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अमेरिका का घमंडी मानवाधिकार तमाशा खत्म हो

बीजिंग, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने हाल ही में बयान जारी कर हांगकांग संबंधी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को बदनाम किया और चीनी पक्ष से हांगकांग में चीन विरोधी तत्वों को छोड़ने की अकारण मांग की। इस बयान में झूठ और घमंड भरा हुआ है। इसका कोई प्रभाव नहीं होगा, जिससे सिर्फ अमेरिका का दोहरा मापदंड और हांगकांग में गड़बड़ फैलाने की कुचेष्टा जाहिर होगी। हाल ही में संपन्न संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 48वें सम्मेलन में कई देशों के प्रतिनिधियों ने भाषण देकर बताया कि हांगकांग संबंधी सवाल चीन का आंतरिक मामला है, जिसमें किसी भी बाहरी शक्ति को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं हैं। 21 अक्तूबर को 76वीं यूएन महासभा की तीसरी समिति की बैठक में 60 से अधिक देशों ने संयुक्त भाषण देकर हांगकांग मुद्दे पर चीन का समर्थन किया और मानवाधिकार सवाल के राजनीतिकरण और दोहरे मापदंड का विरोध किया। अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की न्यायपूर्ण आवाज की अनसुनी नहीं करनी चाहिए। उसे चीन पर निराधार आरोप लगाने के बजाय स्वदेश में मौजूद मानवाधिकार सवाल का सामना करना चाहिए ,जैसे लंबे समय मौजूद नस्लवाद ,महामारी में आम लोगों के जीवन की उपेक्षा ,दूसरे देश में सशस्त्र हस्तक्षेप से पैदा भारी मानवाधिकार आपदा और इत्यादि । अमेरिका अपने को विश्व में तथाकथित मानवाधिकार का उपदेशक समझता है। लेकिन वह वास्तव में मानवाधिकार को रौंदने वाला सबसे बड़ा देश है। अमेरिका का घमंडी मानवाधिकार तमाशा खत्म होने का वक्त आ गया है। (साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग) --आईएएनएस एएनएम

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