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कोविड-19 के बावजूद, मलेरिया मुक्त विश्व की दिशा में प्रगति

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोमवार, 25 अप्रैल, को ‘विश्व मलेरिया दिवस’ पर ध्यान दिलाया है को कोविड-19 महामारी के बावजूद, वर्ष 2021 में मलेरिया की रोकथाम और नियंत्रण के विषय में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है. मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जिसका दुनिया भर में लोगों के स्वास्थ्य और आजीविका पर गम्भीर असर होता है, लेकिन इसकी रोकथाम व उपचार सम्भव है. अफ़्रीकी क्षेत्र के लिये यूएन एजेंसी की निदेशक डॉक्टर मातशिदिसो मोएती ने प्रोटीन-आधारित मलेरिया प्रतिरक्षण का उल्लेख करते हुए बताया कि संगठन ने पिछले वर्ष, मलेरिया के विरुद्ध पहली वैक्सीन (RTS,S) के इस्तेमाल की अभूतपूर्व सिफ़ारिश की थी. Some people are at considerably higher risk of contracting #malaria & developing severe disease: 🦟 infants 🦟 children <5 years of age 🦟 🤰🏾 🦟 patients with HIV/AIDS 🦟 people with low immunity who move into areas with intense malaria transmission pic.twitter.com/3u2WUaAvGT — World Health Organization (WHO) (@WHO) April 25, 2022 इस वैक्सीन के ज़रिये छह महीने से पाँच वर्ष तक के उम्र के उन बच्चों में मलेरिया की रोकथाम की जाएगी, जोकि बीमारी से प्रभावित, मध्यम से उच्च संचारण वाले इलाक़ों में रहते हैं. विश्व मलेरिया के दिवस के ज़रिये मच्छरों से होने वाले इस संक्रामक रोक, इसके विनाशकारी असर पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया जाता है, विशेष रूप से सब-सहारा क्षेत्र में. इस वर्ष मलेरिया दिवस की थीम ‘नवाचार को संवार करके मलेरिया के बोझ को कम करना और ज़िन्दगियों को बचाना (Harness innovation to reduce the malaria disease burden and save lives) रखी गई है. उपायों का बुद्धिमतापूर्ण इस्तेमाल डॉक्टर मोएती ने इस वर्ष, नवाचारी समाधानों के दायरे में विस्तार करने और मलेरिया के विरुद्ध लड़ाई में नए औज़ारों को तैनात किये जाने की पुकार लगाई जा रही है. साथ ही, मलेरिया की रोकथाम व उपचार को न्यायसंगत ढँग से सर्वजन के लिये उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण होगा. “वैसे तो इस बीमारी के विरुद्ध लड़ाई में, नए औज़ारों के विकास में यह अभूतपूर्व उपलब्धि है, जिससे लाखों ज़िन्दगियों की रक्षा की जा सकती है, मगर इसकी आपूर्ति अभी सीमित है.” डॉक्टर मोएती ने स्पष्ट किया कि यह सुनिश्चित किया जाना अहम होगा कि उपलब्ध ख़ुराकों का इस्तेमाल अधिकतम असर के लिये किया जाए, और सर्वाधिक जोखिम झेल रही आबादी के लिये इन्हें सुलभ बनाया जाए. मलेरिया, एक बड़ा जोखिम यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, मलेरिया रोग सार्वजनिक स्वास्थ्य व विकास के लिये एक बड़ी चुनौती है. पिछले वर्ष दर्ज किये गए 22 करोड़ 80 लाख से अधिक मामलों में 95 फ़ीसदी से अधिक, यूएन एजेंसी के अफ़्रीकी क्षेत्र में सामने आए और छह लाख से अधिक मौतें हुई. मलेरिया से सर्वाधिक प्रभावित छह देशों में कुल संख्या के 55 प्रतिशत मामले दर्ज किये गए और वहाँ 50 फ़ीसदी मौतें हुई. डॉक्टर मोएती ने सचेत किया कि मलेरिया के मामलों और मौतों में कमी लाने के लिये प्रगति की रफ़्तार धीमी हुई है, और कोविड-19 के कारण स्वास्थ्य सेवाओं में भी व्यवधान आया है. मगर, वर्ष 2000 की तुलना में, दुनिया मलेरिया के ख़िलाफ़ लड़ाई में कहीं आगे हैं और इस गति को बनाये रखने की आवश्यकता है और हाल के समय में दर्ज प्रगति को आगे बढ़ाया जाना होगा. इस बीच, संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी UNITAID ने कहा है कि मलेरिया के कारण होने वाली कुल मौतों में से दो-तिहाई से अधिक मौतें, अफ़्रीकी क्षेत्र में पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की हैं. रणनैतिक कार्रवाई पर बल UNITAID, Global Fund और GAVI ने साथ मिलकर एक परियोजना को वित्त पोषित किया है, जिसके ज़रिये रोकथाम देखभाल के तहत, बच्चों को विश्व की पहली मलेरिया वैक्सीन दी जा रही है. वैक्टर नियंत्रण की मदद से बीमारी फैलाने वाले मच्छरों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, और यह बेहद कारगर है, व मलेरिया के उन्मूलन की रणनीति का एक अहम अंग भी. यूएन एजेंसी नए और आधुनिक उपायों के साथ आगे बढ़ रही है. उदाहरणस्वरूप, अगली पीढ़ी की मच्छरदानी में निवेश के ज़रिये मच्छरों में बढ़ती प्रतिरोधक क्षमता का मुक़ाबला किया जाता है. साथ ही मच्छरों को दूर भगाने वाले उपायों, और मनुष्यों व मवेशियों का ऐसी दवाओं के साथ भी इलाज किया जा रहा है, जिनसे काटने वाले मच्छरों की मौत हो जाती है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की वैश्विक मलेरिया रणनीति में वर्ष 2030 तक बीमारी के मामलों और उससे होने वाली मौतों में 90 फ़ीसदी की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये, नए नवाचारी समाधानों को विकसित करने और उनकी तैनाती के लिये तत्काल निवेश किये जाने की आवश्यकता है. इस क्रम में, शोध, संसाधनों के दक्ष इस्तेमाल के लिये तथ्य जुटाने, दवा व कीटनाशक प्रतिरोधक पर काम करने, और ऐसी उभरती नई प्रजातियों के विरुद्ध उपाय विकसित किये जाने होंगे, जिनका पता लगाना और उपचार करना कठिन है. लड़ाई का संकल्प यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विश्व मलेरिया दिवस, राजनैतिक संकल्प को नए सिरे से जीवित करने और मलेरिया रोकथाम व नियंत्रण में निवेश जारी रखने के लिये प्रोत्साहन देने का है. उन्होंने मलेरिया से प्रभावित देशों व समुदायों से विकास साझीदारों के साथ नज़दीकी रूप से काम किये जाने का आग्रह किया है ताकि बीमारी का उन्मूलन और अन्य टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति सम्भव हो सके. उन्होंने कहा कि वह स्वयं, और अफ़्रीका में यूएन एजेंसी का क्षेत्रीय कार्यालय, मलेरिया के विरुद्ध लड़ाई में पूरी तरह संकल्पित है. देशों की सरकारों, साझीदारों व समुदायों के साथ रचनात्मक सहयोग के ज़रिये मलेरिया-मुक्त अफ़्रीका के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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