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काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य: इबोला वायरस के मामले की पुष्टि, संक्रमित की मौत

काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) के पश्चिमोत्तर इक्वेट्योर प्रान्त में स्थित म्बान्डका शहर में इबोला के एक मामले की पुष्टि होने के बाद वहाँ बीमारी के प्रकोप की घोषणा कर दी गई है. वर्ष 2018 के बाद से प्रान्त में तीसरी बार इस बीमारी का मामला सामने आया है. इबोला एक गम्भीर और अक्सर जानलेवा साबित होने वाली बीमारी है, जोकि मनुष्यों और अन्य स्तनपायी जीवों के समूह को संक्रमित करती है. अतीत में बीमारी के प्रकोप के दौरान, इसकी घातकता दर 25 फ़ीसदी से 90 फ़ीसदी आंकी गई है. बताया गया है कि संक्रमित मरीज़ एक 31 वर्षीय पुरुष था, जिसने 5 अप्रैल को इबोला के लक्षण महसूस करना शुरू किये. Today health authorities in #DRC declared an outbreak of #Ebola after a case was confirmed in Mbandaka. This is the 3rd outbreak in the province since 2018. So far, just one case has been confirmed. ➡️ https://t.co/wrN4cR2R0c pic.twitter.com/FxHd7cF3UT — WHO African Region (@WHOAFRO) April 23, 2022 एक सप्ताह तक घर पर देखभाल के बाद, मरीज़ को एक स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिये लाया गया. 21 अप्रैल को, उन्हें एक इबोला उपचार केंद्र में गहन देखभाल कक्ष में दाख़िल कराय गया, मगर उसी दिन उनकी मौत हो गई. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक़, लक्षणों की पहचान करने के बाद, स्वास्थ्यकर्मियों ने तुरन्त वहाँ से एकत्र किये गए नमूनों को इबोला वायरस की जाँच के लिये भेज दिया. अब तक एक ही मामले की पुष्टि की गई है और बीमारी के स्रोत का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है. अफ़्रीका के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर मातशिदिसो मोएती ने सचेत किया, “हमारे पास समय नहीं है.” “बीमारी को दो सप्ताह का समय मिल चुका है और अब हम भरपाई करने की कोशिश कर रहे हैं." "सकारात्मक बात तय है कि काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में स्वास्थ्य प्रशासन के पास, इबोला फैलाव पर तत्काल क़ाबू पाने का अनुभव दुनिया में किसी अन्य की तुलना में कहीं अधिक है.” इबोला का फैलाव वर्ष 1976 के बाद यह 14वीं बार है जब डीआरसी में इबोला वायरस का प्रकोप हुआ है, और वर्ष 2018 के बाद से यह छठी बार हुआ है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है कि देश में इबोला के इतिहास में दर्ज मामलों की यह अब तक की सबसे अधिक आवृत्ति है. इससे पहले, इक्वेट्योर प्रान्त में वर्ष 2020 और 2018 में क्रमश: 130 और 54 संक्रमण मामले दर्ज किये गए थे. यूएन एजेंसी ने सूचित किया है कि मृतक मरीज़ का सुरक्षा उपायों को अपनाते हुए गरिमामय ढँग से अंतिम संस्कार किया गया है. इस प्रक्रिया में ऐहतियाती उपायों का ध्यान रखा जाता है ताकि अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों के लिये संक्रमण फैलाव का जोखिम कम किया जा सके. डीआरसी में स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा देखभाल उपचार केंद्र में कर्मचारियों के स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है और उपचार केंद्र की सफ़ाई की गई है. सामुदायिक टीकाकरण बताया गया है कि आने वाले दिनों में rVSV-ZEBOV इबोला वैक्सीन दिये जाने की शुरुआत की जाएगी, जोकि गोमा और किन्शासा शहर में पहले से ही उपलब्ध है. यूएन एजेंसी के अनुसार, टीकों को म्बान्डका भेजा जाएगा और ‘चक्रपथ टीकाकरण रणनीति’ (ring vaccination strategy) के तहत ख़ुराकों को दिया जाएगा, जिसमें संक्रमितों के सम्पर्क में आए और फिर उनके सम्पर्क में आए लोगों का टीकाकरण किया जाता है. इससे वायरस के फैलाव की रोकथाम करने और ज़िन्दगियों की रक्षा करने में मदद मिलती है. डॉक्टर मोएती ने बताया कि म्बान्डका में पहले से ही कईं लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है, जिससे बीमारी के असर को कम करने में मदद मिलेगी. “2020 के दौरान प्रकोप के समय जिनका टीकाकरण किया गया था, उन्हें फिर से ख़ुराक दी जाएगी.” संगठन का कहना है कि अब इस बीमारी के लिये कारगर उपचार उपलब्ध है और यदि समय रहते स्वास्थ्य देखभाल की जाए तो जीवन पर जोखिम को काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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