनात्मक सोच-विचार की आवश्यकता है, विशेष रूप से कार्बन पर निर्भरता घटाने और डिजिटलीकरण की पृष्ठभूमि में. “लैंगिकता की परवाह किये बग़ैर, समुद्री भविष्य पर विचार-विमर्श में भागीदारी के लिये लोगों को सशक्त बनाया जाना होगा.” समानता के लिये प्रयास दुनिया भर में, यूएन एजेंसी ने आठ समुद्री एसोसिएशन स्थापित करने में सहायता की है, जिनमें से तीन अफ़्रीका में, और एक-एक अरब देशों, एशिया, कैरीबियाई, लातिन अमेरिका व प्रशान्त क्षेत्रों में है. इनके ज़रिये, महिलाएँ IMO द्वारा समर्थित अवसरों के ज़रिये, अन्तरराष्ट्रीय समुद्री विधि संस्थान में, बन्दरगाह प्रबन्धन पाठ्यक्रम समेत अन्य विषयों में तकनीकी विशेषज्ञता प्राप्त कर सकती हैं. कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बावजूद, यूएन एजेंसी ने समुद्री सैक्टर में व्याप्त लैंगिक खाइयों को उजागर करने के इरादे से एक वैश्विक सर्वेक्षण को पूरा किया है. 2021 IMO-Women's International Shipping and Trading Association (WISTA) Women in Maritime Survey Report में, समुद्री सैक्टर में महिलाओं के अनुपात व अन्य सम्बन्धित जानकारी को साझा किया गया है. किटैक लिम ने प्रकाशन जारी करते हुए कहा कि समुद्री मामलों में लैंगिक विविधता, सैक्टर के आधार पर अलग-अलग है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को ज़रूरी कौशल प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना होगा और अवरोधों से मुक्त एक कामकाजी माहौल तैयार किया जाना होगा, जिसके ज़रिये लैंगिक समानता के नज़रिये से टिकाऊ प्रणालियाँ सृजित की जा सकती हैं. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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