वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिये, बहुपक्षीय सहयोग व एकजुटता की पुकार
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने गुरूवार को न्यूयॉर्क में यूएन महासभा को अपने सम्बोधन में वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिये बहुपक्षीय सहयोग व एकजुटता की पुकार लगाई है. यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण ने यूएन के सदस्य देशों को सहयोग व एकजुटता में एक साथ आने और सभी प्रभावितों तक मदद पहुँचाने के लिये मजबूर किया है. महासचिव ने पिछले वर्ष बहुपक्षवाद और सामूहिक कार्रवाई के लिये ‘हमारा साझा एजेण्डा’ नामक एक ब्लूप्रिन्ट पेश किया था, जिसके तहत अन्तरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने के इरादे से आयोजित एक बैठक को सम्बोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही है. इस क्रम में यूएन महासभा के नेतृत्व में यह पाँचवा व अन्तिम विचार-विमर्श आयोजन है, जिसके लिये यूएन प्रमुख ने सदस्य देशों व पक्षकारों को चर्चा में योगदान देने के लिये आभार व्यक्त किया है. यूएन प्रमुख ने कहा कि शान्ति, सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक भलाई है, जिसे साकार करने के लिये संयुक्त राष्ट्र का सृजन हुआ था. उन्होंने ध्यान दिलाया कि गुरूवार को यह बैठक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की छाया में हो रही है. “युद्ध अपने साथ मौत, मानवीय पीड़ा और अकल्पनीय तबाही लाता है, एक ऐसे समय जब हम हमारे सामने मौजूद बड़ी वैश्विक चुनौतियों को और बढ़ाने का जोखिम मोल नहीं ले सकते.” “यह हिंसक टकराव हमसे, हर प्रभावित को समर्थन देने और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के उल्लंघन पर पार पाने के लिये सहयोग व एकजुटता में एक साथ आने की पुकार लगाता है.” महासचिव गुटेरेश ने विश्व के लिये ख़तरा बनती पाँच विशाल वैश्विक चुनौतियों के प्रति आगाह किया, जिनसे निपटने की ऐतिहासिक ज़िम्मेदारी को पूरा किया जाना होगा. यूएन के शीर्षतम अधिकारी के मुताबिक़, साझा एजेण्डा, समाधानों के लिये योगदान की दिशा पर केंद्रित है, मगर इसके प्रस्तावों को आगे बढ़ाना अब सदस्य देशों पर निर्भर है. यूक्रेन में संकट उन्होंने कहा कि यूक्रेन में व्यथा की पृष्ठभूमि में बहुपक्षीय सहयोग और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है. “हमें यूएन चार्टर के मूलभूत वादे की ओर वापिस लाया गया है, ताकि भावी पीढ़ियों को युद्ध के दंश से बचाया जा सके.” “दुनिया भर में अनेक लोग पूछ रहे हैं कि 21वीं सदी में यह कैसे हो सकता है.” “हम किस तरह अब भी परमाणु रसातल की ओर ताक रहे हैं, और लाखों लोग सीमाओं को पार कर भागर रहे हैं और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के सबसे बुनियादी सिद्धान्तों को कुचला जा रहा है.” यूएन प्रमुख ने आगाह किया कि यूक्रेन में संकट की वजह से मानवीय राहत रक़म पर असर पड़ेगा, सर्वाधिक निर्बलों की पीड़ा और भूख की मार झेलने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि यह हिंसक टकराव जलवायु सम्पर्क से भी जुड़ा है, और जीवाश्म ईंधनों पर जारी निर्भरता से वैश्विक अर्थव्यवस्था व ऊर्जा सुरक्षा, भू-राजनैतिक व्यवधानों से प्रभावित होती है. मौजूदा घटनाक्रम का सबसे अधिक असर विकासशील देशों में होने की आशंका है, जोकि अभी वैश्विक महामारी के झटकों से उबरते हुए महंगाई का सामना कर रहे हैं. वैश्विक शासन व्यवस्था में सुधार यूएन प्रमुख ने प्रतिनिधियों को बताया कि यूएन चार्टर के उल्लंघन के साथ योरोप के केंद्र में युद्ध हो रहा है, जिसके मद्देनज़र, वैश्विक शासन व्यवस्था में बेहतरी लाने के लिये गम्भीर प्रयास किये जाने