Ind Vs Canada: भारत के हमेशा खिलाफ कनाडा, कश्मीर मुद्दे से लेकर परमाणु परीक्षण तक विरोध में खड़ा रहा

India- Canada Bilateral Relation:कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत सरकार के खिलाफ रुख अपनाए हुए हैं। उन्होंने अपने नागरिकों को कश्मीर, मणिपुर नहीं जाने की सलाह दी है।
कनाडा और भारत के पीएम।
कनाडा और भारत के पीएम।रफ्तार।

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत सरकार के खिलाफ रुख अपनाए हुए हैं। उन्होंने अपने नागरिकों को कश्मीर, मणिपुर नहीं जाने की सलाह दी है। इससे पहले ओटावा में भारत के शीर्ष राजनयिक पवन कुमार राय को भारत वापस भेजने का ऐलान किया था। जस्टिन ट्रुडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भी भारत की संलिप्तता की आशंका जताई। हालांकि पहली बार नहीं है, जब कनाडा भारत का विरोध कर रहा है। कनाडा ने 1951 के बाद से समय-समय पर भारत का विरोध करता रहा है। कश्मीर मुद्दे पर भी हमेशा भारत के विरोध में खड़ा रहा। बयान देता रहा है। 1974 में कनाडा ने भारत के परमाणु परीक्षण पर घोर आपत्ति दर्ज कराई थी।

326 लोगों की मौत के दोषी को बरी किया था

1985 में एयर इंडिया फ्लाइट पर सिख अलगाववादियों ने बमबारी की थी। बम विस्फोट में 326 लोगों की मौत हुई थी। मामले में 20 साल लंबी जांच चली। इसके बाद भी भारत ने कनाडा के साथ आतंकवाद विरोधी द्विपक्षीय वार्ता रखी थी। 2005 में कनाडा की कोर्ट ने दो आरोपियों की बरी किया था। इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज की थी।

कनाडा ने लगाए थे आर्थिक प्रतिबंध

कनाडा ने भारत के परमाणु परीक्षण करने के बाद कुछ आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे। ये प्रतिबंध 2001 में कनाडा ने हटाए। कनाडा के प्रधानमंत्री जीन चेरेतिन ने जनवरी 1996 में दो कैबिनेट मंत्रियों और 300 व्यापारिक हस्तियों के साथ भारत में राजनयिक मिशन का दौरा किया था। 2010 में भारत और कनाडा के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत शुरू हुई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से जी-20 में शिरकत करने के लिए कनाडा गए थे। वहां कनाडा के साथ सिविल न्यूक्लियर समझौता हुआ था।

मौजूदा तनाव की वजह क्या?

हाल में भारत और कनाडा के बीच तनाव के पीछे 6 जून को कनाडा के ब्रैंपटन शहर में ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं बरसी के दौरान अलगाववादियों ने पांच किलोमीटर लंबी जुलूस यात्रा निकाली थी। जूलूस में इंदिरा गांधी की हत्या की एक दृश्य को गाड़ी पर दिखाया गया था। जुलूस में इंदिरा की तरह दिखने वाली पुतले को खून से सना दिखाया गया, जिस पर दो सिखों ने बंदूकें तानी थीं। एक पोस्टर में लिखा था-दरबार साहिब पर हमले का बदला।

हालिया घटना पर शुरुआत में जताया था विरोध

भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके (जिन्हें अब भारत से बाहर जाने का आदेश मिला है) ने एक्स ट्विटर) पर लिखा था-भारत में कनाडा के उच्चायोग ने घटना की निंदा की और कहा है कि कनाडा में नफरत और हिंसा के महिमामंडन के लिए जगह नहीं है। मैं दंग हूं, जिसमें दिवंगत भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाया गया है। मैं इस तरह की गतिविधियों की स्पष्ट तौर से निंदा करता हूं।

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