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अमेरिका थाईवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता का सबसे बड़ा विध्वंसक

बीजिंग, 9 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिका ने 7 फरवरी को थाईवान को लगभग 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर मूल्य की पेट्रियट मिसाइल इंजीनियरिंग सेवा और युद्धक्षेत्र निगरानी परियोजना बेचने का फैसला किया। यह वर्तमान अमेरिकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से थाईवान को दूसरी बार हथियारों की बिक्री है। वाशिंगटन ने थाईवान की स्वतंत्रता का समर्थन न करने वाली अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता का बार-बार उल्लंघन किया है और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए बार-बार थाईवान कार्ड का इस्तेमाल किया है। यह बुरा कृत्य पूरी तरह से दिखाता है कि अमेरिका थाईवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता का सबसे बड़ा विध्वंसक है। थाईवान मुद्दा चीन-अमेरिका संबंधों में सबसे महत्वपूर्ण और सबसे संवेदनशील मुद्दा है, इसके बारे में वाशिंगटन बिलकुल स्पष्ट है। वर्तमान अमेरिकी सरकार ने कार्यभार संभालने के बाद से लेकर अब तक कई बार एक-चीन की नीति का पालन करने, थाईवान की स्वतंत्रता का समर्थन न करने का वचन दिया और थाईवान जलडमरूमध्य क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की उम्मीद जताई। लेकिन तथ्यों ने साबित कर दिया है कि अमेरिका ने वास्तव में इस कथन को लागू नहीं किया है। थाईवान जलडमरूमध्य में युद्धपोत भेजने से लेकर थाईवान को हथियारों की बिक्री तक, अमेरिका ने एक बार फिर कथनी और करनी में बड़ा फर्क होने वाले अपने पाखंड का पदार्फाश किया, और इसके साथ ही चीन को नियंत्रित करने के लिए थाईवान का उपयोग वाले अपने वास्तविक इरादे को भी उजागर किया है। विश्लेषकों के मुताबिक, अमेरिका द्वारा एक-चीन सिद्धांत को विकृत करने और थाईवान की स्वतंत्रता की अलगाववादी ताकतों की उपेक्षा करने की खतरनाक कार्रवाई न केवल थाईवान को अत्यंत खतरनाक स्थिति में लाएगी, बल्कि अमेरिका को भी इसकी कीमत चुकानी होगी। चीन को एकीकृत होना चाहिए, और उसका एकीकरण होना तय है। यह एक ऐतिहासिक प्रक्रिया है जिसे कोई व्यक्ति या कोई ताकत नहीं रोक सकती। अमेरिका को वास्तविक तौर पर एक-चीन सिद्धांत का पालन करना चाहिए, थाईवान को अपने हथियारों की बिक्री योजना को तुरंत वापस लेना चाहिए, थाईवान को हथियारों की बिक्री और अमेरिका व थाईवान के बीच सैन्य संबंधों को रोकना चाहिए, और चीन के हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए थाईवान की स्वतंत्रता अलगाववादी ताकतों का उपयोग बंद करना चाहिए। वरना, चीन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा हितों की मजबूती से रक्षा करने के लिए वैध और मजबूत कदम उठाएगा। (साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग) --आईएएनएस एएनएम

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