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कोविड-19: वैक्सीन विषमता से, 'सफ़लता दर में ख़तरनाक अन्तर' को बढ़ावा

संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों के प्रमुखों ने, शुक्रवार को एक वक्तव्य में कहा है कि दुनिया भर में कोविड-19 से बचाने वाली वैक्सीनों का टीकाकरण, दो चिन्ताजनक रफ़्तारों के साथ आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा है कि निम्न आय वाले अधिकतर देशों में दो प्रतिशत से भी कम वयस्कों का टीकाकरण हो पाया है जबकि उच्च आय वाले देशों में ये संख्या लगभग 50 प्रतिशत है. Less than 2% of adults are fully vaccinated in most low-income countries compared to almost 50% in high income countries. This crisis of vaccine inequity is driving a dangerous divergence in #COVID19 survival rates and in the global economy.https://t.co/FzE189ZXmc — Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) August 27, 2021 अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) विश्व बैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विश्व व्यापार संगठन (WTO) के प्रमुखों ने, अफ़्रीकी वैक्सीन प्राप्ति ट्रस्ट (AVAT), अफ़्रीका सीडीसी, गावी और यूनीसेफ़ के नेताओं के साथ एक मुलाक़ात की है जिसमें निम्न और मध्य आय वाले देशों में, वैक्सीन की उपलब्धता तेज़ करने पर विचार किया गया. इनमें विशेष रूप से, अफ़्रीकी देश शामिल हैं. वैक्सीन विषमता संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों के प्रमुखों ने कहा कि वैक्सीन विषमता का संकट, कोविड-19 महामारी में लोगों के जीवित बचने के मामलों और वैश्विक अर्थव्यवस्था में ख़तरनाक अन्तर को आगे बढ़ा रहा है. उन्होंने इस अस्वीकार्य स्थिति का सामना करने में, अफ़्रीकी वैक्सीन प्राप्ति ट्रस्ट और कोवैक्स द्वारा किये जा रहे महत्वपूर्ण कार्य की सराहना भी की. हालाँकि उन्होंने आगाह करते हुए ये भी कहा कि निम्न व मध्य आय वाले देशों में वैक्सीन उपलब्धता की क़िल्लत को दूर करने और ट्रस्ट व कोवैक्स को पूरी तरह सक्षम बनाने के लिये, वैक्सीन निर्माताओं, वैक्सीन उत्पादक देशों, और पहले ही उच्च टीकाकरण दर हासिल कर चुके देशों के बीच तत्काल सहयोग की ज़रूरत है. लक्ष्य प्राप्ति संयुक्त राष्ट्र के इन कुछ शीर्ष अधिकारियों ने, सितम्बर तक सभी देशों में कम से कम 10 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण किये जाने और वर्ष 2021 के अन्त तक ये संख्या 40 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य हासिल करने के लिये, ऐसे देशों से अपने वैक्सीन भण्डार कोवैक्स व ट्रस्ट के साथ बाँटने का आग्रह किया है जिन्होंने बड़ी मात्रा में वैक्सीन ख़रीदने के समझौते किये हैं. उन्होंने वैक्सीन निर्माताओं से भी ये आग्रह किया है कि वो कोवैक्स और ट्रस्ट के साथ किये गए आपूर्ति समझौतों को, तुरन्त पूरा करने की भरपूर कोशिश करें और नियमित व स्पष्ट आपूर्ति के अनुमान मुहैया कराएँ. यूएन एजेंसियों के प्रमुखों ने, साथ ही, जी-7 देशों और वैक्सीन के टीके साझा करने वाले देशों से, अपने संकल्प पूरे करने का भी आग्रह किया है. विश्व स्वास्थ्य पर जोखिम यूएन एजेंसियाँ, इसके समानान्तर, मुख्य रूप से अफ़्रीका में वैक्सीन आपूर्ति, उत्पादन और व्यापार के मुद्दों को सुलझाने के लिये, कोवैक्स और ट्रस्ट के साथ अपने काम और तेज़ कर रही हैं. इस काम को समर्थन देने के वास्ते अनुदान और वित्तीय रियायतें भी सामने लाई जा रही हैं. यूएन एजेंसी प्रमुखों ने ये भी भरोसा दिलाया कि वो कोविड-19 की रोकथाम व उसका मुक़ाबला करने के उपकरणों की आपूर्ति व प्रयोग में पारदर्शिता बेहतर करने, अन्तरों की पहचान करने और डेटा बेहतर करने का काम जारी रखेंगे. वक्तव्य में कहा गया है, “कार्रवाई करने का सटीक समय बिल्कुल अभी है. महामारी से मुक़ाबला करने की मुहिम – और विश्व का स्वास्थ्य, दाँव पर लगे हैं.” --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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