consignment-of-life-saving-medical-supplies-reaches-afghanistan---un-health-agency
consignment-of-life-saving-medical-supplies-reaches-afghanistan---un-health-agency

जीवनरक्षक चिकित्सा सामग्री की खेप पहुँची अफ़ग़ानिस्तान – यूएन स्वास्थ्य एजेंसी

अफ़ग़ानिस्तान पर तालेबान के नियंत्रण के बाद पहली बार, संयुक्त राष्ट्र द्वारा वायु मार्ग से जीवनरक्षक चिकित्सा सामग्री देश में पहुँचाई गई है. यूएन एजेंसी के मुताबिक इस खेप की मदद से फ़िलहाल स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखने में मदद मिलेगी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोमवार को इस आशय की जानकारी देते बताया कि इसके ज़रिये स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों पर अहम चिकित्सा सामग्री का आंशिक रूप से इन्तज़ाम किया जा सकेगा. As the airlifts out of Kabul end, the tragedy that has unfolded will fade from our screens. But a far greater humanitarian crisis is just beginning. We must not turn away from the people of Afghanistan. - @FilippoGrandi, UN High Commissioner for Refugeeshttps://t.co/HC1bn13slX — UNHCR, the UN Refugee Agency (@Refugees) August 30, 2021 बताया गया है कि 12.5 मीट्रिक टन चिकित्सा सामग्री को मज़ार-ए-शरीफ़ के एयरपोर्ट के ज़रिये पाकिस्तान सरकार द्वारा मुहैया कराए गए एक विमान में रवाना किया गया. यूएन एजेंसी के मुताबिक घायलों के इलाज और आपात स्वास्थ्य किटों व अन्य सामग्री की मदद से दो लाख से अधिक लोगों की बुनियादी स्वास्थ्य ज़रूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी और साढ़े तीन हज़ार से अधिक सर्जरी प्रक्रियाओं को सम्भव होगा. स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ये सामग्री, देश के 29 प्रान्तों में 40 स्वास्थ्य केंद्रों तक तत्काल रूप से पहुँचाई जाएगी. संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में स्वास्थ्य संगठन की लॉजिस्टिक्स टीम ने चिकित्सा सामग्री को विमान पर लादने में मदद की है. यह उन तीन में से पहली उड़ान थी जिन्हें पाकिस्तान इन्टरनेशनल एयरलाइन्स ने अफ़ग़ानिस्तान में दवाओं और चिकित्सा सामग्री की तात्कालिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिये भेजा जाना है. पूर्वी भूमध्यसागर क्षेत्र के लिये स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अहमद अल मन्धारी ने बताया कि पाकिस्तान की जनता के समर्थन से ज़िन्दगियों की रक्षा करना सम्भव होगा. उनके मुताबिक, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी साझीदार संगठनों के साथ मिलकर देश में अतिरिक्त सामग्री की खेप भेजने की तैयारी में जुटी है. मगर, वायु मार्ग से मानवीय राहत सामग्री भेजे जाने के लिये रास्ते की उपलब्धता अहम है ताकि सामूहिक मानवीय राहत प्रयास के दायरे का स्तर बढ़ाया जा सके. अफ़ग़ानिस्तान में लाखों लोग नाज़ुक हालात में जीवन गुज़ार रहे हैं और उनकी ज़रूरतों को पूरा करने की प्रक्रिया अब शुरू हो रही है. यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संकट के इस समय में देश के लोगों की आवश्यकताओं से मुँह नहीं मोड़ा जा सकता. मदद का आहवान उधर, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख फ़िलिपो ग्रैण्डी ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से अफ़ग़ानिस्तान और पड़ोसी देशों में लाखों ज़रूरतमन्दों तक जल्द से जल्द मदद पहुँचाने का आग्रह किया है. शरणार्थी मामलों के प्रमुख ने सोमवार को एक अपील जारी करते हुए अफ़ग़ान नागरिकों के लिये दीर्घकालीन समाधान ढूँढने का आहवान किया है जो पिछले चार दशकों से युद्ध की आँच में झुलस रहे हैं. फ़िलिपो ग्रैण्डी ने ध्यान दिलाया कि काबुल एयरपोर्ट के ज़रिये हज़ारों लोग देश छोड़कर जाने में सफल हो गए हैं, मगर लाखों अभी भी देश के भीतर मौजूद हैं. उन्हें सहायता पहुँचाने के लिये अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को कार्रवाई करने की ज़रूरत है. इस बीच, संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवँ सांस्कृतिक संगठन ने सचेत किया है कि पिछले दो दशकों में, अफ़ग़ानिस्तन में मानवाधिकारों, शिक्षा और अन्तरराष्ट्रीय मानको के क्षेत्र में हुई प्रगति पर जोखिम मंडरा रहा है. यूनेस्को ने ध्यान दिलाया है कि देश में एक करोड़ 20 लाख युवाओं और वयस्कों को बुनियादी साक्षरता हासिल नहीं है जबकि 2006 से 2021 के बीच 81 पत्रकारों की मौत हो चुकी है जिनमें सात पत्रकारों की जान इसी वर्ष गई है. सितम्बर 2020 से फरवरी 2021 तक हर पांच में से एक महिला पत्रकारों को हिंसा और धमकियों के कारण, अपना पेशा छोड़ना पड़ा है. यूनेस्को ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में तेज़ी से बदलते हालात की निगरानी की जा रही है. इस क्रम में, शिक्षा, अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरासत के अधिकार पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in