होंगे. इसके लिये, जोखिमों का बेहतर प्रबन्धन और वैश्विक सार्वजनिक भलाई की चीज़ों की बेहतर सुरक्षा ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ़ संयुक्त राष्ट्र या किसी अन्य संस्था के लिये नहीं है. यह एक साथ मिलकर, मौजूदा तंत्रों व ढाँचों या आवश्यकता अनुरूप उनमें बदलावों के ज़रिये दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों के समाधान की तलाश करने का है. महासचिव गुटेरेश ने वैश्विक शासन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये ठोस अनुशन्साओं की आवश्यकता है. इस इरादे से एक नए उच्चस्तरीय परामर्शदाता बोर्ड की घोषणा की गई है, जिसकी अध्यक्षता लाइबेरिया के पूर्व राष्ट्रपति ऐलेन जॉनसन सरलीफ़ और स्वीडन के पूर्व प्रधानमंत्री स्तेफ़ान लोफ़वेन के पास होगी. महासचिव ने सितम्बर 2023 को एक अन्तरसरकारी शिखर बैठक बुलाये जाने का भी प्रस्ताव दिया है, जिसका उद्देश्य, मौजूदा ख़तरनाक मार्ग से अलग हटकर, यूएन चार्टर में उल्लेखित मूल्यों पर आधारित बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना होगा. WMO/Olga Khoroshunova समुद्र - वातावरण में मौजूद ग्रीनहाउस गैसों द्वारा समााहित अत्यधिक गर्मी को सोख़कर, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कुछ टाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस शिखर वार्ता के ज़रिये, भविष्य के लिये एक ऐसे समझौते को आकार दिया जा सकता है, जिससे 2030 एजेण्डा, पैरिस जलवायु समझौते और अदीस अबाबा एक्शन एजेण्डा को स्फूर्ति मिले. साझा एजेण्डा के अहम घटक यूएन प्रमुख ने कहा कि साझा एजेण्डा में इस नज़रिये से अनेक घटकों को पेश किया गया है: पहला, शान्ति के लिये एक नया एजेण्डा, जोकि मौजूदा ख़तरों व निर्बलताओं के मद्देनज़र शान्ति व सुरक्षा की एक साझा दूरदृष्टि के इर्दगिर्द एकजुट करे दूसरा, वैश्विक डिजिटल कॉम्पैक्ट जिसका लक्ष्य मानव कल्याण, एकजुटता व प्रगति के लिये डिजिटल टैक्नॉलॉजी का इस्तेमाल हो तीसरा, अन्तरिक्ष के शान्तिपूर्ण व सतत इस्तेमाल के लिये मुख्य सिद्धान्त चौथा, एक आपात प्लैटफ़ॉर्म के इर्दगिर्द प्रोटोकॉल, जिससे वैश्विक जोखिमों के कारगर प्रबन्धन में मदद मिले © UNICEF/Joe English दक्षिणपूर्व पोलैण्ड में शरणार्थी परिवारों के कुछ बच्चे एक शिविर में खेल रहे हैं. पाँचवा, वर्तमान निर्णयों में भावी पीढ़ियों के हितों व आवश्यकताओं को ध्यान में रखने के लिये हमारे वादे पर केंद्रित घोषणापत्र यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि ये सभी प्रस्ताव नई ब्यूरोक्रेसी के लिये नहीं है, बल्कि उन चिन्ताजनक मुद्दों को निर्धारित करने की है, जिनमें बेहतरी लाने की आवश्यकता है. ऐतिहासिक पड़ाव संयुक्त राष्ट्र महासभा प्रमुख अब्दुल्ला शाहिद ने क्षोभ व्यक्त किया कि “हमारी दुनिया अभी वो दुनिया नहीं है, जिसकी परिकल्पना हमारे संस्थापकों ने 75 वर्ष पहले की थी.” “यह बढ़ती विषमता, निर्धनता, भुखमरी, हिंसक संघर्षों, आतंकवा, असुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक महामारी से ग्रस्त है.” उन्होंने सभी देशों से मज़बूत बहुपक्षवाद की दिशा में वापिस लौटने का आहवान करते हुए कहा कि कूटनीति, अन्तरराष्ट्रीय सहयोग के सिद्धान्तों पर आधारित उपायों को अपनाये जाने की ज़रूरत है, ताकि हमारे समय की चुनौतियों का शान्तिपूर्ण व कारगर ढँग से सामना किया जा सके. यूएन महासभा अध्यक्ष के मुताबिक़, टिकाऊ विकास, शान्ति और मानवाधिकारों के बीच अन्तर्निहित सम्बन्धों को अपनाने की आवश्यकता है. संगठन के इन तीन स्तम्भों को मज़बूती प्रदान की करेके, स्थिर व सहनक्षमतावान समुदायों का निर्माण किया जा सकता है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News